गुजरात के हाथ लगा सेमीकंडक्टर प्लांट तो महाराष्ट्र में क्यों मचा बवाल कितनी अहम है यह डील डिटेल में जानें

Row over Semiconductor Plant in Gujarat: भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स फॉक्सकॉन ने संयुक्त रूप से गुजरात सरकार के साथ मंगलवार को गांधीनगर में गुजरात में एक मेगा सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इसे लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष का दावा है कि यह राज्य के मुंह से छीना गया निवाला है.

गुजरात के हाथ लगा सेमीकंडक्टर प्लांट तो महाराष्ट्र में क्यों मचा बवाल कितनी अहम है यह डील डिटेल में जानें
मुंबई: जब से इस बात का ऐलान हुआ है कि भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करेगी, तब से ही महाराष्ट्र में सियासी संग्राम छिड़ गया है. महाराष्ट्र की जगह गुजरात में इस प्लांट के जाने से एकनाथ शिंदे की सरकार को आलोचनाओं का सामना कर करना पड़ रहा है. कभी एमवीए सरकार में एकनाथ शिंदे के साथ रहे एनसीपी और कांग्रेस के नेता गुजरात में स्थापित होने वाली सेमीकंडक्टर संयंत्र को महाराष्ट्र की हार के रूप में देख रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने ‘महाराष्ट्र के मुंह से निवाला छीनने’ का आरोप लगाया. दरअसल, भारतीय समूह वेदांता और ताइवान की दिग्गज इलेक्ट्रॉनिक्स फॉक्सकॉन ने संयुक्त रूप से गुजरात सरकार के साथ मंगलवार को गांधीनगर में गुजरात में एक मेगा सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इसे लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष का दावा है कि यह राज्य के मुंह से छीना गया निवाला है. 1.54 लाख करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में स्थापित होने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने संयंत्र के स्थान परिवर्तन से कुछ ‘अपशगुन’ होने का आरोप लगाया, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने कहा कि संयंत्र छीना गया है. वहीं, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब महा विकास आघाड़ी सरकार सत्ता में थी तो परियोजना की पुरजोर वकालत की थी और लगभग तय हो गया था कि संयंत्र महाराष्ट्र में लगेगा. उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार निवेशकों का विश्वास खो चुकी है. इसलिए बड़ी परियोजनाएं यहां नहीं आ रहीं. जानें वेदांता और फॉक्सकॉन की डील के बारे में दरअसल, वेदांता और फॉक्सकॉन 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात में सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना कर चिप्स का निर्माण करेगी. वेदांत-फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम की डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई, सेमीकंडक्टर असेंबलिंग और टेस्टिंग इकाई राज्य के अहमदाबाद जिले में 1000 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित की जायेगी. इस संयुक्त उद्यम में दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी क्रमश: 60 और 40 प्रतिशत होगी. एक अधिकारी ने बताया कि कुल 1,54,000 करोड़ रुपये के निवेश से 94,000 करोड़ रुपये डिस्प्ले विनिर्माण इकाई की स्थापना में खर्च होंगे, जबकि 60,000 करोड़ रुपये सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र के लिए निवेश किए जाएंगे. दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित एमओयू के अनुसार, गुजरात सरकार निवेशकों को संबंधित विभागों से आवश्यक मंजूरी हासिल करने में सुविधा देगी. वेदांता के चेयरमैन ने बताया गुजरात को किस आधार पर चुना वहीं, वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को गुजरात सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि संयंत्र दो साल में उत्पादन शुरू कर देगा. अग्रवाल ने कहा, ‘गुजरात में यह सबसे बड़ा निवेश है. देश में हमारा यह पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र होगा. चिप्स के स्थानीय निर्माण से लैपटॉप और टैबलेट की कीमतों में कमी आएगी.’ हालांकि, महाराष्ट्र में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि कंपनी अभी भी महाराष्ट्र में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कई ट्वीट कर कहा कि कंपनी ने प्लांट के लिए पेशेवर और स्वतंत्र सलाह के आधार पर गुजरात को चुना है. क्या हैं सेमीकंडक्टर्स और क्यों हैं इतने अहम सेमीकंडक्टर चिप्स का इस्तेमाल कई डिजिटल उपभोक्ता उत्पादों में आवश्यक वस्तु  के रूप में होता है. इसका इस्तेमाल कारों से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड तक के उत्पादन में किया जाता है. आमतौर पर सिलिकॉन से बने सेमीकंडक्टर चिप्स हमारी कारों, लैपटॉप, स्मार्टफोन, रेफ्रिजरेटर आदि जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सामानों में बिजली को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. भारतीय सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य वर्ष 2021 में 27.2 अरब डॉलर का था. इस क्षेत्र के 19 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के साथ वर्ष 2026 तक 64 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, इनमें से कोई भी चिप्स अब तक भारत में निर्मित नहीं है. पिछले साल सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला में भारी कमी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन समेत कई उद्योगों को प्रभावित किया. भारत में अब तक नहीं होता निर्माण कारों, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले सेमीकंडक्टर चिप्स का निर्माण फिलहाल भारत में नहीं किया जाता है. दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी चिप्स का आठ प्रतिशत ताइवान में निर्मित होता है. सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण से भारत का इंटरनेशनल मार्केट में दबदबा बढ़ेगा. यह संयंत्र भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे अन्य देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी. यही वजह है कि यह डील काफी अहम है. कारों की डिलीवरी में इसी वजह से हुई देरी दरअसलस, ये सेमीकंडक्टर चिप्स कितनी अहम हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी वजह से कारों की डिलीवरी समय पर नहीं हो पा रही थीं. कोरोना काल में सप्लाइ प्रभावित होने की वजह से पिछले कुछ समय से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ऐसी चिप की कमी से जूझ रही है. क्योंकि सेमीकंडक्टर चिप्स आधुनिक कारों का एक अनिवार्य हिस्सा हैं. इंफोटेनमेंट सिस्टम, पावर स्टीयरिंग और ब्रेक को ऑपरेट करने के लिए सेमीकंडक्टर चिप्स का इस्तेमाल होता है. हाईटेक कारों के सेफ्टी फीचर्स में भी चिप का इस्तेमाल होता है. इन चिप्स की कमी के कारण कारों की डिलीवरी में भारी देरी हुई थी. भारत में कार निर्माता चीन, ताइवान, डेनमार्क, जर्मनी आदि की कंपनियों से सेमीकंडक्टर चिप्स आयात करते हैं, यही वजह है कि इस कमी ने भारतीय ऑटो मैन्युफैक्चरिंग को काफी प्रभावित किया है, जिससे वाहनों की डिलीवरी में देरी हुई. पीएम मोदी ने कहा- यह अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना की खबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझौता ज्ञापन की सराहना करते कहा कि यह अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और रोजगार पैदा करेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि यह एमओयू भारत की सेमीकंडक्टर विनिर्माण महत्वाकांक्षा को तेज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. पीएम मोदी ने कहा, ‘कुल 1.54 लाख करोड़ रुपये का निवेश अर्थव्यवस्था और नौकरियों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण है. यह सहायक उद्योगों के लिए एक बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र भी बनाएगा और हमारे एमएसएमई की मदद करेगा.’ गुजरात के मंत्री ने कहा- यह भारत के लिए काफी अहम राज्य सरकार की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर करने वाले गुजरात के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव विजय नेहरा ने कहा कि दुनिया में इस्तेमाल होने वाले सभी चिप का 8 प्रतिशत ताइवान में बनता है. इसके बाद चीन और जापान का स्थान है. उन्होंने कहा, ‘आगामी संयंत्र से भारत में चिप निर्माण की शुरुआत होगी. यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है….क्योंकि इससे अन्य देशों पर हमारी निर्भरता कम होगी.’ वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र रजनीकांत पटेल ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस संयंत्र को स्थापित करने और इसे सफल बनाने में निवेश करने वाली कंपनियों को पूरा सहयोग प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस मौके पर कहा कि दोनों कंपनियां गुजरात में यह संयंत्र लगाने पर 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे एक लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. पटेल ने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए पूरा सहयोग उपलब्ध कराएगी. सेमीकंडक्टर प्लांट पर महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल महाराष्ट्र में मुख्य विपक्षी राकांपा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित पड़ोसी राज्य पर ‘महाराष्ट्र के मुंह से निवाला छीनने’ का आरोप लगाया. राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि एक बड़ी परियोजना राज्य के हाथ से फिसल गयी और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश चला गया. एनसीपी यानी राकांपा नेता जयंत पाटिल ने कहा, ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को राजनीतिक सभाओं से फुर्सत नहीं मिलती और गुजरात ने एक बार फिर महाराष्ट्र के मुंह से निवाला छीन लिया है. गुजरात चुनाव आ रहे हैं, ऐसे में महाराष्ट्र में भाजपा गुजरात के हितों का बचाव करती दिख रही है.’ सरकार ने कहा था कि प्लांट महाराष्ट्र में ही लगेगा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि जब महा विकास आघाड़ी सरकार सत्ता में थी तो परियोजना की पुरजोर वकालत की थी और लगभग तय हो गया था कि संयंत्र महाराष्ट्र में लगेगा. उन्होंने कहा, ‘मौजूदा सरकार निवेशकों का विश्वास खो चुकी है। इसलिए बड़ी परियोजनाएं यहां नहीं आ रहीं.’ आदित्य ठाकरे ने कहा कि पूर्ववर्ती एमवीए सरकार कंपनी के साथ संपर्क में थी और इस साल जनवरी में उसके अधिकारियों के साथ बैठक भी हुई थी. उन्होंने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘सरकार क्या कर रही थी? उद्योग मंत्री क्या कर रहे थे? मुख्यमंत्री कार्यालय ने 26 जुलाई को ट्वीट किया कि संयंत्र महाराष्ट्र में लगेगा.’ (इनपुट भाषा से) ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Gujarat news, Maharashtra NewsFIRST PUBLISHED : September 15, 2022, 12:47 IST