वसीम अहमद /अलीगढ़: जिस उम्र में बच्चे खेलने कूदने में मस्त रहते हैं. उस उम्र में नन्ही सी जान श्रेष्ठा गौड़ ने स्केटिंग चैंपियन बनकर गोल्ड मेडल प्राप्त करने की उपलब्धि हासिल की है. 1995 में मेरठ में जन्मी श्रेष्ठा ने साल 2000 से महज 5 वर्ष की आयु से स्केटिंग करना शुरू किया, जिसके बाद श्रेष्ठा नहीं रुकी और अपने जीवन में आगे बढ़ती चली गई. वर्ष 2005 में सोनिया गांधी द्वारा आउटलुक अवार्ड से श्रेष्ठा गौड़ को नवाजा गया था.
कहानी श्रेष्ठा गौड़ की
जानकारी देते हुए श्रेष्ठा गौड़ ने बताया, ‘मैं करीब 5 साल की थी जब मैंने स्केटिंग करना शुरू किया. मैंने अपने फादर से इंस्पायर होकर स्केटिंग करना शुरू किया था. मुझे बचपन से ही बहुत ज्यादा गेम्स में रुचि थी. बहुत कम समय में मैं बहुत आगे बढ़ चुकी थी.’
कर चुकी हैं 150 गोल्ड मेडल हासिल
श्रेष्ठा ने अब तक 150 गोल्ड मेडल हासिल किए हैं. इनमें नेशनल लेवल पर 35 सिल्वर और 17 ब्राउंस मेडल है. उन्होंने बताया कि मेरे पास बहुत सारे अवॉर्ड्स मैंने प्राप्त किए, जिसमें से श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा स्पीक आउट पर्सन ऑफ द ईयर अवार्ड आउटलुक मैगजीन के द्वारा 2005 में मिला.
लड़कियां किसी से कम नहीं होती
श्रेष्ठा ने कहा, ‘मैंने अपने जीवन में 100 से अधिक रैलियां की हैं, जो कि भ्रूण हत्या और बाल विवाह के खिलाफ मेरी अहम रैलियां रही हैं. मैं एमपी गवर्नमेंट की ब्रांड एंबेसडर भी रही हूं. साथ ही डेढ़ सौ किलोमीटर की रैलियां भी मैंने की हैं. लोगों को यह समझाने के लिए कि लड़कियां किसी से कम नहीं होती हैं. अब मैं फिलहाल 5 साल से बच्चों को स्केटिंग सिखा रही हूं, क्योंकि इस गेम का मुझे बहुत जुनून है.अभी प्रेजेंटली मैं अलीगढ़ में श्री राजेंद्र सिंह इंटरनेशनल स्कूल में जो एकेडमी है, उसमें बच्चों को स्केटिंग सिखा रही हूं. मैं चाहती हूं कि बच्चे देश का नाम रोशन करें नेशनल और इंटरनेशनल खेलें.’
Tags: Inspiring story, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 14:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed