Purulia Kand: वो शख्स जिसने रचा पुरुलिया कांड अब नहीं आएगा इंडिया वापस
Purulia Kand: वो शख्स जिसने रचा पुरुलिया कांड अब नहीं आएगा इंडिया वापस
Purulia Kand: पश्चिम बंगाल के पुरुलिया कांड के आरोपी नील होल्क के प्रत्यर्पण की अपील डेनमार्क की अदालत ने खारिज कर दी है. इससे उस पर भारत लाकर मुकदमा चलाने की कोशिशों को झटका लगा है. आइए जानते हैं कि पुरुलिया कांड आखिर है क्या, जिसने 30 साल पहले सनसनी मचा दी थी.
पुरुलिया कांड का मुख्य आरोपी नील होल्क अब कभी भारत नहीं आएगा. डेनमार्क की अदालत ने उसके प्रत्यर्पण की भारत सरकार की अपील नामंजूर कर दी है. किम डेवी के नाम से मशहूर इस शख्स ने आज से 30 साल पहले पश्चिम बंगाल के खेतों में 4 टन हथियार गिराकर सनसनी मचा दी थी. सुबह जब गांव वाले खेतों की ओर गए, तो देखकर कांप उठे. उन्होंने एक साथ इतने हथियार कभी नहीं देखे थे. किम डेवी ने हथियार गिराने की बात कबूल की, लेकिन डेनमार्क की अदालत ने उसे भारत भेजने से इनकार कर दिया है. आइए जानते हैं कि आखिर पुरुलिया कांड की पूरी कहानी क्या है?
घटना 18 दिसंबर, 1995 की है. पुरुलिया जिले के झालदा, खटंगा, बेलामू, मरामू गांवों के लोग सुबह-सुबह खेतों की ओर गए तो देखा कि चारों ओर हथियार ही हथियार पड़े हुए हैं. इनमें ज्यादातर ऑटोमैटिक गन और अत्याधुनिक राइफल थे. गांव वाले देखकर सन्न रह गए. उन्हें देश के खिलाफ साजिश नजर आई. देखते ही देखते यह खबर फैल गई. खुफिया एजेंसियां तुरंत हरकत में आ गईं. इस बात की तलाश में जुट गईं कि आखिर हथियारों का इतना बड़ा जखीरा कहां से आया? किसने रखा था? पुलिस सकते में थी कि उसे भनक क्यों नहीं लगी.
जानें कहां से आया विमान
जांच में पता चला कि ये हथियार बीती रात रूस का एएन 26 एयरक्रॉफ्ट लेकर आया था. यह विमान 17 सितंबर को पाकिस्तान के कराची से उड़ा था और बांग्लादेश के ढाका जाना था. बीच में यह ईंधन भरने के लिए यूपी के वाराणसी में रुका. वहां से बिहार के गया होते हुए पुरुलिया की ओर रवाना हो गया. इस विमान में 8 लोग सवार थे. पता चला कि डेनमार्क का नील होल्क इसका मास्टरमाइंड है. वह ब्रिटिश हथियार डीलर है और पीटर ब्लीच के साथ मिलकर हथियारों की तस्करी करता है. उनके साथ भारतीय मूल के सिंगापुर निवासी दीपक मणिकन और पांच रूसी लातवियाई क्रू मेंबर्स थे. पुरुलिया में यह विमान खतरनाक तरीके से नीचे आया और अंधेरी रात में हथियारों का यह जखीरा गिराकर चला गया. बाद में यह कोलकाता के दमदम हवाई अड्डे पर उतरा, ईंधन भरा और वहां से थाइलैंड के फुकेट के लिए उड़ान भरी.
किसने मंगाए ये हथियार
कहा जाता है कि ये हथियार आनंद मार्ग नाम के गुट ने मंगाए थे, जो पहले तो धार्मिक गुट था और बाद में उग्रवादी बन गया. 2015 में आई चंदन नंदी की किताब ‘द नाइट इट रेनड गन्स: अनरेवलिंग द पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप कॉन्सपिरेसी’ में इस घटना को भारत की सुरक्षा में सबसे बड़ी सेंध बताया गया है. सुरक्षाकर्मियों ने जब हथियार गिनने शुरू किए तो इनमें 10 आरपीजी-7 रॉकेट लांचर, 300 एके-47, 25 9-एमएम पिस्तौल, दो 7.62 स्नाइपर राइफलें, दो नाइट विजन दूरबीन, 100 ग्रेनेड, 7.62 गोला-बारूद के 23,800 राउंड, 9-एमएम गोला-बारूद के 6,000 राउंड, 100 एंटी-टैंक ग्रेनेड और साथ ही रॉकेट लांचर के लिए 10 दूरबीन मिले. इनका वजन 4,375 किलो था.
Tags: AK 47, Kolkata News, Narendra modi, West bengalFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 21:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed