22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा गलती से भी न करें ये 5 काम

पंडित कल्कि राम बताते हैं कि साल में 12 महीने में प्रत्येक महीने पूर्णिमा तिथि आती है और हर पूर्णिमा का अपना अलग महत्व होता है. ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 21 जून को 06 बजकर 01 मिनट पर होगा वहीं, समापन 22 जून 2024 को प्रातः 05 बजकर 07 मिनट पर होगा.

22 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा गलती से भी न करें ये 5 काम
अयोध्या: सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व बताया गया है और इस महीने पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहार भी अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इस महीने पवन पुत्र हनुमान की विधि विधान पूर्वक पूजा करने का विधान है. इतना ही नहीं इस महीने पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि भी बेहद फलदाई मानी जाती है. हिंदू धार्मिक शास्त्रों में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस विशेष दिन पर स्नान-दान व पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है. बता दें कि 22 जून को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि के दिन ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से और भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी एवं चंद्र देव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि साल में 12 महीने में प्रत्येक महीने पूर्णिमा तिथि आती है और हर पूर्णिमा का अपना अलग महत्व होता है. ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 21 जून को 06 बजकर 01 मिनट पर होगा वहीं, समापन 22 जून 2024 को प्रातः 05 बजकर 07 मिनट पर होगा. ऐसे में ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून, को किया जाएगा और स्नान-दान 22 जून, शनिवार के दिन किया जाएगा. वहीं, इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए, तो आइए उन्हें जानते हैं न करें ये 5 काम ⦁ पूर्णिमा के दिन तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. ⦁ पूर्णिमा के दिन बाल और नाखून काटने से परहेज करना चाहिए. ⦁ पूर्णिमा के दिन अपने जीवनसाथी के साथ वाद-विवाद न करें. ⦁ इस दिन जुआ और सट्टा से परहेज करें. ⦁ इस दिन किसी भी हाल में मां और बड़ों का अपमान न करें. करें इन 3 मंत्रों का जाप चंद्र देव अर्घ्य मंत्र 1. गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥ श्री हरि पंचरूप मंत्र 2. ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।। भगवान विष्णु गायत्री मंत्र 3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : June 9, 2024, 07:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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