कैंसर को लेकर चौंकाने वाला अध्ययन 50 से पहले ही लोगों में बढ़ने लगी है बीमारी ये हैं इसके कारण
कैंसर को लेकर चौंकाने वाला अध्ययन 50 से पहले ही लोगों में बढ़ने लगी है बीमारी ये हैं इसके कारण
Cancer develop in early age: एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि कम उम्र के लोगों में कैंसर की बीमारी ज्यादा होने लगी है. नेचर रिव्यू के क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक 1990 के बाद से युवाओं में कैंसर की बीमारी बढ़ने लगी है. इसके लिए गतिहीन जीवनशैली को जिम्मेदार बताया गया है.
हाइलाइट्सकिडनी, लीवर, पैंक्रियाटिक, ब्रेस्ट, कोलन, एसोफैगल और कोलन कैंसर सबसे ज्यादा युवाओं मेंलंदन में ब्रिघम और वूमेंस अस्पताल के शोधकर्ताओं ने किया है अध्ययन 1990 के बाद से ही कम उम्र के लोगों में बढ़ रही है कैंसर की बीमारी
नई दिल्ली. आधुनिकता के चकाचौंध में मनुष्य की गतिहीन जीवनशैली ने कैंसर की बीमारी को बढ़ा दिया है. चिंता की बात यह है कि अब युवा आबादी में इसका कहर बरपने लगा है. एक नए अध्ययन के मुताबिक 50 साल की उम्र से कम के व्यक्तियों में यह बीमारी तेजी से बढ़ने लगी है. लंदन में ब्रिघम और वूमेंस अस्पताल के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि 1990 के बाद से 50 साल से पहले की उम्र के लोगों में कैंसर की बीमारी में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. किडनी, लीवर, पैंक्रियाटिक, ब्रेस्ट, कोलन, एसोफैगल और कोलन कैंसर सबसे ज्यादा युवाओं में हो रहे हैं. अध्ययन का निष्कर्ष नेचर रिव्यू क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.
मिंट की खबर के मुताबिक अध्ययन के विश्लेषण के आधार पर पाया गया कि शराब का सेवन, नींद की कमी, धूम्रपान, मोटापा और अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन शुरुआती कैंसर के संभावित जोखिम के प्रमुख कारकों में थे. शोधकर्ताओं ने पाया कि एक दशक पहले की तुलना में आज के युवा बहुत कम नींद ले रहे हैं. हालांकि हैरानी की बात यह है कि वयस्कों की नींद की लंबाई में कोई परिवर्तन नहीं आया है. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि हाल के दशकों में लोगों का जीवन कई चीजों के प्रभाव में आया है जिसके कारण व्यक्ति के पोषण, जीवनशैली, वजन और स्वास्थ्य संबंधी कई प्रक्रियाओं में बदलाव देखने को मिला है. हालांकि शोधकर्ताओं ने पश्चिमी खानपान और जीवनशैली को कैंसर महामारी के संभावित जोखिमों से बाहर रखा था.
शोधकर्ताओं ने कहा कि 1950 के दशक के बाद से प्रोसेस्ड फूड, मीठा पेय, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, गतिहीन जीवन शैली और शराब का सेवन जैसे जोखिम कारकों ने कैंसर की बीमारी में वृद्धि की है. शोधकर्ता अपने अध्ययन में यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि क्यों इतने अधिक युवाओं को आज कैंसर का इलाज कराना पड़ रहा है. शोधकर्ताओं ने अपने नतीजे में यह भी पाया कि कुछ कैंसर की बीमारी की पहचान शुरुआत में ही हो जाती है जिसके कारण युवा इसका इलाज करा लेते हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक दुनिया भर में 14 तरह के कैंसर मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है.
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Tags: Cancer, StudyFIRST PUBLISHED : September 08, 2022, 12:56 IST