‘अस्पताल की तरह कोर्ट पर भी…’ CJI ने मानी बुनियादी ढांचे की कमी
सीजेआई ने जिला स्तर पर जजों के पद भरने पर जोर दिया. हाईकोर्ट और राज्य सरकारों के लिए जिला कोर्ट में खाली पड़े पदों को भरना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जैसे कई राज्य हैं जहां न्यायाधीशों की संख्या 160 है और 160 न्यायाधीशों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना आसान नहीं है.
सीजेआई ने जोर देते हुए कहा कि हमें नए माध्यम भी अपनाने होंगे. पिछले सप्ताह एक विशेष लोक अदालत आयोजित की गई थी, जिसमें पांच दिनों में करीब 1,000 मामलों का फैसला किया गया. इस साल गर्मी की छुट्टियों के दौरान सुप्रीम कोर्ट की 21 बेंचों ने काम किया और करीब 4,000 मामलों की सुनवाई की. 4,000 मामलों में से 1,170 मामलों का निपटारा किया गया. विभिन्न माध्यमों से हम मामलों की संख्या कम कर सकते हैं.”
यह भी पढ़ें:- विदेश मंत्री के दौरे से लाइन पर आया मालदीव, अपनाने को तैयार हुआ UPI, लेकिन इसमें भी ढूंढ लिया अपना फायदा
सीजेआई ने कहा कि यह देखा गया है कि अदालतों में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा अंग्रेजी है. आम लोगों को उनके मामलों के बारे में आसानी से समझने के लिए AI की मदद से फैसलों का रीजनल भाषाओं में अनुवाद कर रहे हैं. “1950 से 2024 तक लगभग 37,000 सुप्रीम कोर्ट के फैसले हैं और उनमें से 22,000 फैसलों का पंजाबी में अनुवाद किया गया है. 36,000 से अधिक फैसलों का हिंदी में अनुवाद किया गया है. हम सभी भाषाओं में फैसलों का अनुवाद कर रहे हैं.”
सीजेआई ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जा रही है. “तकनीक के माध्यम से हमने कई पहल की हैं.” जजों की कमी पर एक सवाल का जवाब देते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि इसके पीछे कई कारण हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट जैसे कई राज्य हैं जहां न्यायाधीशों की संख्या 160 है और 160 न्यायाधीशों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना आसान नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में कोई पद खाली नहीं है और उनके कार्यकाल के दौरान 34 जज कार्यरत हैं. हालांकि, सीजेआई ने जिला स्तर पर जजों के पद भरने पर जोर दिया. हाईकोर्ट और राज्य सरकारों के लिए जिला कोर्ट में खाली पड़े पदों को भरना महत्वपूर्ण है.
Tags: DY Chandrachud, Hindi news, Supreme Court