तो क्या हरियाणा में राहुल गांधी SP को सीटें दे कर बढ़ाएंगे अखिलेश यादव की ताकत

यूपी में एसपी-कांग्रेस के बीच भविष्य में गठबंधन की संभावना खत्म न हो जाए इसके लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव से ही कवायद शुरू हो गई है. हरियाणा में एसपी के गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ने के अरमान कांग्रेस के कई नेताओं को पसंद नहीं आ रहा है. ऐसे में क्या राहुल गंधी और अखिलेश यादव के बीच दूरी बढ़ने से पहले क्या प्रियंका गांधी इस बार भी मामला सुलाझाएगी? पढ़िए यह रिपोर्ट

तो क्या हरियाणा में राहुल गांधी SP को सीटें दे कर बढ़ाएंगे अखिलेश यादव की ताकत
नई दिल्ली. हरियाणा चुनाव में जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी के बीच गठजोड़ हो जाने के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच भी गठजोड़ होने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. गठबंधन की बात पर न ही कांग्रेस और न ही एसपी के बड़े नेता कुछ भी बोल रहे हैं. लेकिन, अंदर खाने चर्चा है कि एसपी ने कांग्रेस को यूपी के बदले हरियाणा में कुछ सीटें छोड़ने की शर्त रख दी है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या जेजेपी के दुश्यंत चौटाला और एएसपी के चंद्रशेखर आजाद के बीच समझौते के बाद राहुल गांधी और अखिलेश यादव भी हरियाणा में साथ आएंगे? क्या जाट-जाटव गठजोड़ का तोड़ होगा एसपी-कांग्नेस का गठबंधन? न्यूज 18 हिंदी ने आजमगढ़ के समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव से यह जानने की कोशिश क‍ी क‍ि  क्या एसपी की हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा है? क्या राहुल गांधी और अखिलेश यादव में हरियाणा चुनाव को लेकर बात हुई है? इस सवाल के जवाब में धर्मेंद्र यादव कहते हैं, ‘इस बारे में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष या फिर पार्टी के प्रवक्ता ही जवाब देंगे. मैं इस समय अपने क्षेत्र में हूं और इस बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है और ना ही मैं अधिकृत हूं.’ राहुल-अखिलेश की ‘दोस्ती’ हरियाणा में टूट जाएगी? लेकिन, एक और सांसद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कहां जाएंगे? यूपी में उनका जनाधार था? लेकिन, स्थानीय समीकरण और हरियाणा कांग्रेस गठबंधन के मूड में नहीं है. हरियाणा कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि जब ठीकठाक जनाधार वाली पार्टी आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस ने गठबंधन नहीं किया तो एसपी के साथ कैसे करेगी? हरियाणा में एसपी का कोई जनाधार नहीं है. गुरुग्राम के सी-2 पालम विहार के रहने वाले दीपू यादव कहते हैं, ‘हरियाणा में कांग्रेस और एसपी में तालमल इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि, यहां की स्थानीय राजनीति शुरू से ही कांग्रेस और चौधरी देवीवाल के परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है. पिछले दो टर्म से बीजेपी ने जबरदस्त पैठ बनाई है. हालांकि, इस बार थोड़ा मुश्किल लग रहा है. मुलायम सिंह यादव के समय में भी हरियाणा में एसपी का जनाधार नहीं था.’ एसपी की चाहत को कांग्रेस करेगी स्वीकार? हरियाणा प्रदेश के एसपी नेता मोहन यादव कहते हैं, ‘कांग्रेस को अतिआत्मविश्वास से बचना चाहिए. मध्य प्रदेश में भी इसी वजह से हारी थी कांग्रेस. एमपी में भी कांग्रेस ने एसपी के साथ गठबंधन नहीं किया. अगर कांग्रेस एमपी जैसे परिणामों को दोहराना नहीं चाहती है तो हरियाणा में गठबंधन करना सही रहेगा. हमारे नेता ने कांग्रेस के साथ में समझौता कर बड़ा दिल दिखाया. अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए’ आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में यूपी में कांग्रेस और एसपी के बीच गठबंधन टूटते-टूटते बचा था. तब राहुल गांधी और अखिलेश यादव में दूरियां बढ़ गई थीं. ज्यादा सीट मांगने पर अखिलेश ने तो उम्मीदवारों का ऐलान तक शुरू कर दिया था. लेकिन, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बीच में पड़कर गठबंधन को फाइनल किया. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी शायद इंडिया गठबंधन को बचाने के लिए कोई बीच का रास्ता निकाल लें. हरियाणा की राजनीतिक को करीब से जानने वाले संजीव पांडेय कहते हैं. ‘बीते लोकसभा चुनाव में हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस में सीधा संघर्ष हुआ. चौधरी देवीलाल परिवार की दोनों पार्टियां इंडियन नेशनल लोकदल और जेजेपी हाशिये पर चली गई. इन दोनों पार्टियों को लोकसभा चुनाव में 1 प्रतिशत भी वोट नहीं मिले. वहीं, किसी जमाने में 15 प्रतिशत तक वोट शेयर हासिल करने वाली बीएसपी को भी निराशा हाथ लगी. ऐसे में कांग्रेस क्यों चाहेगी कि एसपी को हरियाणा में पैर पसारने दें.’ Haryana Election 2024: और बढ़ा इंतजार, इस वजह से नहीं आ रही बीजेपी और कांग्रेस की पहली लिस्ट, बिगड़ा समीकरण सुधारने की हो रही कवायद पांडेय आगे कहते हैं, ‘हरियाणा में वैसे भी यादवों का वोट बैंक कांग्रेस और बीजेपी में बंटा हुआ है. स्थानीय स्तर पर भी सपा का जनाधार नहीं है. साउथर्न हरियाणा के गुरुग्राम, मेवात, रेवाड़ी और नारनौल के पास यादव-अहीर का अच्छा प्रभाव है. इन इलाकों में अहीर वोटों की संख्या ज्यादा है. खास बात यह है कि हरियाणा में यादवों के तीन-चार बड़े चेहरे कांग्रेस और बीजेपी में ही हैं. राव इंद्रजीत सिंह जहां बीजेपी में हैं. वहीं, लालू यादव के समधी कैप्टन अजय यादव और राव दान सिंह कांग्रेस में हैं. ऐसे में कांग्रेस क्यों चाहेगी एसपी को सीट दें और जनाधार बनाने का मौका. ताकि आगे चलकर वह कांग्रेस के लिए ही समस्या खड़ी करने लगे.’ Tags: Akhilesh yadav, Haryana election 2024, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 18:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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