AAP CM Face: कौन हैं गड़वी और इटालिया गुजरात में AAP के CM फेस का फैसला 6 नवंबर को

आप की ओर से मुख्यमंत्री के लिए दो लोगों के नाम सामने हैं जिसमें एक हैं इसुदान गड़वी, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और दूसरे गोपाल इटालिया, गुजरात अध्यक्ष.

AAP CM Face: कौन हैं गड़वी और इटालिया गुजरात में AAP के CM फेस का फैसला 6 नवंबर को
रूपाश्री नंदा 6357000360 नंबर डायल करते ही आपको गुजराती भाषा में एक रिकॉर्ड संदेश सुनाई देगा, जिसमें आपसे एक सवाल पूछा जाएगा, ‘आप का मुख्यमंत्री चेहरा कौन होना चाहिए’ बीप के बाद नाम छोड़े. यह आम आदमी पार्टी की हालिया रणनीति है. आप ने इससे पहले पंजाब में भी मुख्यमंत्री का चेहरा चुनने के लिए यह रणनीति अपनाई थी. गुजरात के लिए फोन लाइन 3 नवंबर को 5 बजे तक खुली रहेंगी, और एक दिन बाद पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल विजेता का नाम घोषित करेंगे. वैसे आप की ओर से मुख्यमंत्री के लिए दो लोगों के नाम सामने हैं जिसमें एक हैं इसुदान गड़वी, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव और दूसरे गोपाल इटालिया, गुजरात अध्यक्ष. हालांकि तीसरे चेहरे के लिए विकल्प अभी खुला है, बशर्ते किसी अन्य को भारी जनादेश मिल जाए. कौन है गड़वी इससे पहले गड़वी गुजरात के सबसे चर्चित टीवी पत्रकार और एंकर रहे हैं. वीटीवी न्यूज पर उनका शो मनमंथन जो रात 8-9 के तक चलता था जनता की मांग पर उसका समय बढ़ाकर 9.30 तक किया गया था. इस शो के लाखों दर्शक थे, लोगों के बीच यह शो इतना पसंद किया जाता था कि जब इसे स्टूडियो से बाहर लाया गया तो सैंकड़ों लोग जमा हो जाते थे. अपने आप को ऐसा नायक बताने वाले, जो लोगों के लिए न्याय और उम्मीद की किरण है, गड़वी कहते हैं लोगों को खासकर किसानों को उनमें एक मसीहा नजर आता है. गड़वी धार्मिक संस्कृति के संरक्षण के लिए रविवार को एक साप्ताहिक शो भी करते थे. 40 साल के गड़वी एक आर्थिक रूप से संपन्न किसान परिवार से हैं जो द्वारका जिले के पिपालिया गांव में रहता है. यह गड़वी जाति से आते हैं जो गुजरात में अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आती है. गुजरात में ओबीसी की आबादी करीब 48 फीसदी है. यह एक ऐसा तथ्य है जो उनके चर्चित होने के अलावा उनकी दावेदारी मजबूत करता है. कामर्स में स्नातक और पत्रकारिता में मास्टर कर चुके गड़वी ने बतौर प्रशिक्षु पत्रकार शुरुआत की और जल्दी ही महज 32 की उम्र में वीटीवी के संपादक पद पर पहुंच गए. उनका शो आम आदमी के मुद्दों पर केंद्रित था, उन्हें लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए बहुत से अनुरोध मिले खासकर कोविड के दौरान यह अपने चरम पर था. वह कहते हैं कि तभी मुझे अहसास हुआ कि मैं सिर्फ बोल कर निकल नहीं सकता हूं, मुझे लोगों के लिए कुछ और भी करना है. कोविड के दौरान मैं और मेरी मां पॉजिटिव हुए, उस दौरान भी लोगों ने लगातार संदेश भेजकर हमारा हाल जाना. जब मैंने दोबारा काम शुरू किया, मैंने अस्पताल में भर्ती होने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया, यह वह दर्द था जिसका मैं खुद गवाह था, शायद वही मेरे जीवन का निर्णायक मोड़ रहा. करियर के चरम पर थे तब नौकरी छोड़ी गड़वी ने तब नौकरी छोड़ी जब वह अपने करियर के चरम पर थे. उनका कहना है कि उन्हें कांग्रेस, भाजपा और आप तीनों में शामिल होने का प्रस्ताव मिला. दरअसल, वह गोपाल इटिलिया, जो वर्तमान में मुख्यमंत्री के दूसरे दावेदार बताए जा रहे हैं, वह और आप के गुजरात प्रभारी गुलाब सिंह यादव ही थे, जिन्होंनें गड़वी की मुलाकात केजरीवाल से करवाई और उन्हें पार्टी में शामिल करवाया. गड़वी 14 जुलाई, 2021 को अहमदाबाद में केजरीवाल की उपस्थिति में आप में शामिल हुए, तब से टीवी एंकर ने स्टूडियों की जिंदगी को छोड़ कर सड़कों पर काम करना शुरू किया. गड़वी का दावा है कि वह एक लाख किमी से ज्यादा यात्रा कर चुके हैं. वो जोर देकर कहते हैं कि उन्हें गुजरात के लोगों के लिए कुछ करना है वो बस इतना ही चाहते हैं, गोपाल इटालिया के बारे में पूछने पर वह कहते हैं कि हम दोनों अलग नहीं है, मेरा मकसद पार्टी को जीत दिलाना है ताकि मैं लोगों के लिए काम कर सकूं फिर चाहे पार्टी मुझे कोई भी पद दे. आप गड़वी की सीट तय करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है, वह सौराष्ट्र से लड़ने की इच्छा रखते हैं क्योंकि यहां वह काफी चर्चित हैं, खासकर किसानों के बीच उन्हें काफी पसंद किया जाता है. कौन हैं इटालिया वहीं दूसरी तरफ 33 साल के राज्य संयोजक इटालिया हाल ही में अपने पुराने वीडियो की वजह से राष्ट्रीय खबरों में रहे. जहां पर उन्होंनें कथित तौर पर प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. जिसे लेकर एनसीडब्ल्यू ने उन्हें समन भेजा था और इटालिया उनके दफ्तर आप समर्थकों के साथ पहुंचे थे और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था, आप ने उस वक्त इस युवा नेता का बचाव किया था. बोटाड में जन्मे इटालिया के माता पिता उनकी दो साल की उम्र में ही एक दूसरे से अलग हो गए थे. उनकी मां पांच लोगों के परिवार को पालने के लिए मजदूरी करती थी. इटालिया ने भावनगर के टिंबी गांव से अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की. माध्यमिक शिक्षा के लिए वह धोला गांव और उच्च शिक्षा के लिए उमराला गए. 12वीं पास करने के बाद उन्होंनें हीरों की फैक्ट्री में काम करना शुरू किया जहां वह 1200 से 1500 रुपये महीना कमाते थे, इस वजह से उनका परिवार आर्थिक अभाव से गुजरा. इटालिया बताते हैं कि 2006 से 2011 तक उन्होंने हीरों की फैक्टिरी से लेकर कपड़ा मिल, खेतों में काम किया, उन्हें लगा कि इससे बात नहीं बन रही है, और जिंदगी में स्थिरता नहीं आ रही है. तो मैंने सरकारी नौकरी के लिए तैयारी शुरू की और 2012 में मुझे अहमदाबाद पुलिस में आरक्षक के पद पर नियुक्ति मिली. इटालिया कहते हैं कि कुछ बड़ा करने की चाहत में ही उन्होंने 2015 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद प्रतियोगी परीक्षा के ज़रिए उन्हें अहमादाबाद के कलेक्ट्रेट में 2016 में क्लर्क की नौकरी मिल गई, जिसे उन्होंनें एक साल के बाद छोड़ दिया. वह कहते हैं कि गरीबी भी देख ली, सरकारी नौकरी भी देख ली, फिर मैंने मन बना लिया कि सबके लिए काम करना चाहिए. प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से ताल्लुक गुजरात के सशक्त और प्रभावशाली पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखने वाले इटालिया का राजनीति में प्रवेश धीरे-धीर हुआ. 2017 में नौकरी छोड़ने के बाद वह पाटीदार आंदोलन में शामिल हो गए. उनका कहना है कि जब तक मैं शामिल हुआ पाटीदार आंदोलन स्थापित हो चुका था. मैं बतौर स्वंयसेवक शामिल हुआ, दर्शकों का हिस्सा रहा, फिर धीरे-धीरे बोलने का मौका मिला. जल्दी ही मेरे बोलने की क्षमता की बदौलत मेरी पहचान बन गई जबकि मुझे आधिकारिक तौर पर कोई पद नहीं मिला था. आंदोलन समाप्त होने के बाद इसके कई स्थापित नेता बाद में राजनीति में शामिल हो गए थे. वही इटालिया ने सोशल मीडिया पर कायदा कथा नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया जहां वह सरकारी नौकरी में अपने 6 साल के अनुभव का इस्तेमाल करके लोगों की सरकारी पेचीदगी और कानूनी दांव पेंच, प्रार्थना पत्र लिखना, आरटीआई दाखिल करना, गिरफ्तार हुए शख्स के अधिकार, जमानत कैसे मिले जैसे विषयों की जानकारी देते थे. जब उन्हें लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलने लगी तो वह सार्वजनिक स्थलों, जैसे बस स्टैंड, बाजार में लोगों को इकट्ठा करने लगे. समय के साथ लोगों की संख्या सैंकड़ों से हज़ारों तक पहुंच गई. अब इटालिया पूरे गुजरात में घूम रहे थे. इसी दौरान गुजरात में आप के महासचिव मनोज सोरथिया ने इटालिया से संपर्क किया. जुलाई 2020 में उनकी गोपाल राय के साथ वीडियो कॉल के माध्यम से बात हुई और वह आप में शामिल हो गए और पार्टी के राज्य अध्यक्ष तक का सफर तय किया. इटालिया, मुख्यमंत्री के चेहर के तौर पर गड़वी के चुने जाने पर कहते हैं, यह भी अच्छा होगा, वह सहज और ईमानदार इंसान हैं, उन्होंने पार्टी के लिए बहुत मेहनत की है. वहीं गुलाब सिंह याद, आप के गुजरात प्रभारी आप के नतीजों को लेकर आश्वस्त हैं. उनका कहना है कि इस बार भाजपा और आप में सीधी टक्कर हैं, कांग्रेस का वजूद तो खत्म हो चुका है. मुख्यमंत्री के चेहरे के लिए वह कहते हैं कि उनके अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. कई नाम सामने आए हैं लेकिन गड़वी और इटालिया को ज्यादा समर्थन मिला है, अब यह गुजरात के लोगों पर है कि वह किसे चुनते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: AAP, Arvind kejriwalFIRST PUBLISHED : November 03, 2022, 16:22 IST