बदल जाएगी NEET की मेरिट लिस्‍ट और घट जाएंगे 420 लाख स्टूडेंट्स के के नंबर

NEET UG 2024: नीट परीक्षा के पेपर में पूछे गए फिजिक्स के सवाल के जवाब के कारण अब पूरी मेरिट लिस्‍ट बदल जाएगी. इतना ही नहीं, इसका असर चार लाख अभ्‍यर्थियों के अंकों पर भी पड़ेगा.

बदल जाएगी NEET की मेरिट लिस्‍ट और घट जाएंगे 420 लाख स्टूडेंट्स के के नंबर
नीट मामले की सुनवाई भले ही पूरी हो गई हो लेकिन अभी इसके रिजल्‍ट को लेकर पेंच फंसा ही है. सुप्रीम कोर्ट ने फिजिक्स के एक सवाल के मामले में IIT Delhi की रिपोर्ट को सही मानते हुए कहा कि विकल्प नंबर चार को ही सही माना जाएगा. इसी आधार पर रिजल्‍ट जारी करने के भी निर्देश दिए हैं. ऐसे में अगर इस विकल्‍प को सही मानकर दोबारा रिजल्‍ट जारी होता है, तो इसका फर्क पूरी मेरिट लिस्ट पर पड़ेगा जिसकी वजह से अब पूरी मेरिट लिस्‍ट दोबारा से बनेगी. 4.20 लाख अभ्‍यर्थियों पर असर नीट परीक्षा का दोबारा रिजल्‍ट जारी होने और मेरिट लिस्‍ट बनने का असर लगभग चार लाख नीट परीक्षार्थियों पर पड़ेगा, क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट में बताया गया कि नीट परीक्षा में पूछे गए इस विवादित सवाल के जवाब में 4.20 लाख अभ्‍यर्थियों ने विकल्‍प दो को सही माना था. वहीं 9 लाख परीक्षार्थियों ने इस सवाल के जवाब में विकल्‍प चार को सही माना था. इन छात्रों ने NCERT की नई किताब के अनुसार उत्‍तर दिया था. NTA ने विकल्प दो और चार चुनने वाले सभी अभ्‍यर्थियों के जवाब को सही मानते हुए नंबर दिये थे. जिसके बाद अब कोर्ट ने विकल्‍प चार को सही मानते हुए दोबार से रिजल्‍ट जारी करने को कहा है. घट जाएंगे नंबर अगर विकल्‍प चार को सही मानते हुए दोबारा रिजल्‍ट जारी होगा, तो जिन 4 लाख अभ्‍यर्थियों ने विकल्‍प दो को सही माना होगा. उनके चार नंबर तो कम होंगे ही, दूसरा उनकी निगेटिव मॉर्किंग भी होगी इस तरह उनके कुल 5 अंक कम हो जाएंगे. कैसे हुआ कन्फ़्यूजन? नीट परीक्षा में इस सवाल के जवाब को लेकर कन्फ़्यूजन NCERT की नई और पुरानी पुस्तक के कारण हुआ. नई किताब में जवाब लिखा था कि Atoms of most elements are stable, जबकि NCERT की पुरानी किताब में लिखा था- Atoms of each elements are stable. ऐसे में इसी को लेकर असमंजस की स्‍थिति बन गई. क्‍या बोले सीजीआई सुप्रीम कोर्ट में सीजीआई ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि किसी भी सवाल के दोनों जवाब कैसे सही हो सकते हैं? जिस पर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि वैसे तो बच्चों को नई किताब के मुताबिक़ जवाब देना था, लेकिन 4,20,774 ने पुरानी किताब के हिसाब से आंसर दिया और 9,28,379 ने नई किताब के मुताबिक जवाब दिया. इसी कारण से सभी को नंबर दिए गए. इस पर सीजीआई का तर्क था कि लेकिन दोनों को सही कैसे मान सकते हैं, कोई एक तो ग़लत होगा ही. इसके सही उत्‍तर के लिए उन्‍होंने आईआईटी दिल्‍ली से जवाब मांगा. कैसे सामने आया ये मामला? नीट परीक्षा मामले में एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में इसी सवाल को लेकर याचिका दायर की थी. उसके 720 में से 711 नंबर आए थे लेकिन उसकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि नीट परीक्षा के एक सवाल के दो विकल्पों को जिसने भी चुना, उन सभी को पूरे नंबर दिए गए. जबकि किसी सवाल के दो विकल्प नहीं होने चाहिए. इसी कारण वो कंफ्यूज हो गये और प्रश्न को छोड़ दिया, क्योंकि ग़लत होने पर नेगेटिव मार्किंग का डर था. अभी उनकी 311 रैंक है और अगर इसके 4 नंबर जोड़ लिए जाये तो उनकी रैंक और ऊपर चली जाएगी. Tags: NEET, Neet exam, NEET Topper, Supreme Court, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 19:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed