नसरल्लाह का काल 5th जेन F-35 भारत क्यों खरीद रहा राफेल अमेरिकी बदमाशी
नसरल्लाह का काल 5th जेन F-35 भारत क्यों खरीद रहा राफेल अमेरिकी बदमाशी
5th Jen Stealth Fighter Jet: पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के इस दौर में भारत अब भी चार से साढ़े चार वाली पीढ़ी पर अटका हुआ है. जबकि चीन के बाद पाकिस्तान भी ऐसे फाइटर जेट हासिल करने में लगा हुआ है. आखिर क्या है भारत की मजबूरी या फिर...
मौजूदा समय स्टील्थ फाइटर जेट का है. दुनिया के करीब-करीब सभी सुपर पावर्स ऐसा जेट बना चुके हैं. वे इसकी ताकत का नमूना भी दिखा रहे हैं. बीते दिनों लेबनान में हिजबुल्लाह के सरगना नरसल्लाह की मौत में अमेरिका के 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 की भूमिका सबसे अहम रही. इस लड़ाकू विमान से करीब 80 टन बम गिराए गए. इस कारण पताल लोक में छिपा बैठ नसरल्लाह और उसके कई कोर कामांडर्स मारे गए. रिपोर्ट के मुताबिक नसरल्लाह धरती की सतह से करीब 60 फीट नीचे बने बंकर में मौजूद था. लेकिन, एफ 35 से इजरायली सेना ने इतनी भीषण बमबारी की कि पूरा इलाका ही पताल लोक में समा गया.
खैर, हम आज इस घटना की बात नहीं कर रहे हैं. हमारा सवाल यह है कि दो मोर्चे पर खतरे का समाना कर रहा भारत इस बदलती दुनिया में भी चौथी पीढ़ी से 4.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों पर क्यों अटका हुआ है? भारत ने हाल के वर्षों में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे थे. भारतीय सेना के पास रूसी सुखोई 30 एमकेआई विमान हैं. ये दोनों भारतीय सेना के मुख्य हमलावर फाइटर जेट हैं. लेकिन, ये दोनों चार से साढ़े चार पीढ़ी के माने जाते हैं. भारत अभी अपनी नौसेना के लिए फ्रांस के साथ राफेल खरीद सौदा करने में लगा है. दूसरी तरफ, पाकिस्तान अपने पायलटों को चीन के FC-31 स्टील्थ फाइटर चलाने की ट्रेनिंग के लिए भेजा है. वह चीन से पांचवीं पीढ़ी का एफसी-31 खरीद रहा है.
भारत के पास विकल्प
ऐसा नहीं है कि भारत इस जरूरत को नहीं समझता है. पिछले दिनों संसद की स्थायी समिति ने भी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदने की सलाह दी थी. भारत पहले से अपना 5th जेन फाइटर जेट बना रहा है लेकिन वह प्रोजेक्ट तय समय से काफी पीछे चल रहा है. इस प्रोजेक्ट का नाम है AMCA.ऐसे में भारत के पास एक ही विकल्प है कि वह अमेरिका या किसी अन्य देश से पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदे.
अमेरिकी और रूस हैं विकल्प
डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन एडवांस फाइटर जेट के लिए इस वक्त भारत के सामने दो ही विकल्प- रूस और अमेरिका हैं. भारत ने रूस से एंटी मिसाइल सिस्टम एस-400 प्रणाली खरीदा है. ऐसे में भारत के लिए रूसी पांचवी पीढ़ी के सुखोई-57 फेलॉन लड़ाकू विमान उपयुक्त साबित हो सकते हैं. लेकिन, भारतीय सेना इस जेट के परफॉर्मेंस से संतुष्ट नहीं है. वह F-35 में रुचि ले रही है लेकिन रूस के साथ भारत के सैन्य रिश्ते की वजह से ऐसा कोई सौदा होना मुश्किल है.
एफ-35 के लिए भारत के पास एक संभावित समाधान मौजूदा S-400 सिस्टम को निष्क्रिय करना और उन्हें धीरे-धीरे अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल सिस्टम में बदलना हो सकता है. इससे अमेरिका की चिंता दूर होगी और वह भारत को यह विमान दे सकता है. लेकिन ऐसा होना असंभव है. कुछ विश्लेषज्ञ यह सुझाव देते हैं कि भारत एक बड़ा देश है. वह अपने संवेदनशील सीमा क्षेत्रों जहां S-400 सिस्टम की तैनाती की गई है, उससे दूर F35 को तैनात कर सकता है. खैर, अभी की स्थिति यह है कि अमेरिका भारत को F-35 तब तक नहीं देगा जब तक कि S-400 सिस्टम निष्क्रिय न हो जाए.
रूसी सुखोई 57 बेहतर विकल्प
रूसी सुखोई-57 प्रोजेक्ट में भारत भी हिस्सेदार था. लेकिन, इंजन के प्रदर्शन और स्टील्थ क्षमताओं से असंतुष्ट होकर वह बाहर हो गया. रूस का दावा है कि Su-57 को उन्नत कर इसमें खास इंजन लगाया जा रहा है. इससे भारत की जरूरतें पूरी हो जाएंगी. उसका यह भी कहना है कि पांचवीं पीढ़ी का Su-57 यूक्रेन के साथ जंग में इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन, अभी भी इस पर संशय है. इस बीच मिडिल ईस्ट के संघर्ष में इजराइल ने एफ-35 की ताकत का नमूना दिखा दिया है. फिलहाल केवल इसी एफ35 के पास युद्ध का अनुभव है.
कठिन फैसला
भारत के लिए Su-57 और F-35 में किसी एक का चुनाव करना कठिन फैसला है. अगर अमेरिका भारत को F-35 देने के लिए तैयार भी हो जाता है तो उसे इसके कल-पुर्जों, हथियारों और रखरखाव के लिए पूरी तरह से नई सप्लाई चेन की आवश्यकता होगी, जो काफी महंगा पड़ सकता है. इन उपकरणों को सीधे अमेरिका से इंफोर्ट करना होगा. ऐसे में इस बात का डर रहेगा कि वह भारत पर दबाव डालने के लिए अमेरिका भविष्य में इन जरूरी चीजों का एक्स्पोर्ट रोक भी सकता है. ऐसे में फिलहाल इन स्टील्थ फाइटरों को हासिल करना भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है. इसी कारण वह राफेल की नई खेप और सुखोई 30 को अपग्रेड करने पर फोकस कर रहा है.
Tags: Dassault rafale, Fighter jetFIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 17:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed