आगरा में बन रहा सबसे बड़ा ताजिया अजमेर से आए फूल हिंदू मुस्लिम मिलकर सजा रहे

Agra Latest News: मोहर्रम और ताजियेदारी का जि‍क्र होता है तो सबकी निगाहें आगरा पर चली जाती हैं. यहां मुगल काल से इमामबाड़ों में हिंदू मुस्लिम मिलकर ताजिए बना रहे हैं. इस बार भी यहां फूलों से ऐतिहासिक ताजिया बनाया जा रहा है. इस बार चांद की 7 तारीख यानी की 14 जुलाई को इमामबाड़ों पर फूलों का ताजिया रखा जाएगा.

आगरा में बन रहा सबसे बड़ा ताजिया अजमेर से आए फूल हिंदू मुस्लिम मिलकर सजा रहे
आगरा. इस्लामी नए साल के पहला महीना मोहर्रम शुरू हो चुका है. ताजियेदारी की तैयारी चल रही है. इमामबाड़ों में मजलिसों का दौर शुरू हो गया है. मुगल काल से आगरा के कटरा दबकैयान के इमामबाड़ों में हिंदू मुस्लिम मिलकर ताजिए बना रहे हैं. यहां मुगल काल से फूलों का ऐतिहासिक ताजिया बनाए जाने का चलन है. इसे आगरा का सबसे बड़ा ताजिया माना जाता है. इस साल खास तौर पर अजमेर चिश्ती की दरगाह से गुलाब के फूल मंगाए गए हैं. इन गुलाब के फूलों को फूलों से बने ताजिये के ऊपर सजाया जाएगा. ताजिया कमेटी से जुड़े समी आगाई ने बताया कि इसी ताजिए के उठने के बाद शहर के बाकी ताजिए उठाये जाते है और कर्बला की तरफ रवाना होते हैं. अपने आप में यह ऐतिहासिक ताजिया है. सैकड़ों वर्षों से हिंदू मुस्लिम मिलकर चांद की 7 तारीख को फूलों का ताजिया बनाया जाता है. इस बार खास तौर पर अजमेर चिश्ती की दरगाह से फूल आए हैं. इन गुलाब के फूलों को ताजियों के ऊपर सजाया जाएगा. जिससे इसकी शान-ओ- शौकत और बढ़ जाती है. ये भी पढ़ें: महिला टीचर और स्‍कूल प्रिंसिपल…, वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप, शर्मसार हैं लोग 300 सालों से भी अधिक पुराना है फूलों का ताजिया फूलों का ताजिया 300 सालों से भी अधिक पुराना है. हिंदू मुस्लिम सभी मिलकर ताजियों को रखते हैं. ये सिलसिला मुगल काल से चला रहा है. इस फूलों के बने ताजा के बाद ही शहर के बाकी ताजिए उठाए जाते हैं. और कर्बला की तरफ रवाना होते हैं. ताजिया बनाने वाले अशफाक अली ने बताया कि ताजिया 10 से 12 फीट तक लंबाई में हो सकता है. सभी ताजिए अलग-अलग आकार प्रकार और ऊंचाई के होते हैं. इन ताजियों को बनाने में कागज, गोंद के अलावा और सजावट का सामान लगाया जाता है. ये भी पढ़ें: फर्जी डिग्री बांटकर लाखों रुपए कमाने वाले जोगेंद्र सिंह ने किए बड़े खुलासे, दंग रह गए अफसर 14 जुलाई को इमामबाड़ों पर रखा जाएगा फूलों का ताजिया एक महीने पहले से इन ताजियों को बनाने का काम शुरू हो जाता है. चांद की 7 तारीख से लेकर 10 तारीख तक जारीन और हकीकतमंद तकरीबन 400 से 500 किलो फूल ताजिए पर चढ़ते हैं. इस बार चांद की 7 तारीख यानी की 14 जुलाई को इमामबाड़ों पर फूलों का ताजिया रखा जाएगा. चांद की 10 तारीख को यानी 17 जुलाई को कर्बला में सुपुर्द -ऐ-ख़ाक किये जाएंगे .इस बार शहर में लगभग 2000 से ज्यादा ताजिए बनाए गए हैं. Tags: Agra latest news, Agra news, Agra news today, Muharram Advisory, Muharram ProcessionFIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 16:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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