अगस्त 2024 में भी नहीं तय हुई शादी प्रदोष व्रत करें ये उपाय! जल्द बजेगी शहनाई

धार्मिक मान्यता है कि त्रियोदशी तिथि पर भगवान और मां पार्वती की पूजा-व्रत करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है. 

अगस्त 2024 में भी नहीं तय हुई शादी प्रदोष व्रत करें ये उपाय! जल्द बजेगी शहनाई
अयोध्या: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है. प्रत्येक महीने प्रदोष का व्रत रखा जाता है .प्रदोष का व्रत महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शंकर और माता पार्वती की संध्या काल में पूजा आराधना करती हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करने से साधक को संतान सुख की प्राप्ति होती है. साथ ही जीवन में आ रहे सभी संकटों से मुक्ति है. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद महीने का प्रदोष व्रत 31 अगस्त को है .ज्योतिष के अनुसार इस दिन कुछ खास उपाय करने से अधूरा काम पूरा हो जाता है. साथ ही विवाह में आ रही बाधा भी दूर होती है. तो चलिए जानते हैं इस दिन क्या करना चाहिए . अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में प्रदोष का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. भाद्रपद महीने का प्रदोष व्रत 31 अगस्त को है. सनातन धर्म में भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत को बेहद शुभ माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि त्रियोदशी तिथि पर भगवान और मां पार्वती की पूजा-व्रत करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है. मान्यता है कि भाद्रपद महीने के प्रदोष के दिन शिव चालीसा का पाठ सच्चे मन से करने से महादेव प्रसन्न होते हैं. साथ ही विवाह में आ रही बाधा दूर होती है. शिव चालीसा दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥ मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥ किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ वेद माहि महिमा तुम गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥ सहस कमल में हो रहे धारी।कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई।कमल नयन पूजन चहं सोई॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी।करत कृपा सब के घटवासी॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥ त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।येहि अवसर मोहि आन उबारो॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।संकट ते मोहि आन उबारो॥ मात-पिता भ्राता सब होई।संकट में पूछत नहिं कोई॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी।आय हरहु मम संकट भारी॥ धन निर्धन को देत सदा हीं।जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी।क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥ नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥ जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥ पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे।ध्यान पूर्वक होम करावे॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥ जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥  दोहा  बहन करौ तुम शीलवश, निज जनकौ सब भार। गनौ न अघ, अघ-जाति कछु, सब विधि करो सँभार तुम्हरो शील स्वभाव लखि, जो न शरण तव होय। तेहि सम कुटिल कुबुद्धि जन, नहिं कुभाग्य जन कोय दीन-हीन अति मलिन मति, मैं अघ-ओघ अपार। कृपा-अनल प्रगटौ तुरत, करो पाप सब छार॥ कृपा सुधा बरसाय पुनि, शीतल करो पवित्र। राखो पदकमलनि सदा, हे कुपात्र के मित्र॥ इति श्री शिव चालीसा समाप्त  Tags: Ayodhya News, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 19:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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