आधार वोटर ID लिंक मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला से दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा
आधार वोटर ID लिंक मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रणदीप सुरजेवाला से दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा
Randeep Surjewala News: रणदीप सिंह सुरजेवाला ने याचिका में चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धाराएं 4 और 5 को नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए इसे असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया है.
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने मतदाता सूची को आधार से जोड़ने के प्रावधान संबंधी चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम को चुनौती देने वाले कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला से सोमवार को उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने सुरजेवाला के वकील से पूछा कि उन्होंने पहले उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं किया? हालांकि, पीठ ने सुरजेवाला को उच्च न्यायालय का रुख करने की स्वतंत्रता दी.
पीठ ने कहा, ‘आप दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख क्यों नहीं करते? आपके पास समान समाधान होगा. आप चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 की धारा 4 और 5 को चुनौती दे रहे हैं. आप यहां क्यों आए हैं? आप दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकते हैं.’ कांग्रेस नेता की तरफ से पेश वकील ने याचिका के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि अगले छह महीनों में तीन अलग-अलग राज्यों में चुनाव होंगे.
पीठ ने कहा, ‘कानून में उपलब्ध उपचार के मद्देनजर हम याचिकाकर्ता को सक्षम उच्च न्यायालय के समक्ष (संविधान के) अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर करने की स्वतंत्रता देते हैं.’ अनुच्छेद 226 उच्च न्यायालयों को सरकार सहित किसी भी व्यक्ति या प्राधिकरण को विभिन्न मामलों में रिट जारी करने का अधिकार देता है. शीर्ष अदालत चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धारा 4 और 5 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली सुरजेवाला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
याचिका में कहा गया कि संशोधन का मकसद ‘दो पूरी तरह से अलग दस्तावेजों (उनके डेटा के साथ) यानी निवास (स्थायी या अस्थायी) के प्रमाण-आधार कार्ड और नागरिकता के प्रमाण-मतदाता पहचान पत्र को जोड़ना है. इसलिए, यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि आधार और मतदाता पहचान पत्र को जोड़ना पूरी तरह से तर्कहीन है.’
याचिका में चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 की धाराएं 4 और 5 को नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताते हुए इसे असंवैधानिक और संविधान के विपरीत घोषित करने का अनुरोध किया गया. याचिका में कहा गया कि स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि वर्तमान में नागरिकों के डेटा की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है.
याचिका में दावा किया गया कि संशोधित कानून मतदाता ‘प्रोफाइलिंग’ को भी आसान बना सकता है क्योंकि आधार से जुड़ी सभी जनसांख्यिकीय जानकारी मतदाता पहचान पत्र से जुड़ी होगी. याचिकाकर्ता ने कहा कि इससे मतदाता निगरानी और मतदाताओं के निजी, संवेदनशील डेटा के व्यावसायिक इस्तेमाल की आशंका भी बढ़ सकती है.
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Tags: Aadhaar, Randeep Surjewala, Supreme Court, Voter IDFIRST PUBLISHED : July 25, 2022, 19:49 IST