बिहार के इस गांव में शाम होते ही जम जाती है शराबियों की महफिल बच्चे भी करते हैं नशा का सेवन
बिहार के इस गांव में शाम होते ही जम जाती है शराबियों की महफिल बच्चे भी करते हैं नशा का सेवन
Kaimur News: बिहार में सख्त शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद शराब पीना आम बात है. कैमूर जिले का एक गांव तो शराबियों और गंजेड़ियों का अड्डा बन चुका है. यहां युवा से लेकर बच्चे तक नशे का सेवन करने लगे हैं. इससे खासतौर पर महिलाओं की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अविलंब कार्रवाई करने की मांग की है.
अभिनव कुमार सिंह
कैमूर. बिहार में यूं तो सख्त शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन प्रदेश में शराब पीने की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. राजधानी पटना से लेकर दूर-दराज के जिलों में शराबबंदी कानून का मखौल उड़ाने वाली घटनाएं अक्सर ही देखने और सुनने में मिलती रहती हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार के कैमूर जिले में सामने आया है. जिले के एक गांव में शराब, गांजा, चरस जैसे मादक पदार्थों को सरेआम बेचा जा रहा है. हालत यह है कि गांव के बच्चे से लेकर बूढ़े तक नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं. शाम होते ही गांव में शराबियों की महफिल जम जाती है. इससे खासतौर पर महिलाओं का जीना दूभर हो गया है. ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से अविलंब कार्रवाई की मांग की है, ताकि गांव में अमन और शांति कायम की जा सके.
कैमूर जिले में नशे का हब बने गांव का नाम सरियांव है. सख्त शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद यहां सरेआम नशाखोरी की जाती है. कैमुर के दुर्गावती प्रखंड के सरियांव गांव के ग्रामीणों ने गांव में धड़ल्ले से बिक रही अवैध शराब, चरस और गांजा कि खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों ने धंधेबाजों की गिरफ्तारी के लिए सरकार और प्रशासन से कार्रवाई करने की गुहार लगाई है. बताते चलें कि थाने से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर सरियांव गांव स्थित है. यहां धंधेबाजों द्वारा शराब, गांजा और चरस की खुलेआम बिक्री की जाती है.
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सरियांव गांव में शराब के बोतल और पाउच दिखना आम बात है. (न्यूज 18 हिन्दी)
बेखबर प्रशासन
बताया जाता है कि इस गांव से तस्कर दूसरे गांव में भी नशीले पदार्थों की सप्लाई करते हैं. इतना सब होने के बावजूद प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगता है. अवैध शराब की बिक्री से गांव के समाज और छोटे-छोटे बच्चों पर बुरा असर पड़ रहा है. गांव की आधी आबादी को शराब की लत लग चुकी है. ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर छोटे-छोटे बच्चे भी शराब और गांजा का सेवन करने लगे हैं. गांव की गलियों में जहरीली शराब की खाली बोतलें फेंकी जाती हैं. यह सब बिहार में शराबबंदी मुहिम की पोल खोलती हैं.
महिलाओं की अपील
महिलाएं भी नशे के धंधेबाजो की गिरफ्तारी को लेकर प्रशासन से गुहार लगाई है. महिलाओं का कहना है कि शाम होते ही शराबियों की महफिल जम जाती है. शराब पीकर लोग घर में हंगामा करते हैं. पत्नी, बेटी, बहुओं आदि के साथ मारपीट करते हैं. यही नहीं शराब की नशे में लोग चोरी की घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं. महिलाओं का कहना है कि समय रहते यदि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो हमारा गांव विनाश के कगार पर पहुंच जाएगा.
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Tags: Bihar News, Liquor BanFIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 11:47 IST