पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत CBI के मुद्दे पर होगी सुनवाई
पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत CBI के मुद्दे पर होगी सुनवाई
पश्चिम बंगाल सरकार का आरोप है कि सीबीआई एक केंद्रीय जांच एजेंसी है और केंद्र सरकार उसका दुरुपयोग कर रही है. राज्य सरकार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका दायर की थी.
सूबे में बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने के खिलाफ दाखिल पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई योग्य करार दिया है. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार का कहना था कि सीबीआई एक केंद्रीय जांच एजेंसी है और केंद्र सरकार उसका दुरुपयोग कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार की दलीलों को सुनने के बाद 9 मई को याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं (maintainability) पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. पश्चिम बंगाल सरकार के कहना था कि उसने साल 2018 में ही राज्य के मामलों में केस दर्ज करने या छापे मारने के लिए आम सहमति (General consent) वापस ले ली थी. उसके बावजूद सीबीआई केंद्र के इशारों पर राज्यों के मामलों में छापे भी मार रही है और एफआईआर भी दर्ज कर रही है. पश्चिम बंगाल सरकार का ये भी कहना था कि सीबीआई के पीछे पीछे प्रर्वतन निदेशालय-ईडी भी राज्य में आ जाता है. राज्य के मामलों में किसी भी जांच से पहले राज्य सरकार की अनुमति जरूरी है.
वहीं केंद्र सरकार ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि ये मामला सुनवाई के लायक ही नहीं है. मामलों में केस सीबीआई दर्ज करती है, केंद्र नहीं. सीबीआई स्वतंत्र जांच एजेंसी है. लिहाजा राज्य सरकार, केंद्र सरकार के खिलाफ याचिका ही दाखिल नहीं कर सकती.
दरअसल, एक मुस्लिम व्यक्ति ने पत्नी को गुजारा भत्ता देने के तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम फैसला दिया है. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार का कहना था कि सीबीआई के अधिकार क्षेत्र को कानून में निर्धारित किया हुआ है. इसके मुताबिक सीबीआई तभी कार्रवाई कर सकती है, जब उस पर राज्यों की सहमति ली जाये और सरकार आदेश जारी करे. इसी कारण कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये माना कि ये नहीं कहा जा सकता कि पश्चिम बंगाल का कोई मामला नहीं बनता. इस याचिका में कानूनी मुद्दा खड़ा होता है कि राज्य सरकार के अनुमति वापस लेने के बाद भी सीबीआई केस दर्ज कर सकती है या नहीं. क्या ये DSPE कानून की धारा 6 का उल्लंघन तो नहीं. केंद्र की दलीलों को खारिज किया जाता है. ये साफ कर देते हैं कि जब इस पर सुनवाई होगी, तो आज के फैसले का असर नहीं होगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि संघवाद (Federalism) पर भी इसका गहरा असर होगा.
Tags: Delhi news, Supreme Court, West bengalFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 12:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed