क्या सावन के पहले सोमवार को रुद्राभिषेक करने से मिलता है दोगुना फल जानें
क्या सावन के पहले सोमवार को रुद्राभिषेक करने से मिलता है दोगुना फल जानें
Sawan Somvar: सावन के पहले सोमवार का विशेष महत्व है, लेकिन क्या वास्तव में इस दिन रुद्राभिषेक करने से दुगना फल प्राप्त होता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. संजय उपाध्याय से बात की.
अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी: सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय होता है. 22 जुलाई से सावन की शुरुआत हो रही है और इस दिन सावन का पहला सोमवार है. यह महीना हिंदू धर्म में भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है. यह माह भक्तों के लिए पूजा, उपवास और धार्मिक अनुष्ठानों का समय होता है. खासतौर पर सावन के पहले सोमवार का विशेष महत्व है, लेकिन क्या वास्तव में इस दिन रुद्राभिषेक करने से दुगना फल प्राप्त होता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. संजय उपाध्याय से बात की.
रुद्राभिषेक का महत्व
पंडित संजय उपाध्याय के अनुसार, रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. इसमें भगवान शिव का अभिषेक विभिन्न सामग्रियों से किया जाता है, जिसमें दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल और बेलपत्र का उपयोग होता है .यह अनुष्ठान शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए किया जाता है.भगवान शिव की पूजा प्रद्धति पर आधारित धार्मिक पुस्तक रुद्राष्टाध्यायी में इसके बारे में उल्लेख है.
सावन के पहले सोमवार का महत्व
पं. संजय उपाध्याय बताते हैं कि सावन के पहले सोमवार का महत्व विशेष रूप से इसलिए है क्योंकि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलता है. यह दिन भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
दुगने फल का दावा
जब हमने पं. संजय उपाध्याय से पूछा कि क्या सच में सावन के पहले सोमवार को रुद्राभिषेक करने से दुगना फल प्राप्त होता है, तो उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के पहले सोमवार को रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनकी कृपा दुगनी मात्रा में प्राप्त होती है. यह दिन अत्यधिक शुभ माना जाता है और इस दिन किए गए अनुष्ठान का फल निश्चित रूप से अधिक होता है.
धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
धार्मिक दृष्टिकोण से सावन का महीना और विशेष रूप से इसके सोमवार भगवान शिव के विशेष प्रिय होते हैं. यह मान्यता है कि इस दिन रुद्राभिषेक करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रुद्राभिषेक में उपयोग होने वाली सामग्रियों जैसे दूध, दही, शहद, और घी का मिश्रण वातावरण को शुद्ध करने और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है. बेलपत्र का उपयोग भी औषधीय गुणों से भरा होता है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18, Sawan somvarFIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 17:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed