गजब है मचान विधि पहली बार में ही करेले से हो गई लाखों की कमाई किसान ने बता
गजब है मचान विधि पहली बार में ही करेले से हो गई लाखों की कमाई किसान ने बता
Bitter Gourd Farming Methods: कई लोग अब पहले से चली आ रही खेती से हटकर सब्जियों, फलों और फूलों की खेती कर अच्छी कमाई कर पा रहे हैं. एक किसान ने बताया कि वह एक बीघे करेले की खेती से 2 से 2.5 लाख कमाते हैं.
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: खेती-किसानी को आज भी कमाई के मामले में औसत दर्जे का काम माना जाता है. इसमें मेहनत के मुकाबले कमाई बहुत ज्यादा नहीं होने के चलते युवा पीढ़ी के लोग किसानी करना भी नहीं चाहते. दूसरा किसानी में मौसम पर बहुत निर्भर रहना पड़ता है. कई बार जरूरत के वक्त बारिश नहीं होती और कभी बिना जरूरत के इतनी बारिश हो जाती है कि लोगों की फसल बर्बाद हो जाती है. हालांकि, बीते कुछ सालों में नौकरी-पेशा छोड़कर कई युवाओं ने खेती को रोजगार का साधन बनाना शुरू किया है और वो आधुनिक तरीके से खेती कर मुनाफा भी कमा रहे हैं. आज हम आपको करेले की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं.
करेला किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. इसका मुख्य कारण बाजार में करेले की तगड़ी डिमांड और लगातार इसकी बढ़ती हुई डिमांड है. इस समय करेले की खेती से किसानों को लाखों रुपये की आमदनी हो रही है. एक बार इस फसल को लगाने के बाद लगातार 3 महीने तक जमकर पैदावार होती है. दूसरी तरफ जून और जुलाई में इस करेले की फसल से अच्छी पैदावार भी की जा सकती है. ऐसे समय पर फर्रुखाबाद की जलवायु के लिए पांच तरह के करेले की खेती हो सकती है. करेले की फसल लगाने का साल में फरवरी से मार्च और जून से जुलाई दो उत्तम समय हैं.
फर्रुखाबाद के कमालगंज के निवासी पिंटू कश्यप बताते हैं कि वह पिछले आठ वर्षों से सब्जियों की खेती में जुटे हैं. इस समय पर वह अपने खेतों में करेले की फसल का उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने इस फसल की बुवाई मार्च महीने में की थी और अब उनकी करेले की फसल जून में बंपर पैदावार दे रही है.
पिंटू बताते हैं कि इसकी फसल को तैयार करने में आमतौर पर तीस हजार रुपए की लागत आती है. लेकिन जब बिक्री होती है तो हाथों-हाथ जमकर बिकने के साथ ही दाम भी अच्छे मिल जाते हैं. ऐसे समय पर अगर बाजार में इसकी तगड़ी डिमांड बनी रहे और यह अच्छे रेट पर बिकता रहे तो 2 से 2.5 लाख रुपए तक की प्रति बीघा कमाई करा देता है.
करेले खेती का तरीका
किसान पिंटू कश्यप बताते हैं कि इसकी फसल करने के लिए सबसे पहले जमीन की रोटावेटर या कल्टीवेटर से अच्छी तरीके से जुताई करके खरपतवार हटाई जाती है. इसके बाद बरसात के मौसम में इसकी खेती कर सकते हैं. खाद के लिए खराब गोबर को जैविक खाद की तरह प्रयोग कर सकते हैं.
कौन सा करेला लगाएं
सबसे महत्वपूर्ण बात जो ध्यान देने वाली है वो है करेले का अच्छी किस्म का बीज. अच्छी किस्म का बीज होगा तो अच्छा करेला तैयार होगा जिसकी बढ़िया डिमांड होगी. मुख्य रूप से कल्याणपुर बारहमासी, काशी हरित, सफेद काशी उर्वशी, सोलन पूसा 2 जैसी किस्म लाभकारी हैं.
तैयार करने के हैं ये 2 तरीके
अब बारी आती है इसको तैयार करने की तो इसके लिए मचान विधि और खुले मैदान में जमीन पर भी फैलाकर फसल प्राप्त कर सकते हैं.
रोगों की समय से ऐसे करें पहचान
करेले की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि इसमें बैक्टीरिया लगने की वजह से इसके पौधे की बेल और पत्तियों पर सफेद गोलाकार जाला दिखाई देने लगता है. इसके बाद वह कत्थई रंग का भी हो जाता है. इस रोग में इसकी पत्तियां पीली होकर सूखने लगती हैं. ऐसे समय पर किसान इस रोग से बचाव करने के लिए देसी तरीके से 5 लीटर खट्टा छाछ और 2 लीटर गोमूत्र के साथ ही 40 लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करें. जिससे 3 सप्ताह तक करेले की बेल सुरक्षित रहती है. वहीं समय से नमी के अनुसार हर तीसरे दिन सिंचाई भी कर सकते है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : June 30, 2024, 10:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed