धान का बीज डालने से पहले करें ये छोटा सा कामरोपाई में लगेगा कम पानी!
धान का बीज डालने से पहले करें ये छोटा सा कामरोपाई में लगेगा कम पानी!
जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि किसानों के लिए खरपतवार एक बड़ी समस्या है. ऐसे में समय रहते अगर उनका प्रबंधन न किया तो खरपतवार फसल को दिए जाने वाले उर्वरक को ग्रहण कर लेते हैं. जिससे फसलों की बढ़वार और उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: इन दिनों किसान धान की रोपाई के लिए पौध डालने का काम कर रहे हैं. धान की पौध में कई तरीके के खरपतवार आते हैं. जिसकी वजह से पौध की गुणवत्ता खराब होती है और उसके बाद धान की फसल के उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान पौध की बुवाई के वक्त ही खरपतवार नियंत्रण के बेहतर प्रबंध कर लें. जिससे उनके पौध में खरपतवार नहीं उगेंगे.
जिला कृषि रक्षा अधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि किसानों के लिए खरपतवार एक बड़ी समस्या है. ऐसे में समय रहते अगर उनका प्रबंधन न किया तो खरपतवार फसल को दिए जाने वाले उर्वरक को ग्रहण कर लेते हैं. जिससे फसलों की बढ़वार और उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि किसान खरपतवारों का बेहतर प्रबंधन करें.
धान की पौध डालने से पहले करें ये काम
डॉ. संजय कुमार ने बताया कि पौध डालने से पहले खेत को अच्छी तरह से जोतकर मिट्टी को भुरभुरा कर लें. अंतिम जुताई के वक्त 2 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से ट्राइकोडर्मा डालकर भूमि का शोध भी कर लें. उसके बाद एक मीटर चौड़ाई रखते हुए क्यारियां बना लें. किसान क्यारी की लंबाई अपनी सुविधानुसार रख सकते हैं. क्यारी बनाकर पौध की बुवाई करने से पानी की खपत कम होगी. साथ ही किसान क्यारी की मेड़ पर बैठकर खरपतवार प्रबंधन भी कर सकते हैं. पौध खराब भी नही होगी.
खरपतवार नियंत्रण के लिए डाल दें ये दवा
डॉ. संजय कुमार ने बताया कि धान की पौध के लिए तैयार की गई क्यारियों में पानी छोड़ने के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें. उसके बाद 80 ग्राम से 100 ग्राम पायराज़ोसल्फ्यूरॉन एथिल 10 प्रति एकड़ के हिसाब से क्यारियों में बिखेर दें. पायराज़ोसल्फ्यूरॉन एथिल 10% बालू (बालू उतनी मात्रा में लें जितना खेत में बिखेर पाएं) में मिलाकर पानी का छिड़काव कर खेत में बिखेर दें. किसान ध्यान रखें कि 100 ग्राम से ज्यादा दवा का इस्तेमाल न करें, नहीं तो पौध के जमाव पर बुरा असर पड़ सकता है.
3 दिन बाद फिर करें दवा का छिड़काव
डॉ. संजय कुमार ने बताया कि खरपतवारों का बेहतर प्रबंधन करने के लिए 2 से 3 दिन के बाद पौध में पानी भरकर 500 Ml प्रिटिलाक्लोर 50% ईसी (pretilachlor 50 ec) प्रति एकड़ के हिसाब से बालू में मिलाकर पूरे खेत में छिड़काव कर दें. ऐसा करने से खेत में खरपतवार नहीं उगेंगे.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 13:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed