ये तो कमाल हो गया एक ही परिवार के 3 भाई-बहनों को NEET में मिली कामयाबी

NEET UG Result 2024: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NEET 2024 Result) ने  4 जून को नीट परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. इस साल 13.16 लाख बच्चों ने नीट परीक्षा पास की है. नीट यूजी में 67 उम्मीदवार रैंक 1 पाने में सफल रहे हैं. वहीं आगरा में एक ही परिवार के तीन बच्चों ने नीट एक्जाम क्रैक किया है. 

ये तो कमाल हो गया एक ही परिवार के 3 भाई-बहनों को NEET में मिली कामयाबी
आगरा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NEET 2024 Result) ने 4 जून को नीट परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है. इस साल 13.16 लाख बच्चों ने नीट परीक्षा पास की है. नीट यूजी में 67 उम्मीदवार रैंक 1 पाने में सफल रहे हैं. वहीं आगरा में एक ही परिवार के तीन बच्चों ने नीट एक्जाम क्रैक किया है. आगरा कृष्ण बाग दयालबाग के रहने वाले महावीर प्रसाद त्यागी और उनके छोटे भाइयों के तीनों बच्चों को कामयाबी मिली है. पूजा त्यागी ने 720 में से 676 नम्बर, मनोज 671 और मानसी त्यागी ने 640 अंक हासिल किए हैं. घर में जश्न का माहौल है. बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. घर में अब चार बच्चे डॉक्टर हैं. महावीर प्रसाद के बेटे डॉ अजय त्यागी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं. खास बात ये है कि सभी जॉइंट फैमिली में रहते हैं. डॉक्टर वाली फैमिली कृष्णाबाग के रहने वाले महावीर प्रसाद त्यागी बताते हैं कि बच्चों ने परिवार का नाम रोशन कर दिया. अब तो लोग डॉक्टर वाली फैमिली कहकर बुलाने लगे हैं. क्योंकि घर में चार बच्चे डॉक्टर हो गए हैं .उनका बेटा अजय त्यागी पहले से ही एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. इस बार के नीट एग्जाम में उनसे दो छोटे भाई के बच्चों ने एक साथ नीट एक्जाम क्रैक किया है. हम सभी जॉइंट फैमिली में रहते हैं. अब घर में चार डॉक्टर हो गए हैं .यह हमारे लिए गौरव की बात है. बेहद कम उम्र में किया नीट क्लियर तीनों भाई बहन में सबसे बड़ी 19 साल की पूजा त्यागी बताती हैं कि इतनी छोटी उम्र में नीट क्लियर करना आसान बात नहीं है. सिर्फ और सिर्फ इसका श्रेय परिवार को जाता है. तैयारी के वक्त परिवार का पूरा सपोर्ट रहा है. उन्होंने 1 साल पहले कोटा में रहकर दोनों बहन भाइयों के साथ नीट की तैयारी की. हमारी जॉइंट फैमिली है और तैयारी के दौरान परिवार के सदस्य हमारे साथ कोटा में रहे थे. तीनों बहन भाई साथ में रहकर पढ़ाई करते थे डाउट्स क्लियर करते थे. 6 घंटे कोचिंग और उसके बाद 6 घंटे सेल्फ स्टडी किया करते थे इस दौरान मोबाइल फोन से हमने बिल्कुल दूरी बना रखी थी. नीट से ज्यादा नीट का प्रेशर हैंडल करना है कठिन… महज़ 17 साल की उम्र में पहले प्रयास में नीट क्लियर करने वाली मानसी त्यागी बताती हैं कि कोटा का नाम सुनते ही बच्चों में पढ़ाई का प्रेशर आने लगता है कि वहां पर तो टॉपर लोग बैठे होंगे. लेकिन ऐसा नहीं है. अपनी पढ़ाई पर विश्वास रखें.अपने घर वालों पर भरोसा रखें. अगर घर वालों का सपोर्ट रहा कोई भी एग्जाम आसानी से क्लियर कर सकते हैं. कोटा में ज्यादातर तैयारी करने वाले बच्चों के साथ परिवार नहीं रहते. अगर घर के सदस्य भी उनके साथ रहे ,या खुलकर वह अपनी परेशानी, तकलीफ एग्जाम का प्रेशर सब परिवार के साथ बांटे तो एग्जाम पास करने में बेहद आसानी होती है. बच्चा मानसिक रूप से भी मजबूत रहता है. मानसी ने नीट एग्जाम में 720 नंबर में से 640 अंक हासिल किए हैं और वह भविष्य में गाइनेकोलॉजिस्ट बनना चाहती हैं. दादा की तरह बनने की करूंगा कोशिश… दोनों बहनों से सबसे छोटे 17 साल के मनोज बताते हैं कि घर में ही शुरू से डॉक्टर बनने का माहौल था. क्योंकि उनके बड़े भाई ( ताऊ के लड़के) एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. उनके दादाजी भोलाराम त्यागी रिटायर टीचर हैं. हमेशा वह हम सभी को आगे बढ़ने और पढ़ने के लिये प्रेरित करते रहे है. उन्हीं की प्रेरणा की बदौलत हम सभी ने इतनी छोटी उम्र में नेट एग्जाम क्लियर किया है. टीचर रहते हुए उनके दादाजी ने समाज को शिक्षक करने का बीड़ा उठाया था. अब वह डॉक्टर बनकर गरीब लोगों की मदद करेंगे .इस एग्जाम में मनोज त्यागी ने 720 में से 671 अंक हासिल किए हैं और वह न्यूरो स्पेशलिस्ट बनना चाहते हैं. Tags: Local18, NEET, Neet examFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 09:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed