सैलरी वालों को रिझाने में जुटीं कमला भारत-US के मिडिल क्लास में कितना अंतर
सैलरी वालों को रिझाने में जुटीं कमला भारत-US के मिडिल क्लास में कितना अंतर
Middle Class in America : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब 90 से भी कम दिन बचे हैं और उम्मीदवारों ने अपने-अपने पत्ते खोलने भी शुरू कर दिए हैं. इस कड़ी में कमला हैरिस ने देश की 50 फीसदी जनसंख्या को लुभाने के लिए मिडिल क्लास का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है.
हाइलाइट्स कमला हैरिस ने मिडिल क्लास का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा, घर का सपना पूरा कराना लक्ष्य है. ग्रॉसरी और दवाओं के दाम सस्ते किए जाएंगे.
नई दिल्ली. अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने अपने चुनावी मुद्दे में मिडिल क्लास को प्रमुखता से रखा है. उन्होंने अमेरिका के मिडिल क्लास खासकर सैलरी वालों को राहत देने के लिए कई कदम उठाने का ऐलान किया है. उन्होंने अपने विरोधी और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर भी निशाना साधा और कहा कि उनका एजेंडा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है. आपको बता दें कि अमेरिका की करीब 50 फीसदी जनसंख्या मिडिल क्लास में आती है. जाहिर है कि कमला हैरिस ने अपने मुद्दे में मिडिल क्लास को शामिल कर बड़े वोटर वर्ग को रिझाने की कोशिश की है.
कमला हैरिस ने अपनी इकनॉमिक पॉलिसी पेश करते हुए कहा कि लाखों लोग पहली बार अपना घर खरीदने का सपना देख रहे हैं. ऐसे लोगों की मदद की जाएगी और टैक्स को भी कम करने पर जोर रहेगा. इसके साथ ही ग्रॉसरी व अन्य जरूरी चीजों के दाम घटाने पर भी हमारी सरकार का फोकस रहेगा. हेल्थकेयर और चाइल्ड टैक्स क्रेडिट जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, ताकि मिडिल क्लास को इसका पूरा फायदा मिल सके.
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क्या है चिंता का विषय
अमेरिका में पिछले दिनों जारी महंगाई के आंकड़ों ने करीब साढ़े तीन साल बाद राहत दी है, जब उपभोक्ता से जुड़ी महंगाई दर 3 फीसदी से नीचे चली गई. हालांकि, ग्रॉसरी सहित अन्य खाद्य उत्पादों की महंगाई दर आज भी बढ़ी हुई है और इनकी कीमतें कोरोना महमारी से पूर्व की स्थिति से भी ऊपर हैं. यही कमला हैरिस की सबसे बड़ी चिंता है, क्योंकि इसका सीधा और सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास पर पड़ रहा है.
भारत की तर्ज पर सस्ता घर
कमला हैरिस ने अपने इकनॉमिक विजन में मिडिल क्लास के लिए अपने घर का सपना पूरा करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि इस देश में अपना घर बनाना काफी मुश्किल काम है. हम हाउसिंग और दवाओं की कीमतों पर नजर रखेंगे और उसे आम आदमी के काबिल बनाएंगे. ग्रॉसरी की कीमतों पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और उल्लंघन करने वालों पर पेनाल्टी लगाने का भी आदेश दिया गया है.
कहां खड़ा है अमेरिका और भारत का मिडलि क्लास
अगर अमेरिका के मिडिल क्लास की कमाई की तुलना भारतीयों के साथ की जाए तो यह अंतर काफी चौंकाने वाला है. प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, कोरोनाकाल से पहले 50 फीसदी अमेरिकी मिडिल क्लास में आते थे. तब एक मिडिल क्लास परिवार की सालाना कमाई 28 लाख से लेकर 86 लाख रुपये तक होती थी. हालांकि, इस कमाई का 33 फीसदी हिस्सा घर की ईएमआई या किराया चुकाने में चला जाता है. वहीं, होम क्रेडिट इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में मेट्रो सिटी में रहने वाला मिडिल क्लास भारतीय हर महीने 35 हजार रुपये यानी 4.20 लाख रुपये सालाना कमाएगा.
Tags: Business news, United States of AmericaFIRST PUBLISHED : August 19, 2024, 09:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed