हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का टोटा लगभग 200 स्कूल हुए बंद
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का टोटा लगभग 200 स्कूल हुए बंद
राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों और स्कूलों को लेकर दी गई इस जानकारी के बाद हरियाणा अभिभावक एकता मंच का कहना है कि जब सरकार ने यह मान लिया है कि सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में अध्यापकों के पद खाली हैं तो ऐसी हालत में सरकारी स्कूलों की दशा में कैसे सुधार हो सकता है और विद्यार्थियों को गुणात्मक व क्वालिटी शिक्षा कैसे मिल सकती है.
चंडीगढ़. हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने की बात स्वीकार की है. गुर्जर ने विधानसभा में बताया है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में 35980 पद अध्यापकों के खाली हैं इसके अलावा सरकार ने 179 प्राथमिक व 17 मिडिल सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया है. ऐसे में छात्रों के सामने गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई को लेकर बड़ा संकट पैदा हो गया है.
राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों और स्कूलों को लेकर दी गई इस जानकारी के बाद हरियाणा अभिभावक एकता मंच का कहना है कि जब सरकार ने यह मान लिया है कि सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में अध्यापकों के पद खाली हैं तो ऐसी हालत में सरकारी स्कूलों की दशा में कैसे सुधार हो सकता है और विद्यार्थियों को गुणात्मक व क्वालिटी शिक्षा कैसे मिल सकती है. मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, संरक्षक सुभाष लांबा ने कहा है कि इतनी संख्या में शिक्षकों के पद पिछले 7 सालों से खाली पड़े हैं.
मंच ने कहा कि अभिभावक व अध्यापक संगठनों की ओर से कई बार मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर सभी रिक्त पदों पर अध्यापकों की शीघ्र भर्ती करने, सरकारी स्कूलों में सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराने व सरकारी स्कूलों की कंडम व जर्जर हो चुकी बिल्डिंग व कमरों की जगह नए कमरों का निर्माण करने का आग्रह किया गया है लेकिन सरकार ने सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार करने के लिए कोई भी ठोस कार्य नहीं किया गया है. इसकी जगह टीचर और संसाधनों की कमी से जूझ रहे पुराने स्कूलों को ही मॉडल संस्कृति विद्यालय का नाम देकर अच्छी और क्वालिटी शिक्षा दिलाने का भ्रमित प्रयास किया गया है.
मंच का कहना है कि स्कूलों के गेट पर मॉडल संस्कृति विद्यालय का बोर्ड लगा देने से सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार नहीं होगा. अगर सरकार वास्तव में सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार करके प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देना चाहती है तो इसके लिए शीघ्र ही रिक्त पदों पर अध्यापकों की नियुक्ति की जाए, सभी आधुनिक और जरूरी संसाधन सभी स्कूलों में मुहैया कराये जायें और युद्ध स्तर पर स्कूलों की जर्जर व कंडम हो चुकी बिल्डिंग, कमरे व चारदीवारी को मजबूत तरीके से नया बनाया जाए. सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को किसी भी गैर शैक्षणिक कार्यों में ना लगाया जाए. ऐसा होने पर ही सरकारी स्कूलों का कायापलट होगा और उनका बेहतर रिजल्ट भी आएगा.
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Tags: Govt School, Haryana news, Haryana TeacherFIRST PUBLISHED : August 10, 2022, 12:54 IST