धान के 1 एकड़ खेत में डालें 8 ग्राम ये दवाढूंढेंगे से नहीं मिलेंगे खरपतवार

डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की रोपाई के समय खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल किया जाता है. यह दवा रोपाई के बाद 24 से 72 घंटे में खेत में डाल दी जाती है. जिससे खरपतवार नहीं उगते लेकिन कई बार खरपतवार नाशक दवा डालने के बाद भी कुछ खरपतवार उग आते हैं.

धान के 1 एकड़ खेत में डालें 8 ग्राम ये दवाढूंढेंगे से नहीं मिलेंगे खरपतवार
शाहजहांपुर : धान की फसल के लिए खरपतवार एक बड़ी समस्या हैं. ये फसल के साथ पोषक तत्वों, पानी और सूर्य के प्रकाश के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिससे धान की वृद्धि और उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. खरपतवार धान के पौधों को कमजोर करते हैं. पौधों की वृद्धि को रोकते हैं, जिससे उत्पादन में कमी आती है. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की फसल में चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती वाले खरपतवार उग आते हैं. खरपतवार धान के दानों की गुणवत्ता को भी प्रभावित करते हैं. इससे दानों का वजन कम होता है. खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों और मजदूरी पर खर्च बढ़ जाता है, जिससे खेती की लागत बढ़ जाती है. ऐसे में जरूरी है कि खरपतवारों का समय पर नियंत्रण किया जाए. चौड़ी पत्ती के खरपतवार हैं खतरनाक डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की रोपाई के समय खरपतवार नाशक दवा का इस्तेमाल किया जाता है. यह दवा रोपाई के बाद 24 से 72 घंटे में खेत में डाल दी जाती है. जिससे खरपतवार नहीं उगते लेकिन कई बार खरपतवार नाशक दवा डालने के बाद भी कुछ खरपतवार उग आते हैं. इसमें चौड़ी पत्ती और सकरी पत्ती के खरपतवार शामिल हैं. इन बातों का रखें खास ध्यान डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि चौड़ी पत्ती के खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए रोपाई के 15 से 20 दिनों के बाद जब खरपतवार दो से तीन पत्ती के हो जाएं, उस समय खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव कर दें. खरपतवार नियंत्रण के लिए  1 एकड़ खेत में मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 10% और क्लोरीमुरान 10% (METSULFURON METHYL 10% + CHLORIMURON ETHYL 10%) नाम की दवा में 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर दें. ध्यान रखें कि छिड़काव करते वक्त खेत में पानी भरा हुआ न हो बल्कि पर्याप्त नमी होना आवश्यक है. दवा का छिड़काव करने के 24 घंटे के बाद धान की फसल में पानी दे दें. एक सप्ताह में खरपतवार पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे. निराई- गुड़ाई भी है अच्छा विकल्प डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि रासायनिक तरीके से खरपतवारों का नियंत्रण करने के अलावा देसी तरीके से भी खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सकता है. किसान धान की फसल में निराई- गुड़ाई करके खरपतवारों को नष्ट कर सकते हैं. जिससे वायु संचार बेहतर होगा. पौधों की बढ़वार बेहतर होगी. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 17:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed