200 साल पुराना है यह अनोखा मंदिर यहां भेड़िए की होती है पूजा रोचक है कहानी

इस मंदिर में नियमित रूप से भेड़िए की पूजा-अर्चना होती है और विशेष अवसरों पर बड़े धार्मिक आयोजन भी होते हैं. भक्त यहां आकर अपने श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और मन की शांति प्राप्त करते हैं.

200 साल पुराना है यह अनोखा मंदिर यहां भेड़िए की होती है पूजा रोचक है कहानी
बस्ती: बस्ती मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर गौर ब्लॉक के ग्राम सभा असनहरा के राजस्व ग्राम चुरिहारपुर में एक अनोखा और ऐतिहासिक मंदिर स्थित है, जिसे स्थानीय भाषा में ‘बाबा विगवा वीर’ के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर क्षेत्र की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस मंदिर का इतिहास तकरीबन 200 बर्ष पुराना बताया जा रहा है. मंदिर का नाम ‘भेड़िये’ से जुड़ा हुआ है, जो क्षेत्रीय लोककथाओं और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है. इस मंदिर की विशेषता उसकी प्राचीनता और स्थानीय मान्यताओं के साथ उससे जुड़ी हुई धार्मिकता है. स्थानीय लोग इसे ‘बाबा विगवा वीर’ के नाम से श्रद्धा भाव से पुकारते हैं, जो इस स्थान के धार्मिक महत्व को दर्शाता है. नियमित होती है पूजा इस मंदिर में नियमित रूप से भेड़िए की पूजा-अर्चना होती है और विशेष अवसरों पर बड़े धार्मिक आयोजन भी होते हैं. भक्त यहां आकर अपने श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और मन की शांति प्राप्त करते हैं. स्थानीय लोग मानते हैं कि इस मंदिर में आने से उनकी मनोकामनायें पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है. क्या है इसकी मान्यता मंदिर के पुजारी सीता राम दास ने Local 18 से बातचीत में बताया कि लगभग 200 साल पहले पिपरिया के एक यादव (नाम अज्ञात) निमंत्रण के लिए मुसही जा रहे थे. रास्ते में भेड़िए का जोड़ा रतिक्रिया में लिप्त था. यादव ने भेड़िए के ऊपर ताबड़तोड़ कई वार किए, जिससे उसकी मृत्यु हो गई. लेकिन एक भेड़िया वहां से भाग निकला. निमंत्रण से वापस आते वक्त भेड़िया घात लगाए बैठा था. जैसे ही यादव करीब में पहुंचे यादव की गर्दन दबोच कर उनको उसी स्थान पर ले गया, जहां उसके सहयोगी की मृत्यु हुई थी और फिर व्यक्ति को घायल करके मार डाला. लोक कथाएं यह भी हैं कि अगल-बगल के गांव में लोग उस दौरान चक्की से जब आटा पीसते थे गेहूं डालने के बाद आटा नहीं निकलता था. फिर कुछ धार्मिक लोगों ने कहा कि जिस भेड़िए की हत्या हुई है वह आटा चट कर जाता है. उसका  एक मंदिर बनवाया जाए फिर एक मंदिर का निर्माण हुआ, जो आगे चलकर बाबा बिगवा वीर के नाम से प्रसिद्ध हुआ. कहां पर स्थित है यह मंदिर बस्ती जिले के चुरिहारपुर में स्थित यह मंदिर अपनी प्राचीनता, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर के कारण न केवल स्थानीय लोगों बल्कि दूर-दराज के भक्तों का भी एक महत्वपूर्ण स्थल है. 200 साल  पुराना यह मंदिर आज भी अपनी आस्था और महत्व को बनाए हुए है और भविष्य में भी इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक भूमिका बनी रहेगी. Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 10:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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