मां की बात मानने से किया इंकार तो फौज ने सुनाई ऐसी सजा कांपी हर किसी की रुह

डबडबाई आंखों के साथ रिक्रूटमेंट ग्राउंड से बाहर निकलते वक्‍त सूरज को सिर्फ एक बात समझ आ रही थी कि काश उसने अपनी मां की बात मान ली होती तो शायद उसे यह दिन नहीं देखना पड़ता. क्‍या है यह पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे...

मां की बात मानने से किया इंकार तो फौज ने सुनाई ऐसी सजा कांपी हर किसी की रुह
Jai Jawan Stories Series: मां की बात न मानने की कभी इतनी बड़ी सजा मिलेगी, सूरज ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. उसे क्‍या पता था, मां की नसीहत न मानने की गलती, न केवल उसके सपनों पर भारी पड़ जाएगी, बल्कि जीवन भर के लिए एक सजा बन कर रह जाएगी. इस गुस्‍ताखी के लिए सूरज को एक पैरामिलिट्री फोर्स ने ऐसी सजा सुनाई है, जिसे सुनने के बाद न केवल उसकी रुह कांप गई, बल्कि उसके लिए जीवन भर का नासूर बनकर रह गई है. दरअसल, यह पूरा मामला पैरामिलिट्री फोर्स में कॉन्‍स्‍टेबल पद के लिए आवेदन करने वाले सूरज नामक एक कैंडिडेट से जुड़ा हुआ है. सूरज का बचपन से एक ही सपना था कि वह खाकी वर्दी पहन देश की सेवा करे. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए सूरज ने सालों की कड़ी मेहनत के बाद खुद को पूरी तरह से तैयार कर लिया था. लंबे इंतजार के बाद वह वक्‍त भी आ गया और उसने पैरामिलिट्री फोर्स में भर्ती के लिए आवेदन कर दिया. अपनी तैयारी की बदौलत उसने भर्ती प्रक्रिया के दौरान तय समय से पहले न केवल अपनी दौड़ पूरी कर ली, बल्कि ऊंचाई और सीने की चौड़ाई जैसे मानकों पर भी खरा उतरा. भर्ती की इस प्रक्रिया को पार करने के बाद उसने अच्‍छे अंकों के साथ लिखित परीक्षा भी पास कर ली. अब बारी थी डिटेल मेडिकल एग्‍जामिनेशन की. यह भी पढ़ें: इस भर्ती परीक्षा में क्या हुआ ऐसा, 30% नौजवानों पर लटकी रिजेक्‍शन की तलवार, 20 प्‍वाइंट में समझें पूरा मामला… भर्ती परीक्षा के दौरान इन 20 वजहों के चलते पुलिस या सेना में भर्ती का सपना देख रहे नौजवानों को निराशा का सामना करना पड़ता है. यदि आप भी कर रहे हैं पुलिस या सेना में भर्ती की तैयारी, तो जान लें कुछ खास बातें. विस्‍तृत खबर के लिए क्लिक करें. डबडबाईं सूरज की आंखें और याद आई मां की नसीहत डिटेल मेडिकल एग्‍जामिनेशन में सूरज डेंटल के 14 प्‍वाइंट्स स्‍कोर करना चूक गया. बस यहीं पर उसका वर्षों पुराना सपना चकना चूर हो गया और सारी काबिलियत होने के बावजूद उसे एक झटके में पैरामिलिट्री भर्ती की रेस से बाहर कर दिया गया. सिर्फ एक दांत की वजह से जिस तरह सूरज को भर्ती ग्राउंड से बाहर निकाला गया, वह देखकर न केवल उसकी, बल्कि बाकी कैंडिडेट्स की कांप गए. डबडबाई आंखों के साथ भर्ती ग्राउंड से बाहर निकलते ही सूरज को एक ही बात याद आ रही थी कि काश मां की बात मान कर दांतों का अच्‍छी तरह से ख्‍याल रखा होता, तो शायद आज यह दिन देखना नहीं पड़ता. शायद मां की बात न मानने की सजा उसे आज भुगतनी पड़ रही थी. यह भी पढ़ें: शौक-शौक में हुई यह बड़ी गलती, अब झेल रहे हैं हर भर्ती में रिजेक्‍शन, कोई भी हुनर नहीं आ रहा काम… कहीं आपके टैटो का शौक आपकी जिंदगी का सबसे बड़ा रोड़ा न बन जाएं. भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस में टैटू को लेकर क्‍या हैं नियम, जानने के लिए क्लिक करें. फौज की भर्ती में क्‍या है 14 डेंटल प्‍वाइंट का खेल पैरामिलिट्री की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि सेना, पैलामिलिट्री और पुलिस की भर्ती में कैंडिडेट्स के दांतों का भी डिटेल एग्‍जामिनेशन किया जाता है. इस एग्‍जामिनेशन में हर कैंडिडेट को कम से कम 14 डेंटल प्‍वाइंट स्‍कोर करने ही होते हैं. 14 से कम डेंटल प्‍वाइंट स्‍कोर करने वाले कैंडिडेट्स को भर्ती की रेस से बाहर होना पड़ता है. फौज में दांतों का इतना महत्‍व क्‍यों है, इस सवाल के जवाब में उन्‍होंने बताया कि दांत सही नहीं होने पर जवान खाने को अच्‍छी तरह से चबा नहीं पाएगा. जब खाने को अच्‍छी तरह से चबाया नहीं जाएगा, तो जवान को पेट से संबंधित बीमारियां लगी रहेंगी. लिहाजा, कोई भी फौज किसी भी बीमार नौजवान को अपने यहां भर्ती नहीं करती है. फौज में इस तरह होती है डेंटल प्‍वाइंट्स की काउंटिंग पैरामिलिट्री के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, हमारे जबड़े में चार तरह के दांत होते हैं. पहला- इंसाइजर (incisors), दूसरा- केनाइन (Canine), तीसरा- प्रिमोलर (Premolars) और चौथा- मोलर्स (Molars) है. पैरामिलिट्री सहित अन्‍य सुरक्षाबलों के रिक्‍यूटमेंट प्रोसीज़र मैनुअल में हर दांत के अलग प्‍वाइंट्स निर्धारित किए गए हैं. चूंकि खाना चबाने में सबसे अधिक भूमिका मोलर्स की है, लिहाजा उन्‍हें सबसे अधिक 12 प्‍वाइंट्स दिए गए हैं. इंसाइजर के लिए 4, केनाइन के लिए 2 और प्रिमोलर के लिए 4 प्‍वाइंट्स निर्धारित किए गए हैं. इस तरह दांतों के लिए कुल 22 प्‍वाइंट्स निर्धारित है, जिसमें किसी भी कैंडिडेट्स को कम से कम 14 अंक हासिल करने ही होते हैं. आपको बता दें कि आर्टिफिशियल टीथ को इस काउंटिंग में शामिल नहीं किया जाता है. Tags: Army Bharti, Govt Jobs, Jai Jawan, Sena BhartiFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 09:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed