रूस में सामने थे अजीत डोभाल तभी जिनपिंग के दूत ने सुझाया पंचशील जैसा फार्मूला
रूस में सामने थे अजीत डोभाल तभी जिनपिंग के दूत ने सुझाया पंचशील जैसा फार्मूला
BRICS NSA Summit: भारत के एनएसए अजीत डोभाल अभी ब्रिक्स में हैं. वहां वह भारत की ओर से रूस-यूक्रेन जंग में मध्यस्थता करेंगे. चीन ने भी अपने दूत वांग यी को भेजा है.
नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग खत्म करवाने के लिए भारत और चीन ने एक साथ कदम बढ़ा दिए हैं. एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी अभी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए रूस में हैं. ब्रिक्स के एनएसए सम्मेलन में अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच बुधवार को कुछ पल की मुलाकात तो हुई, मगर कोई बात नहीं. एलएसी पर जारी तनाव के बीच यह मुलाकात हुई है. रूस में जब अजीत डोभाल सामने बैठे थे, तभी शी जिनपिंग के दूत यानी वांग यी ने ब्रिक्स देशों को पंचशील जैसा फॉर्मूला सुझाया. चीन ने कहा कि किसी भी मसले का शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने पर जोर होना चाहिए. वहीं, अजीत डोभाल ने आतंकवाद से निपटने के लिए ब्रिक्स देशों से मिलकर काम करने को कहा.
सबसे पहले जानते हैं अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री ने क्या कहा? दरअसल, 14वें ब्रिक्स सम्मेलन के लिए अजीत डोभाल और वांग यी मॉस्को में हैं. अजीत डोभाल ने सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बहुपक्षवाद में सुधार का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा संरचनाएं आधुनिक खतरों और साझा चिंताओं के संवेदनशील मुद्दों से निपटने में सक्षम नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमें विश्वसनीयता बहाल करनी है तो बहुपक्षवाद में सुधार की तत्काल आवश्यकता है. डिजिटल क्षेत्र के कारण उत्पन्न चुनौतियों और आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमें मिलकर काम करने की जरूरत है.
वहीं, अजीत डोभाल के सामने ही चीन विदेश मंत्री वांग यी ने सबसे पहले तो ब्रिक्स के नए सदस्य देशों का स्वागत किया. फिर उन्होंने कहा कि आज दुनिया उथल-पुथल और परिवर्तन के एक नए दौर में प्रवेश कर रही है. सभी सुरक्षा खतरे आपस में जुड़े हुए हैं. इसलिए ब्रिक्स देशों के लिए जरूरी है कि हम एक-दूसरे का साथ दें और सहयोग करें. किसी भी मसले का शांतिपूर्ण समाधान तलाशने पर जोर दे. हालांकि, इसी दौरान वांग ने सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए ब्रिक्स देशों के सामने चार फॉर्मूला सुझाया. चलिए जानते हैं कि क्या हैं चीनी दूत के ये चार प्रस्ताव.
सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए ब्रिक्स देशों के लिए चीन के चार प्रस्ताव
1. ब्रिक्स देशों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का ख्याल रखना चाहिए और एक-दूसरे की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का सम्मान करना चाहिए.
2. हॉटस्पॉट मसलों के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देना चाहिए और एक-दूसरे की जायज चिंताओं का सम्मान करना चाहिए.
3. अंतरराष्ट्रीय मंचों पर न्याय की आवाज बुलंद करने और मामलों को निष्पक्ष रूप से निपटने में हमें आगे आना चाहिए.
4. एक समान और बहुध्रुवीय दुनिया और सार्वभौमिक रूप से लाभकारी और समावेशी आर्थिक वैश्वीकरण की वकालत करनी चाहिए.
चीन का ब्रिक्स देशों के सामने यह प्रस्ताव ठीक पंचशील समझौते की तरह है. पंचशील समझौतों में कमोबेश ऐसी ही बातें थीं. पंचशील समझौता चीन के क्षेत्र तिब्बत और भारत के बीच आपसी संबंधों और व्यापार को लेकर हुआ था. भारत और चीन के बीच शांति समझौतों पर 1954 को हस्ताक्षर किए गए थे.
पंचशील सिद्धांत के अहम प्वाइंट थे. एक-दूसरे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना एक-दूसरे देश पर आक्रमण न करना शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की नीति का पालन करना परस्पर सहयोग एवं लाभ को बढ़ावा देना सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना
Tags: Ajit Doval, BRICS Summit, China, NSA Ajit Doval, Wang Yi, World newsFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 12:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed