वायनाड हादसा: 217 शवों और शरीर के 143 अंगों का पोस्टमॉर्टम 340 से ज्यादा मौत

Wayanad Tragedy: आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक शव या शरीर के अंग को एक पहचान संख्या दी जाएगी और इसका सभी नमूनों, तस्वीरों, वीडियो और शवों से संबंधित भौतिक वस्तुओं के रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा. इसमें कहा गया कि पुलिस शवों या मानव अंगों की पहचान के लिए हर संभव प्रयास करेगी और यदि इसके बाद भी शवों की पहचान नहीं हो पाई तो वे जांच के 72 घंटे बाद शव को आगे की कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को सौंप देंगे.

वायनाड हादसा: 217 शवों और शरीर के 143 अंगों का पोस्टमॉर्टम 340 से ज्यादा मौत
वायनाड. केरल के वायनाड में हुए भस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 344 हो गई और 206 लोग अभी भी लापता हैं. रेस्क्यू टीम का शनिवार को पांचवें दिन भी ऑपरेशन जारी है. रक्षा बलों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन सेवा और स्वयंसेवकों के 1,500 से अधिक कर्मियों वाली बचाव टीम ने शनिवार सुबह चार सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडकाईल और पुंचिरीमाडोम में तलाशी शुरू कर दी है. अब तक 152 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि 74 की पहचान होनी बाकी है. मृतकों में 30 बच्चे भी शामिल हैं. मलबे से बड़ी संख्या में क्षत-विक्षत शरीर के अंग भी बरामद किये गए हैं. यहां लगभग 100 राहत शिविर हैं, जिनमें लगभग 9,500 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. जिले के विभिन्न अस्पतालों में 84 लोग भर्ती हैं. इसमें कहा गया है कि 217 शवों और शरीर के 143 अंगों का पोस्टमॉर्टम किया जा चुका है तथा 119 अवशेष परिजनों को सौंप दिए गए हैं. बयान के मुताबिक, 518 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 89 का इलाज जारी है. इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि 30 जुलाई को शुरू हुआ खोज और बचाव अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि 206 लोग अब भी लापता हैं. भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में तलाश अभियान शनिवार को लगातार पांचवें दिन जारी है. मलबे में अभी भी फंसे लोगों की तलाश के लिए 1,300 से अधिक बचावकर्मियों, भारी मशीन और अत्याधुनिक उपकरणों को तैनात किया गया है. 122 टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल और कन्नूर इकाई से जुड़े अभिनेता मोहनलाल अपनी इकाई के साथ शनिवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे. सैन्य वर्दी पहने मोहनलाल सबसे पहले मैप्पडी में स्थित बेस कैम्प पहुंचे और रक्षा बलों से मुलाकात की. फिर वह चूरलमाला पहुंचे और बचाव दल के साथ बातचीत की. Tags: Kerala, Kerala RainFIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 17:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed