काफी प्राचीन है देवी का यह मंदिर महाभारत काल से है इसका संबंध जानें मान्यता
काफी प्राचीन है देवी का यह मंदिर महाभारत काल से है इसका संबंध जानें मान्यता
इस मंदिर परिसर में बहुत सी हाथियों की मूर्तियां देखने को मिलती है. यह मूर्तियां उन लोगों के द्वारा यहां स्थापित की गई हैं. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में श्रद्धालु मनोकामनाएं पूर्ण होने पर चांदी और सोने तथा अन्य धातु से बनी हाथी की मूर्तियां भी चढ़ाते हैं.
महाराजगंज: जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित बनैलिया देवी मंदिर अपने इतिहास और मान्यताओं के लिए जाना जाता है. आसपास के जिलों में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु यहां आते हैं. मंदिर के पुजारी जितेंद्र पाण्डेय ने बताया इस मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है. महाभारत के समय में पांडव यहां आए थे और बनैलिया देवी मंदिर में देवी का आशीर्वाद भी लिया. पांडव अज्ञातवास के दौरान अपने विकट परिस्थितियों के समय में इस क्षेत्र में आए थे. उन्होंने बनैलिया देवी माता का आशीर्वाद लिया और उसके बाद ही आगे प्रस्थान लिए.
शिक्षा के क्षेत्र में भी कर रहा योगदान
बनैलिया देवी मंदिर और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में योगदान कर रहा है. प्राचीन भाषा संस्कृत के अध्ययन के लिए इच्छुक छात्रों के लिए मंदिर बिना किसी शुल्क के अध्ययन करा रहा है. मंदिर परिसर में ही एक संस्कृत विद्यालय है, जहां संस्कृत का अध्ययन कराया जाता है. संस्कृत भाषा के विकास के लिए मंदिर का यह प्रयास अपनी एक अलग पहचान बना रहा है. इसके साथ ही निशुल्क शिक्षा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ है.
मंदिर से लोगों को मिल रहा रोजगार
इस मंदिर परिसर में बहुत सी हाथियों की मूर्तियां देखने को मिलती है. यह मूर्तियां उन लोगों के द्वारा यहां स्थापित की गई हैं. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में श्रद्धालु मनोकामनाएं पूर्ण होने पर चांदी और सोने तथा अन्य धातु से बनी हाथी की मूर्तियां भी चढ़ाते हैं. इसके अलावा मंदिर परिसर के चारों तरफ बहुत सी दुकान बनवाई गई हैं, जिनसे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 16:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed