और बढ़ा इंतजार इस वजह से नहीं आ रही बीजेपी और कांग्रेस की पहली लिस्ट
और बढ़ा इंतजार इस वजह से नहीं आ रही बीजेपी और कांग्रेस की पहली लिस्ट
Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों में टिकटों के बंटवारे को लेकर जबरदस्त मंथन चल रहा है. कांग्रेस जहां हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस बार खुली छूट देने के मूड में नजर नहीं आ रही है. वहीं, बीजेपी सीट टू सीट और कैंडिडेट टू कैंडिडेट स्क्रीनिंग करने में लगी हुई है.
Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव- 2024 बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है. कांग्रेस जहां 10 साल का वनवास खत्म कर वापसी की राह देख रहा है. वहीं, बीजेपी केंद्र की तरह हरियाणा में भी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की दिशा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसी को ध्यान में रखकर टिकट बंटवारे में दोनों पार्टियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं. दोनों पार्टियां इस बार सीट टू सीट और कैंडिडेट टू कैंडिडेट मार्किंग करने में लगी हुई है. पार्टियां जाति, उम्र, पिछला रिकॉर्ड, जमानत जब्त का रिकॉर्ड भी मांग रही है.
अगर बात बीजेपी की करें तो इस बार पार्टी जीताऊ चेहरों पर हर कीमत पर दांव लगाएगी. चाहे वह जीताऊ उम्मीदवार किसी सांसद का बेटा और बेटी हो या अन्य रिश्तेदार ही क्यों न हो. बीजेपी वैसे कैंडिडेट को टिकट देगी, जिसका जीत का प्रतिशत सौ फीसदी है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी एंटी इनकंबेंसी फेक्टर से बचने के लिए अपने 40 विधायकों में से लगभग 25-30 सीटिंग एमएलए का टिकट भी काट सकती है.
कट सकता है दो दर्जन से अधिक बीजेपी विधायकों का टिकट
बीजेपी की नजर इस बार जाट वोट बैंक पर भी है. जाट वोट बैंक साधने के लिए ही पार्टी ने बंसीलाल की बहू किरण चौधरी को राज्यसभा से उम्मीदवार बनाया है. बंसीलाल की पोती और किरण चौधरी की बेटी श्रूति चौधरी तोशाम सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ सकती हैं. बीजेपी किरण चौधरी और श्रूति चौधरी के बहाने इस क्षेत्र के आधा दर्जन सीटों पर जाट वोट में बंटवारा कर फायदा उठाना चाह रही है. तोशाम सीट पर अब तक 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें बंसीलाल का परिवार 12 बार जीत दर्ज की है.
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हालांकि, कांग्रेस ने भी इस सीट को जीतने का प्लान तैयार कर लिया है. कांग्रेस बंसीलाल के बड़े बेटे रणबीर सिंह के पुत्र अनिरुद्ध चौधरी को इस सीट से उतार सकती है. ऐसे में अगर श्रुति और अनिरुद्ध के बीच लड़ाई होगा तो बंसीलाल का वोट बैंक बंटेगा और कांग्रेस को इससे फायदा होगा. यानी कांग्रेस ने एक-एक सीट का प्लान तैयार कर लिया है.
कैंडिडेट टू कैंडिडेट और पार्टी टू पार्टी स्क्रीनिंग
अगर टिकटों के बंटवारे की बात है तो हरियाणा से लेकर दिल्ली तक इस पर मंथन चल रहा है. पार्टी पिछली बार की तरफ इस बार हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खुली छूट देने के मूड में नजर नहीं आ रही है. हालांकि, इस बार भी हुड्डा मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. लेकिन, कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा की लोकसभा में जीत से कद बढ़ा है. रणदीप सुरजेवाला भी पार्टी हाईकमान के नजदीक रहने और कर्नाटक के प्रभारी के तौर जीत दिलाने के बाद मुख्यमंत्री पद की लाबिंग में पीछे नहीं हैं.
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस काफी उत्साहित जरूर है, लेकिन यह अतिउत्साह कहीं कांग्रेस का बंटाधार न कर दे. क्योंकि, इस समय हरियाणा कांग्रेस में तीन गुट बन गए हैं और तीनों गुट अपने-अपने नेताओं को मुख्यमंत्री का चेहरा बता रही है. सेलजा बोल चुकी हैं कि वह हरियाणा के राजनीति में रहना चाहती हैं. सेलजा ने यहां तक बोल दिया कि सीएम का अंतिम फैसला हाईकमान करेगा, लेकिन मुख्यमंत्री बनने की इच्छा मन में रखना कोई गलत बात नहीं है.
हरियाणा कांग्रेस में यह स्थिति बीजेपी के अच्छी है. बीजेपी गुटबाजी का पूरा फायदा उठाना चाह रही है. यही वजह है कि इतना जल्दी बीजेपी अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं करेगी. कांग्रेस भी बीजेपी की लिस्ट की प्रतिक्षा कर रही है. आपको बता दें कि कांग्रेस में 90 सीटों के लिए तकरीबन 2500 कार्यकर्ताओं ने टिकट के लिए आवेदन दिए हैं. हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन इन आवेदनों पर पार्टी के अन्य नेताओं से चर्चा कर रहे हैं.
Tags: Haryana Election, Haryana election 2024FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 18:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed