CM योगी को रोक नहीं सकेगा SC क्‍या है वो कानून ज‍िसका इस्‍तेमाल करेगी सरकार

Yogi Adityanath News: योगी आद‍ित्‍यनाथ के अधिकारियों का कहना है क‍ि अगर कोई इस तरह के न‍ियमों का पालन नहीं करता है तो उसके ख‍िलाफ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की अगुवाई में कार्रवाई शुरू की जाएगी, जो लाइसेंसिंग संस्थान है जो देशभर में खाद्य सुरक्षा को नियंत्रित करती है और उसकी न‍िगरानी करती है.

CM योगी को रोक नहीं सकेगा SC क्‍या है वो कानून ज‍िसका इस्‍तेमाल करेगी सरकार
हाइलाइट्स उत्तर प्रदेश सरकार ने थूककर या क‍िसी अन्‍य गंदी चीज की म‍िलावट करने पर प्रशासन उसके ख‍िलाफ कार्रवाई कर सकता है. इस कानून में 'वैर‍िफ‍िकेशन प्रोसेस' भी शम‍िल है ज‍िसके तहत कर्मचार‍ियों का नाम प्रमुखता के साथ ड‍िस्‍प्‍ले करना होगा. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की अगुवाई में कार्रवाई शुरू की जाएगी नई द‍िल्‍ली. क्‍या योगी आदि‍त्‍यनाथ के रेस्‍टोरेंट और ढाबे माल‍िकों के नाम बताने आदेश पर सुप्रीम कोर्ट फिर से रोक लगा सकता है? क्‍या योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की अहवेलना की है, ज‍िसमें कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों को अपना नाम दुकान के आगे लगाने का आदेश द‍िया गया था पर कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी. नहीं ऐसा कुछ नहीं है और उत्‍तर प्रदेश की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार का हाल ही में जारी क‍िया गया आदेश खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम (FSSA) 2006 की धारा 56 के तहत द‍िया गया है. इसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने थूककर या क‍िसी अन्‍य गंदी चीज की म‍िलावट करने पर प्रशासन उसके ख‍िलाफ कार्रवाई कर सकता है. इतना ही नहीं इस कानून में ‘वैर‍िफ‍िकेशन प्रोसेस’ भी शम‍िल है ज‍िसके तहत ढाबों मालिकों को अपना और उनके यहां काम करने वाले कर्मचार‍ियों का नाम प्रमुखता के साथ ड‍िस्‍प्‍ले करना होगा. कांवड़ यात्रा रूट पर लागू इसी तरह की पुलिस अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के लगभग दो महीने बाद यागी सरकार ने यह नया आदेश जारी क‍िया है. इस आदेश के मुताब‍िक, राज्य खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टीमें इस नए आदेश को लागू करवाएंगी. यूपी के अधिकारियों का कहना है क‍ि अगर कोई इस तरह के न‍ियमों का पालन नहीं करता है तो उसके ख‍िलाफ भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) की अगुवाई में कार्रवाई शुरू की जाएगी, जो लाइसेंसिंग संस्थान है जो देशभर में खाद्य सुरक्षा को नियंत्रित करती है और उसकी न‍िगरानी करती है. आपको बता दें क‍ि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश द्वारा कांवड़ यात्रा से जुड़े नोटिसों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था क‍ि पुल‍िस को ऐसे किसी भी आदेश को लागू करने का अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में दे द‍िया था इशारा सुप्रीम कोर्ट के जस्‍ट‍िस ऋषिकेश रॉय और जस्‍ट‍िस एसवीएन भट्टी की पीठ ने अपने आदेश में बताया था क‍ि जवाबदेह अथॉर‍िटी ही FSSA, 2006 और स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, 2014 के तहत आदेश जारी कर सकती हैं. हालांकि, अथॉर‍िटी (इस मामले में, FSSAI) को दी गई कानूनी शक्तियों का इस्तेमाल पुलिस कानूनी आधार के बिना नहीं कर सकती है. रेस्टोरेंट, ढाबा और क्लाउड किचन के माल‍िकों को अपना नाम और पता ल‍िखने के आदेश पर एक बार फ‍िर सुर्ख‍ियों में आ गया है. मंगलवार को इस मामले में यूपी के सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने लखनऊ में हुए बैठक में खाने को थूककर या क‍िसी अन्‍य तरीके से दूष‍ित करने के मामले सामने आने के बाद बैठक बुलाई थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि योगी आद‍ित्‍यनाथ चाहते हैं कि वैर‍िफ‍िकेश की प्रोसेस तेजी से पूरा हो. उन्होंने कहा है क‍ि इससे संबंधित अधिनियम में पूरी प्रक्रिया पहले से ही अच्छी तरह से निर्धारित है. इसे केवल प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है. सीएम योगी ने क्लाउड किचन सहित भोजन परोसने वाले सभी दुकान और ढाबों की पहचान कर उनकी सूची बनाकर जवाबदेही लागू करने के लिए आवश्यक ‘नियमों में संशोधन’ और कदम उठाने का आदेश दिया है. क्‍या है धारा 56? FSSA की धारा 56 में कहा गया है. कोई भी व्यक्ति जो स्वयं या उसकी ओर से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा खाने की कोई चीज बनाई जाती है या बनवाई जाती है वह दूष‍ित है या क‍िसी अन्‍य तरीके से दूष‍ित क‍िया जाता है तो उस पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. यदि खाद्य मिलावट से कोई शख्‍स घालय होता है या मृत्यु होती है, तो कानून में छह महीने से लेकर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों ने कांवड़ यात्रा रूट पर ढाबों, खाने के स्टॉल और फल विक्रेताओं के लिए पारदर्शिता के लिए मालिकों के नाम उस पर ल‍िखने का आदेश द‍िया था. तीर्थयात्रियों को खाने के स्थान के बारे में जानकारी देना जरूरी कर द‍िया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह सुनिश्चित करना एफएसएसएआई की जिम्मेदारी है कि तीर्थयात्रियों को उनकी पसंद और स्वच्छता के मानकों के अनुरूप शाकाहारी भोजन परोसा जाए. योगी सरकार ने अभी क्‍या द‍िया आदेश? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. देश के विभिन्न क्षेत्रों में घटी ऐसी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट्स आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच, सत्यापन आदि के भी निर्देश दिए हैं. साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं. ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं. ऐसे प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं. Tags: Supreme Court, Yogi Aditya NathFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 14:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed