यूक्रेन से एटमी बदला लेगा रूस! पुतिन का ऑर्डर अब कैसे बचेंगे जेलेंस्की
यूक्रेन से एटमी बदला लेगा रूस! पुतिन का ऑर्डर अब कैसे बचेंगे जेलेंस्की
Russia-Ukraine War: यूक्रेन ने रूस के अंदर अटैकम्स रॉकेट से हमला किया और पुतिन का एक हथियार डिपो उड़ाने का दावा किया है. यूक्रेन के इस हमले के बाद अब रूस के बदले की आशंका ने दुनिया की धड़कने बढ़ा दी है. पुतिन ने वादा किया था कि अगर अटैकम्स मिसाइल दागी गई वह यूक्रेन के साथ नाटो पर बहुत बड़ा हमला कर सकते हैं.
यूक्रेन युद्ध में वही हुआ, जिसका डोनाल्ड ट्रंप को डर था. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से इजाजत मिलने के बाद यूक्रेन ने रूस के अंदर अटैकम्स रॉकेट से हमला किया और पुतिन का एक हथियार डिपो उड़ाने का दावा किया है. यूक्रेन के इस हमले के बाद अब रूस के बदले की आशंका ने दुनिया की धड़कनें बढ़ा दी है.
पुतिन ने वादा किया था कि अगर अटैकम्स मिसाइल दागी गई वह यूक्रेन के साथ नाटो पर बहुत बड़ा हमला कर सकते हैं. इस बीच रूस ने अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव किया है, यानी परमाणु हथियारों को इस्तेमाल की अपनी सीमाओं और पैरामीटर को कमजोर किया है या यूं कहें कम किया है. यूक्रेन-रूस युद्ध में नई हिलचल ने तीसरा विश्व युद्ध शुरू होने का खतरा है.
परमाणु सिद्धांत में क्या बदलाव
दरअसल रूस के बदले परमाणु सिद्धांत के मुताबिक, अगर कोई नॉन न्यूक्लियर देश किसी परमाणु सम्पन्न देश के समर्थन से हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग माना जाएगा और ऐसे में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस नए सिद्धांत के अनुसार, रूस पर किसी ऐसे देश की तरफ से आक्रमण जो कि किसी ग्रुप का सदस्य है, वो पूरे ग्रुप की तरफ से रूस पर हमला माना जाएगा. यानी अगर नाटो का कोई एक देश रूस पर हमला करता है, तो पूरे नाटो की तरफ से रूस पर यह हमला माना जाएगा. वहीं अगर रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल हुआ, तो जवाब में परमाणु हमला भी किया जा सकता है. अमेरिका की तरफ से अपने ATACMS बैलिस्टिक मिसाइल को यूक्रेन को इस्तेमाल करने की इजाजत दिए जाने के बाद पुतिन का यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है.
जाते-जाते बाइडन ने बढ़ा दी टेंशन?
दरअसल बाइडन प्रशासन ने एक बड़े नीतिगत परिवर्तन के तहत यूक्रेन को पहली बार रूस के अंदर टार्गेट्स पर हमला करने के लिए अमेरिका निर्मित ATACMS मिसाइलों का उपयोग करने की इजाजत दी थी. रूस ने इस पर सख्त नाराजगी जताई है. क्रेमलिन ने मंगलवार को यूक्रेन को हराने की कसम खाई और कहा कि कीव के लिए पश्चिमी समर्थन का संघर्ष पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और पश्चिमी सहायता ‘हमारे ऑपरेशन के परिणाम को प्रभावित नहीं कर सकती है. यह जारी है, और पूरा हो जाएगा.’
रूस और यूक्रेन के बीच जंग द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में देखा गया सबसे घातक जंग है. इस युद्ध की शुरुआत से अब तक दस लाख से अधिक लोग मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं. इस जंग को शुरू हुए 1,000 दिन हो चुके हैं और इसके खत्म होने की अभी कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही है.
FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 24:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed