23 साल बाद गंगा दशहरा पर पंच योगस्नान के समय करें इस मंत्र का जाप

पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार 23 साल बाद चित्रा नक्षत्र और पंच महायोग में गंगा दशहरा मनाया जाएगा. मानस, वरीयान, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ मुहूर्त बन रहा है, जो काफी फलदायी है.

23 साल बाद गंगा दशहरा पर पंच योगस्नान के समय करें इस मंत्र का जाप
अयोध्या: सनातन धर्म में मोक्षदायनी मां गंगा को बहुत पवित्र नदी माना जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मां गंगा तीनों लोकों में बहती हैं. इसलिए उन्हें त्रिपथगामिनी कहा जाता है. स्वर्ग में मां गंगा को मंदाकिनी और पाताल में भागीरथी कहा जाता है. जबकि पृथ्वीलोक पर मां गंगा या जाह्नवी के नाम से जाना जाता है. गंगाजल का प्रयोग जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी अनुष्ठानों व संस्कारों में जरूरी माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर आकाश से मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थी. इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है. इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान और दान करने का अधिक महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार 23 साल बाद चित्रा नक्षत्र और पंच महायोग में गंगा दशहरा मनाया जाएगा. मानस, वरीयान, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ मुहूर्त बन रहा है, जो काफी फलदायी है. इस दिन मां गंगा की पूजा व आरती होगी. कब है गंगा दशहरा? दरअसल अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 15 जून को रात 1:02 बजे से अगले दिन 16 जून को रात 2:54 बजे तक रहेगी. जबकि वृषभ लग्न 16 जून को दोपहर 3:10 से शाम 5:06 बजे तक रहेगा. गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा. 23 साल बाद पंच योग का निर्माण पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार 23 साल बाद चित्रा नक्षत्र और पंच महायोग में गंगा दशहरा मनाया जाएगा. मानस, वरीयान, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग का शुभ मुहूर्त बन रहा है, जो काफी फलदायी है. इस दिन मां गंगा की पूजा व आरती होगी. पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 23 साल बाद गंगा दशहरा पर पंच योग बन रहा है, जो कि पूजा पाठ के लिए उत्तम माना गया है. भविष्य पुराण और स्कंद पुराण में गंगा दशहरा पर पूजन और स्नान का विशेष महत्व बताया गया. गंगा स्नान के समय ‘ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे माँ पावय पावय स्वाहा’ मंत्र का जप करना चाहिए. जरूर करें ये काम पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक मान्यता के मुताबिक गंगा दशहरा के दिन मां गंगा में स्नान करने से 10 तरह के पापों से भी मुक्ति मिलती है . जिनकी कुंडली, जन्म के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती है तो उनके स्नान और पूजन करने से उनके सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इसके अलावा अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर पा रहे तो आप अपने घर में स्नान करते समय गंगाजल को अवश्य डालें . Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 14:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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