नशे के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह का विशेष अभियान अब तक नष्ट की गई 162000 किलो से ज्यादा नशीली खेप
नशे के खिलाफ गृहमंत्री अमित शाह का विशेष अभियान अब तक नष्ट की गई 162000 किलो से ज्यादा नशीली खेप
गौरतलब है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में नशीले पदार्थों की तस्करी और जब्त किए जाने के बाद उन्हें नष्ट किए जाने के इस विशेष अभियान को गृहमंत्री की अगुवाई में एक राष्ट्रव्यापी रूप दिया गया है और राज्यों की पुलिस के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी इस अभियान का अहम हिस्सा है.
नई दिल्ली : देश के अलग-अलग हिस्सों में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व में जब्त की गई नशीले पदार्थों की खेप को नष्ट किए जाने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम के तहत गांधीनगर में गृहमंत्री अमित शाह ने 12,438 किलो जब्त की गई नशे की खेप को नष्ट किया. नशे की यह खेप गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान से जब्त की गई थी. अलग-अलग एजेंसियों द्वारा और गांधीनगर में ये अहम कार्रवाई की गई.
इससे पहले असम में 5 राज्यों के नुमाइंदों की मौजूदगी में असम में 25,000 किलो से ज्यादा नशीले पदार्थों की खेप को नष्ट किया गया था और उससे पहले चंडीगढ़ और चार जगहों पर एक साथ 30,000 से ज्यादा नशे की खेप नष्ट की जा चुकी है, जिसके बाद अब तक ऐसी अलग-अलग कार्रवाई में अब तक 1,62,000 किलो से ज्यादा जब्त की गई नशीले पदार्थों की खेप को नष्ट किया जा चुका है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार के नेतृत्व में नशीले पदार्थों की तस्करी और जब्त किए जाने के बाद उन्हें नष्ट किए जाने के इस विशेष अभियान को गृहमंत्री की अगुवाई में एक राष्ट्रव्यापी रूप दिया गया है और राज्यों की पुलिस के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी इस अभियान का अहम हिस्सा है.
इस अभियान में उन राज्यों को अहमियत दी जा रही है, जिनकी सीमा पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन को छूती हैं. इसके अलावा विदेशी नागरिक जो भारत में नशीले पदार्थों की तस्करी में सक्रिय हैं, उनपर भी लगाम कसने के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है.
जब्त किए नशीले पदार्थ, जिनको नष्ट करने की प्रक्रिया चल रही है, उसमें गांजा और हेरोइन की मात्रा सबसे अधिक है. इसके अलावा अन्य नशीले पदार्थ हैं, जिनको नष्ट किया जा रहा है.
गौरतलब है गृहमंत्री अमित शाह ने देश के अलग-अलग हिस्सों में इस अभियान को पिछले कुछ महीनों में जो अंजाम दिया है, उसमें इस बात पर जोर दिया है कि नशीले पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाई जानी चाहिए, जिसके बाद अलग-अलग राज्यों की जांच एजेंसियां इसके समन्वय के लिए काम कर रही हैं.
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Tags: Amit shah, Drugs caseFIRST PUBLISHED : October 27, 2022, 11:18 IST