बार-बार नींद टूटने से बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा ! नई स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा

Sleep And Diabetes Risk- डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए अच्छी और पर्याप्त नींद लेना जरूरी होता है. पर्याप्त नींद न लेने से कार्डियोमेटाबॉलिक हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है, जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

बार-बार नींद टूटने से बढ़ सकता है डायबिटीज का खतरा ! नई स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा
हाइलाइट्सस्वस्थ रहने के लिए हर दिन 7-8 घंटे की नींद जरूरी होती है.नींद आने में परेशानी होने से कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. How Sleep Increase Diabetes Risk: अक्सर आपने सुना होगा कि लोगों को हेल्दी रहने और बीमारियों से बचने के लिए हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. जानकारों की मानें तो पर्याप्त नींद लेने से शरीर फिट और तंदुरुस्त रहता है. एक हालिया रिसर्च में खुलासा हुआ है कि शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए अच्छी नींद की जरूरत होती है. अगर आपको सोने में परेशानी होती है या बार-बार नींद टूटती है, तो इससे टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) का खतरा बढ़ जाता है. अब सवाल उठता है कि नींद और डायबिटीज का क्या कनेक्शन है? इस बारे में नई रिसर्च में किन बातों का खुलासा हुआ है, विस्तार से जान लेते हैं. रिसर्च में सामने आई ये बातें ANI की रिपोर्ट के मुताबिक एक नई स्टडी में पता चला है कि जिन लोगों को सोने में परेशानी होती है, उनकी कार्डियोमेटाबॉलिक हेल्थ खराब हो जाती है. साथ ही इन्फ्लेमेशन, कोलेस्ट्रॉल और वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है. यह सभी परेशानियां टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ा देती हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि खराब नींद सीधेतौर पर डायबिटीज का रिस्क बढ़ा सकती है. यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने की है. रिसर्च में शामिल एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोगों को बीमारियों से बचने के लिए पर्याप्त और अच्छी नींद लेनी चाहिए. फेस्टिव सीजन में नींद को लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि अधिकतर लोग फेस्टिवल के माहौल में नींद पर ध्यान नहीं देते. यह भी पढ़ें- हार्ट अटैक से घूमते-फिरते अचानक नहीं होती मौत ! यह सडन कार्डियक अरेस्ट इस आधार पर की गई थी स्टडी शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में ऑस्ट्रेलिया के 1000 वयस्कों को शामिल किया था, जिनकी औसतन उम्र 44.8 साल थी. इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने नींद आने में परेशानी, नींद की अवधि, टाइमिंग, एफिशिएंसी और लेंथ वेरिएबिलिटी जैसे तथ्यों को ध्यान में रखकर डाटा इकट्ठा किया था. इसी के आधार पर रिसर्च का रिजल्ट तैयार किया गया. रिसर्च के रिजल्ट में पता चला कि जिन लोगों को नींद आने में परेशानी होती है उनका बॉडी मास इंडेक्स, कोलेस्ट्रॉल और इन्फ्लेमेशन ज्यादा रहा. यह सभी समस्याएं टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ाती हैं. यह अपनी तरह की पहली स्टडी है, जिसमें नींद और डायबिटीज के कई पहलुओं को कवर किया गया है. क्या कहते हैं शोधकर्ता? इस रिसर्च में शामिल शोधकर्ता डॉ. लीसा मैट्रिकियानी के मुताबिक नींद के विभिन्न पहलू डायबिटीज के रिस्क फैक्टर के साथ जुड़े हुए हैं. यह सभी जानते हैं कि हमारी हेल्थ के लिए नींद बहुत जरूरी है. हालांकि अधिकतर लोग नींद के घंटों पर फोकस करते हैं, जबकि सभी को यह भी देखना चाहिए कि स्लीप एक्सपीरियंस कैसा रहा. आसान भाषा में कहें तो नींद अच्छी तरह आई या नहीं. नींद की क्वालिटी बेहतर होने से हेल्थ इंप्रूव होती है, वहीं बार-बार नींद टूटने से स्लीप क्वालिटी खराब हो जाती है. इसका हमारी हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. यह भी पढ़ें- ‘ज्यादा पानी किडनी के लिए फायदेमंद’… ये 5 कही-सुनी बातें हैं जानलेवा, जानें सच ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Diabetes, Health, Lifestyle, Trending newsFIRST PUBLISHED : December 06, 2022, 14:04 IST