पानी के लिए हुई थी कभी इन मुख्यमंत्रियों में लड़ाई फिर बन रहे हैं वही संयोग
पानी के लिए हुई थी कभी इन मुख्यमंत्रियों में लड़ाई फिर बन रहे हैं वही संयोग
1994 में हथिनीकुंड बैराज के पानी के बंटवारे को लेकर यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल, राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत, हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना शामिल हुए थे.
नई दिल्ली. 30 साल पहले हथिनी कुंड बैराज के पानी को लेकर देश के पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच एक समझौता हुआ था. 30 साल बाद इसी बैराज को लेकर अब छह राज्यों के बीच संग्राम शुरू हो सकता है. बता दें कि हरियाणा के यमुना नगर में स्थित हथिनी कुंड बैराज से अभी तक दिल्ली सहित पांच राज्यों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिलता है. 12 मई 1994 को दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और यूपी के मुख्यमंत्रियों ने लंबी लड़ाई के बाद पानी के बंटवारे को लेकर एक समझौता किया था. लेकिन, 30 साल बाद अब यह समझौता खत्म होने जा रहा है. ऐसे में हथिनी कुंड बैराज के पानी को लेकर एक बार फिर से नए सिरे से समझौते की प्रक्रिया शुरू होगी.
1994 में हुए समझौते के तहत हथिनी कुंड बैराज का पानी पांचों राज्यों को अलग- अलग मात्राओं में दी जाती है. इस समझौते के तहत बैराज के पानी का इस्तेमाल दिल्ली पीने और सिंचाई दोनों के लिए करता है. जबकि, बाकी राज्य केवल सिंचाई के लिए ही इस पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. 1994 के समझौते में यह भी तय हुआ था कि उस राज्य को पहले पानी दिया जाएगा, जो पानी का इस्तेमाल सिर्फ पीने के लिए करता है. पानी की कमी को देखते हुए अब दूसरे राज्यों ने भी मात्रा बढ़ाने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है.
हथिनी कुंड बैराज को लेकर मामला गर्माएगा?
पानी की कमी को देखते हुए अब दूसरे राज्यों ने भी मात्रा बढ़ाने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है. जल शक्ति मंत्रालय की सूत्रों की मानें तो राजस्थान, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने सिंचाई के साथ-साथ पीने के लिए भी पानी का इस्तेमाल करने की इजाजत मांगी है. इसके लिए मात्रा को भी बढ़ाने की मांग की गई है.
अभी तक इस बैराज से दिल्ली को सबसे ज्यादा पानी दिया जाता है. इसके बाद शेष पानी का बाकी के बचे राज्य हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी और राजस्थान को दिया जाता है. क्योंकि, यह समझौता सिर्फ 30 सालों के लिए था, जो साल 2025 में पूरा हो जाएगा. ऐसे में एक बार फिर से नए सिरे से पानी के बंटवारे को लेकर बातचीत अगले कुछ महीनों में शुरू होने वाली है.
किन-किन मुख्यमंत्रियों ने किए थे साइन
बता दें कि साल 1994 में इस बैराज के पानी के बंटवारे को लेकर हुए समझौते में जिन-जिन मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए थे, वे सारे मुख्यमंत्रियों की मौत हो चुकी है. बता दें कि इस समझौते में यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल, राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत, हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना शामिल हुए थे. इस बैराज के 11.983 बिलियन क्यूसेक मीटर पानी का बंटवारा अभी तक पांच राज्यों को होता आ रहा है.
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इस बैराज के 11.983 बिलियन क्यूसेक मीटर पानी का बंटवारा अभी तक पांच राज्यों को होता आ रहा है, लेकिन अब जब दोबारा से समझौता होगा तो उत्तराखंड को भी इसमें शामिल किया जाएगा. अभी तक उत्तर प्रदेश अपने हिस्से से उत्तराखंड को पानी देता आ रहा है, जबकि उत्तराखंड उससे कहीं अधिक पानी की मांग करता आ रहा है.
हाल ही में हथिनी कुंड बैराज से पानी के बंटवारे को लेकर हरियाणा और राजस्थान में विवाद हुआ था. राजस्थान और हिमाचल प्रदेश भी अब अलग से पानी चाहता है. वहीं, दिल्ली की केजरीवाल सरकार लगातार हथिनी कुंड बैराज से कम पानी छोड़े जाने का रोना रोती रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि आचार संहिता खत्म होते ही इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार इन छह राज्यों से बातचीत शुरू करेगी. इस साल फरवरी महीने में ही हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के विवाद को हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों ने सुलझाया था.
Tags: Delhi news, Haryana news, Rajasthan news, UP news, Water supplyFIRST PUBLISHED : May 30, 2024, 13:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed