शुभ या अशुभ संकेत शारदीय नवरात्रि में पालकी पर मां दुर्गा की सवारी!
शुभ या अशुभ संकेत शारदीय नवरात्रि में पालकी पर मां दुर्गा की सवारी!
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो रही है. आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 03 अक्टूबर को देर रात 12.18 बजे से शुरू होगी जिसका समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02. 58 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार गुरुवार 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी.
अयोध्या: वैसे तो साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जिसमें एक शारदीय दूसरा चैत्र तथा दो गुप्त नवरात्रि होते हैं. लेकिन सनातन धर्म शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. हिंदू धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में 9 दिनों तक नवदुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है. कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान माता जगत जननी जगदंबा 9 दिनों तक अपने भक्तों के बीच में रहती हैं. इस दौरान सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को मां जगत जननी जगदंबा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए .
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर से हो रही है. आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 03 अक्टूबर को देर रात 12.18 बजे से शुरू होगी जिसका समापन 04 अक्टूबर को देर रात 02. 58 पर होगा. उदया तिथि के अनुसार गुरुवार 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होगी. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि इस बार शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा का आगमन किस पर है और किस पर माता दुर्गा प्रस्थान करेगी और क्या प्रभाव देश दुनिया पर पड़ेगा.
घट स्थापना का मुहूर्त
दरअसल अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा. शारदीय रात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है जिसका समापन विजयदशमी 12 अक्टूबर को समाप्त होगा. इस दौरान माता रानी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाएगी. तो वहीं घट स्थापना का भी शुभ मुहूर्त सुबह 6:14 से लेकर सुबह 7:21 तक रहेगा. यानी 1 घंटे 6 मिनट तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त है तो दूसरी तरफ अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:45 से लेकर दोपहर 12:33 तक रहेगा. इतना ही नहीं इस बार माता रानी पालकी पर सवार होकर आ रही है जिसका प्रभाव देश दुनिया पर भी देखने को मिलेगा .
पालकी पर मां दुर्गा का आगमन
पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस नवरात्रि में मां दुर्गा का पालकी में सवार होकर आएंगी, देवी पुराण में पालकी की सवारी को बहुत शुभ माना गया है. हालांकि, पालकी की सवारी पर जब मां दुर्गा सवार होकर आती हैं, तो इससे आंशिक महामारी का सामना देश दुनिया को करना पड़ सकता है. हालांकि, राष्ट्र पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. पंडित कल्कि राम बताते हैं कि माता दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी दिन के हिसाब से तय होती है. अगर सोमवार या रविवार को नवरात्रि शुरू होती है तो मां का आगमन हाथी पर होता है. मंगलवार या शनिवार के दिन मां का आगमन घोड़े पर, शुक्रवार या गुरुवार के दिन मां दुर्गा का आगमन पालकी पर होता है और बुधवार के दिन मां का आगमन नाव पर होता. इस साल गुरुवार के दिन घटस्थापना होने वाली है. इस हिसाब से माता दुर्गा का आगमन पालकी पर होने वाला है, जिसे शुभ नहीं माना जाता है.
Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Navratri festival, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 18:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed