संसद से सड़क तक हर जगह INDIA से अलग दिखी TMC दीदी क्यों कर रहीं हैरान

18वीं लोकसभा की तस्वीर बीते दो लोकसभाओं से बिल्कुल अलग है. इंडिया गठबंधन मजबूत विपक्ष की भूमिका में है, लेकिन इसके भीतर भी अब परोक्ष रूप से कांग्रेस से टकराव के संकेत दिखने लगे हैं.

संसद से सड़क तक हर जगह INDIA से अलग दिखी TMC दीदी क्यों कर रहीं हैरान
लोकसभा चुनाव के बाद से देश का राजनीतिक माहौल बदला हुआ है. कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को ठीक-ठाक मजबूती मिली है. कांग्रेस खुद 99 सांसदों की पार्टी बन गई है. इससे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की परेशानी बढ़ गई है. संसद से लेकर सड़क तक हर जगह उसे मजबूत विपक्ष का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन, इंडिया गठबंधन को मिली इस मजबूती से गठबंधन के भीतर आपसी सिरफुटव्वल भी सामने आने लगा है. चुनाव बाद की परिस्थियों को बारीकी से देखें तो आपको आभास हो जाएगा कि इस इंडिया गठबंधन के भीतर सब कुछ वैसा नहीं है जैसा दिखाने की कोशिश हो रही है. राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन की एक सबसे अहम साझेदार है टीएमसी. लेकिन, यह पार्टी अपनी स्थानीय राजनीतिक मजबूरी की वजह से इंडिया गठबंधन के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रही है. आज बुधवार के राजनीतिक घटनाक्रम से ही शुरू करते हैं. नीति आयोग की बैठक बुधवार को विपक्षी दलों ने एक दिन पहले पेश आम बजट को भेदभावपूर्ण बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया. इस बजट में मोदी सरकार ने बिहार और आंध्र प्रदेश को अच्छी खासी आर्थिक सहायता देने की बात कही है. इसी के बहाने सारे विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर संघीय ढांचे का सम्मान नहीं करने और राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया. फिर विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ऐलान कर दिया कि वे 27 जुलाई प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं होंगे. इसमें तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, पंजाब… जैसे राज्य शामिल हैं. विपक्ष का एक सबसे अहम चेहरा ममता बनर्जी हैं. लेकिन वह इस बैठक में शामिल होंगी. वो बीते कई सालों के बाद पहली बार नीति आयोग की इस बैठक में शामिल होंगी. लोकसभा में हंगामा बुधवार को लोकसभा में आम बजट को भेदभाव पूर्ण बताते हुए ममता की पार्टी के सांसदों ने जोरदार हंगामा किया. वे खुद को इंडिया से अलग दिखाने की कोशिश करते रहे. वह बजट में पश्चिम बंगाल को कथिततौर पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाते रहे. इस हमले का नेतृत्व टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने किया. उनके साथ पार्टी की महिला सांसदों ने भी सरकार पर तीखे हमले किए. इस दौरान उनकी स्पीकर से कई बार तीखी नोंकझोंक हुई. एक बार तो सांसद महुआ मोइत्रा पर स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए और उन्होंने यहां तक कह दिया कि क्या आप मुझे डायरेक्शन देंगी? कांग्रेस से ज्यादा आक्रामक दिखी टीएमसी बुधवार को कुल मिलाकर टीएमसी काफी आक्रामक दिखी. पिछले दिनों राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की आक्रमकता दिखी थी. बुधवार को सदन में भाजपा सांसद द्वारा ममता बनर्जी का नाम लिए जाने की वजह से हंगामा और तेज हो गया. महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद को सस्पेंड करने तक मांग कर दी. इसी बात पर ओम बिरला गुस्से से लाल हो गए. उन्होंने कहा – आप मुझे डायरेक्शन देंगी, नो, नो… मैं ये अलाऊ नहीं कर सकता. फिर अभिषेक बनर्जी ने कहा कि केंद्र ने पश्चिम बंगाल के हिस्से का पैसा रोक दिया है. उन्होंने कहा – 11 लाख लोगों के पीएम आवास योजना का पैसा रोका गया. 800 करोड़ नेशनल हेल्थ मिशन का रोका गया. स्पीकर के चुनाव के वक्त भी टीएमसी ने बनाई दूरी 18वीं लोकसभा के गठन के बाद सदन के स्पीकर के चुनाव के वक्त भी टीएमसी ने कांग्रेस पार्टी से दूरी बना ली थी. कांग्रेस अपनी ओर से स्पीकर पद के लिए केरल के सांसद के सुरेश को मैदान में उतारने की घोषणा कर दी. इससे टीएमसी नाराज हो गई. उसने कहा कि सुरेश को इंडिया गठबंधन का स्पीकर उम्मीदवार बनाने के बारे उससे कोई बात नहीं की गई. हालांकि बाद में ऐसी रिपोर्ट आई कि राहुल गांधी ने खुद ममता बनर्जी से फोन पर बात कर इस मसले को सुलझाया. फिर डिप्टी स्पीकर पद के लिए ममता ने समाजवादी पार्टी के फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के नाम का सुझाव दिया. हालांकि उस पर कांग्रेस सहमत हो गई. क्या है TMC की रणनीति दरअसल, टीएमसी के लिए बंगाल की राजनीति सबसे अहम है. वह किसी भी स्थिति में अपने किले में कोई घुसपैठ नहीं चाहती है. इसी कारण उसने लोकसभा चुनाव में बंगाल में इंडिया गठबंधन से दूरी बना ली. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ-साथ वाम दल भी शामिल हैं. दूसरी तरफ ममता किसी भी कीमत पर वाम दलों के साथ दिखना नहीं चाहती. पश्चिम बंगाल में उन्होंने वाम दलों के साथ लंबी लड़ाई लड़कर ही सत्ता हासिल की थी. दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व भी ममता का घोर विरोधी है. ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को मिली सफलता और राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद प्रदेश में भी पार्टी आक्रामक रुख अपनाएगी. ऐसी स्थिति में वह पश्चिम बंगाल की जनता को हर एक मौके पर यह संदेश देना चाहती है कि वह भाजपा के साथ-साथ वाम दलों और कांग्रेस से भी उचित दूरी बनाकर चलती हैं. Tags: CM Mamata Banerjee, INDIA Alliance, TMC LeaderFIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 17:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed