इस हाईटेक नर्सरी से तैयार होंगे बेहतरीन पौधे बंपर होगी पैदावार

उद्यान विभाग द्वारा दबरई पर एक हाइटेक नर्सरी सीडलिंग प्रोडक्शन इकाई यानि मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया गया है. जिसके जरिए किसानों के लिए विभिन्न फसलों की पौध को तैयार किया जा सकेगा.

इस हाईटेक नर्सरी से तैयार होंगे बेहतरीन पौधे बंपर होगी पैदावार
धीर राजपूत/ फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद में विभिन्न फसलों की पौध तैयार कराने के लिए हाईटेक नर्सरी सीलिंग प्रोडक्शन इकाई की स्थापना की गई है. जिसके जरिए किसानों को औद्योगिक फसलों का उत्पादन करने में काफी मदद मिलेगी. किसान अपने खेतों में हाइटेक तरीके से तैयार बागवानी की पौध को ले जाकर आसानी से लगा सकेंगे. वहीं इस नर्सरी को तैयार कराने के लिए उद्यान विभाग द्वारा लाखों रुपए खर्च किए हैं. इस नर्सरी के जरिए तैय़ार होने वाली पौध पर बारिश और ओलावृष्टि का भी असर दिखाई नहीं देगा. खेतों में सब्जियों के लिए भी यहां पौध तैयार होगी, जिसे किसान खरीद कर ले जा सकेंगे औऱ अच्छा उत्पादन भी कर सकेंगे. उच्च गुणवत्ता के साथ तैयार की जाएगी बागवानी की पौध फिरोजाबाद जिला उद्यान अधिकारी संजीव वर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि फिरोजाबाद जनपद में लगभग 55 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन किया जाता है. इसके अलावा कई ब्लॉकों में बड़े स्तर पर विभिन्न तरह की बागवानी भी की जाती है. लेकिन अधिकांश किसानों के पास आय के सीमित साधन होने के कारण वह शेड एवं ग्रीन हाउस का निर्माण नहीं करा पाते. जिसके कारण फसल में उच्च गुणवत्ता नहीं मिल पाती है. लेकिन उद्यान विभाग द्वारा दबरई पर एक हाइटेक नर्सरी सीडलिंग प्रोडक्शन इकाई यानि मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण किया गया है. जिसके जरिए किसानों के लिए विभिन्न फसलों की पौध को तैयार किया जा सकेगा.वहीं उन्होने बताया कि इस हाइटेक नर्सरी के निर्माण के लिए लगभग 79.80 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. जनपद में बागवानी के साथ इन फसलों की होती है खेती उद्यान अधिकारी ने कहा कि नारखी, टूंडला व हाथवंत ब्लॉक में मिर्च, शिमला मिर्च एवं अरांव व जसराना ब्लॉक में लहसुन की भी फसल होती है. इसके साथ ही जिले में शाक भाजी के रुप में लौकी, तोरई, करेला, खीरा, खरबूज, तरबूज, फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, बैंगन, भिंडी, मूली, पालक, मेंथी, धनिया की फसल की पौध की रोपाई की जाती है. वहीं इसके अलावा कुछ किसान खेतों में बागवानी के रुए में केला, एप्पल, बेर, अमरुद, वीएनआर, भिंडी प्रजाति तथा नीबू भी करते हैं. लेकिन उत्पादन कम हो पाता है, जिसके लिए किसान अपनी पौध को इस नर्सरी में तैयार करा सकेंगे और अच्छी पैदावार भी कर सकेंगे. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 14:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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