चीन-ब्राजील को जेलेंस्की की नासिर्फ PM मोदी पर भरोसा!
चीन-ब्राजील को जेलेंस्की की नासिर्फ PM मोदी पर भरोसा!
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने युद्ध खत्म करने के चीन-ब्राजील के प्रस्ताव को विनाशकारी बताया है. इससे संकेत जाता है कि उन्हें पीएम मोदी पर भरोसा है. इस बीच पीएम मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को रूस भेजा है. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही यूक्रेन संकट का हल निकालेंगे? यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी सिर्फ उन्हीं पर भरोसा है. आपको याद होगा कि कुछ दिनों पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि सिर्फ तीन देश भारत, चीन और ब्राजील ही सीजफायर करा सकते हैं. लेकिन अब जेलेंस्की ने चीन-ब्राजील की शांति पहल को विनाशकारी करार देते हुए खारिज कर दिया है. उन्होंने साफ कहा कि चीन-ब्राजील का प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं होगा. इससे लग रहा है कि जेलेंस्की को सिर्फ भारत पर भरोसा है. इस बीच पीएम मोदी की कोशिशें भी साफ-साफ नजर आ रही हैं. उन्होंने अपने दूत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को रूस भेजा है. डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात भी की है. इससे इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जब पीएम मोदी ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने रूस के कजान शहर जाएंगे तो सीजफायर पर कुछ ऐलान हो सकता है.
दरअसल, चीन और ब्राजील ने मई में एक अंतर्राष्ट्रीय शांति सम्मेलन का प्रस्ताव दिया था. कहा था कि अगर रूस और यूक्रेन इसे मान्यता दें, तो सभी पक्षों को बिठाकर बातचीत की जा सकती है. निष्पक्ष चर्चा की जा सकती है. लेकिन जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया. ब्राजील के मीडिया आउटलेट मेट्रोपोल्स के साथ इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा, चीन-ब्राजील का प्रस्ताव विनाशकारी है. यह सिर्फ एक पोलिटिकल स्टेटमेंट है. जेलेंस्की ने कहा, आप हमसे कुछ पूछे बिना कैसे कह सकते हैं कि यह हमारी पहल है? इस प्रस्ताव में यूक्रेन कहीं भी शामिल नहीं था.
यूक्रेन का सम्मान होना चाहिए
जेलेंस्की ने कहा- पुतिन ने जो प्रस्ताव पेश किया है, उसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान नजर नहीं आता. अगर रूसी राष्ट्रपति वास्तव में जंग खत्म करना चाहते हैं, तो उन्हें यह दिखाने के लिए कुछ फैसले लेने होंगे. रॉयटर्स ने जून में बताया था कि चीन स्विट्जरलैंड में यूक्रेन की लीडरशिप में एक शिखर सम्मेलन कराने की कोशिश कर रहा है. उसमें विकासशील देशों को भी शामिल करने की बात थी. इससे पहले पुतिन ने मई में कहा था कि वे चीनी शांति प्रस्तावों का समर्थन करते हैं. इस महीने उन्होंने सुझाव दिया कि चीन और ब्राजील के साथ-साथ भारत भी यूक्रेन संकट पर शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं.
पहले भी चीन ने की थी कोशिश
बता दें कि युद्ध की शुरुआत में भी चीन ने कोशिशें की थी. उसने 12 प्वाइंट एक एजेंडा भी बनाया था, लेकिन उसे यूक्रेन ने बहुत तवज्जो नहीं दी. तब अमेरिका ने भी चीन की कड़ी आलोचना की थी. कहा था कि चीन खुद को शांति का झंडाबरदार बनाकर पेश कर रहा है, लेकिन वह रूस के झूठ को छिपाना चाहता है. वह रूस के आक्रमण की निंदा नहीं करता. जेलेंस्की चाहते हैं कि शांति से पहले रूसी सैनिकों की यूक्रेन से वापसी हो. यूक्रेन की 1991 से पहले जो सीमा थी, उसकी बहाली की जाए. और रूस को जंग छेड़ने के लिए जवाबदेह बनाया जाए. जेलेंस्की ब्राजील की सरकार को रूस और पुतिन का समर्थक मानते हैं. इस मौके पर जेलेंस्की ने ब्राजील को चेताया भी. कहा- रूस के साथ प्यार अस्थायी है.
Tags: PM Modi, Russia ukraine war, Vladimir Putin, Volodymyr ZelenskyFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 21:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed