यूपी में इस चाट की धूम 65 साल से बादशाहत कायम रोज 200 प्लेट की बिक्री
यूपी में इस चाट की धूम 65 साल से बादशाहत कायम रोज 200 प्लेट की बिक्री
उत्तर प्रदेश का मथुरा जितना प्राचीन अपना इतिहास रखता है. उतना ही पुराना यहां का खान पान है. मथुरा वृन्दावन मार्ग पर स्थित आलू की टिक्की का स्वाद लोगों की जुबां चढ़ा हुआ है. 65 साल पुरानी सैनी चाट भंडर लोगों को वहीं स्वाद आज भी सर्व कर रहा है. तीसरी पीढ़ी इस काम को बखूबी से करते चले आ रहे हैं.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: जब तुम सब कुछ कर सकते हो, तुम कहते हो हम सर्व ब्रह्मांड के ज्ञाता हैं. तुम कहते हो वचन ही ढाल है, वचन ही तलवार है तो इन बच्चों ने कौन सा वचन तोड़ा था? उनकी क्या गलती थी. ये मार्मिक बोल उस परिवार के हैं, जिन्होंने कल हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में अपने दो मासूम बच्चों को खो दिया. यह दोनों मासूम अपने परिवार के साथ हाथरस गए थे. लेकिन, फिर वह वापस घर नहीं लौट सके. अब घर पर सिर्फ परिवार मां की रोती बिलखती आवाज ही आ रही है. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.
शाहजहांपुर के कांट थाना गांव भमौली के रहने वाले आनंद 9 वर्षीय बड़े बेटे आयुष और तीन वर्ष की मासूम बच्ची काव्या की दर्दनाक मौत हो गई. जबकि, उनका छोटा बेटा आरुष, उनकी पत्नी दुर्वेश और बहन रामा और सीमा भी मामूली रूप से घायल हुई हैं. मासूम बच्चों को गवाने के बाद दहाड़े मार कर रो रहा पूरा परिवार कार्यक्रम के आयोजकों और प्रशासन से तमाम सवाल खड़े कर रहा है.
बाबा और आयोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
आनंद अपनी पत्नी दुर्गेश और 9 साल के बेटे आयुष, छोटे बेटे आरुष और 3 साल की काव्या के साथ जयपुर में रहकर सिलाई का काम करते है. आनंद 1 साल पहले घर से जयपुर गए थे, यहां उनकी बहन रामा और सीमा भी साथ में रह रही थी. यह पूरा परिवार यह पूरा परिवार जयपुर से आई बस में शामिल होकर हाथरस में हो रहे भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने पहुंचे थे. उनके साथ करीब 50 लोग और भी सत्संग में शामिल होने आए थे. आनंद ने बताया कि वह काम ज्यादा होने की वजह से खुद सत्संग में शामिल होने नहीं गए. लेकिन सत्संग के बाद हुई भगदड़ में आनंद के 9 साल के बेटे आयुष और 3 साल की काव्या की दबने से मौत हो गई.
दर्शन करने को भागे थे भक्त
बच्चों की बुआ सीमा का कहना है कि वह कल 10 बजे पंडाल में पहुंच गई थी. इसके बाद भारी संख्या में संगत में शामिल होने के लिए पहुंची. सत्संग जैसे ही समाप्त हुआ, भोले बाबा गाड़ी पर सवार होकर वहां से निकले तो, संगत भी उनके दर्शन करने के लिए पीछे भागने लगी. इस दौरान रास्ता संकरा होने और कीचड़ होने की वजह से लोग गिरते रहे और मरते रहे. भगदड़ इतनी मची की सैकड़ों की संख्या में लोग काल के काल में समा गए.
तीन घंटे तक नहीं चला कोई पता
सीमा ने बताया कि भगदड़ के बाद उनकी भतीजी काव्या और आयुष भी भीड़ में नीचे दब गए. वह लगातार चीखती चिल्लाती रही कि उनके बच्चों को ढूंढा जाए. लेकिन 3 घंटे के बाद आयुष और काव्या मिले तो लेकिन तब तक वह दुनिया को अलविदा कह चुके थे.
किस्मत में नहीं था मिलना
आयुष और काव्या की बुआ शोभा का कहना है कि वह पिछले 7 साल से भोले बाबा से जुड़ी हुई हैं. वह उनके हर सत्संग में शामिल होती हैं. वह कल भी कायमगंज से हाथरस से सत्संग में शामिल होने के लिए पहुंची थी. लेकिन भीड़ ज्यादा होने की वजह से वह अपने भतीजे आयुष और काव्या से नहीं मिल पाई. बाद में वापस जाते समय फोन पर उनको पूरी घटना की जानकारी हुई तो उनके आंसू रोके नहीं रुके.
अब कहां गए हो तुम?
बच्चों की बुआ शोभा रोते बिलखते भोले बाबा को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. उनका कहना है कि आयोजकों द्वारा की गई व्यवस्था नाकाफी थी. इसकी वजह से यह हादसा हो गया. लेकिन, अब शोभा भोले बाबा पर तमाम सवाल खड़े कर रही हैं. उनका कहना है कि तुम तो कहते थे कि तुम सर्व ब्रह्मांड के मालिक हो, तो अब कहां चले गए हो, तुम हो कौन? शोभा का कहना है कि दोषी बाबा के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
Tags: Hathras Case, Hathras News Today, Local18, Shahjahanpur News, UP newsFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 16:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed