विक्टोरिया गौरी बनेंगी स्थाई जज 2023 में मचा था हंगामालेकिन CJI बन गए थे ढाल
विक्टोरिया गौरी बनेंगी स्थाई जज 2023 में मचा था हंगामालेकिन CJI बन गए थे ढाल
Justice Victoria Gauri: जस्टिस लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को 2023 में इसलिए भी विरोध का सामना करना पड़ा था क्योंकि उनके खिलाफ धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए नफरत भरे भाषण देने का आरोप लग रहा था.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट के पांच अतिरिक्त जजों को स्थायी जज बनाने की सिफारिश की. जिन पांच जजों के नाम की सिफारिश की गई है, उनमें तीन महिला जज हैं जस्टिस एलसी विक्टोरिया गौरी, जस्टिस रामचंद्रन कलैमथी और जस्टिस के. गोविंदराजन थिलकावडी शामिल हैं. इसके अलावा दो अन्य जज जस्टिस पीबी बालाजी और जस्टिस केके रामकृष्णन हैं.
मद्रास हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने 29 अप्रैल, 2024 को हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों की सर्वसम्मति से सिफारिश की थी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों ने इस सिफारिश पर सहमति भी जताई थी. और अब सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है.
लाइव लॉ में प्रकाशित खबर के मुताबिक कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया है, “सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के 26 अक्टूबर 2017 के संकल्प के अनुसार भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा गठित सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की एक समिति ने इन पांच अतिरिक्त न्यायाधीशों के फैसलों का मूल्यांकन किया है.” इसने कहा कि ये अतिरिक्त न्यायाधीश ‘स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए उपयुक्त हैं.”
इन सभी जजों में जस्टिस विक्टोरिया गौरी पहले काफी सुर्खियों में रह चुकी हैं. दरअसल, 2023 में जस्टिस विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति पर विवाद तब हुआ था जब उनके कथित नफरत भरे भाषणों वाले कुछ वीडियो सामने आए थे. नफरत भरे भाषणों में उनकी कथित संलिप्तता के आधार पर उनकी नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई थी.
याचिका पर जिन दिन सुनवाई हो रही थी, उस दिन ही जस्टिस विक्टोरिया गौरी की नियुक्ति होनी. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी थी कि कॉलेजियम की तरफ से जिन जजों की सिफारिथ की गई है, उनकी न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती.
लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को विरोध इसलिए भी किया जा रहा था क्योंकि उनपर धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने का आरोप लग रहा था. तमाम विवादों के बीच सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से जब इस बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने कॉलेजियम के फैसले को सही ठहराया था.
21 अक्टूबर 2023 को हार्वर्ड लॉ स्कूल के सेंटर फॉर लीगल फ्रोफेशन पर बोलते हुए उन्होंने कहा था, “हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा बार में पदोन्नति के लिए नामों का प्रस्ताव करने के बाद इन सिफारिशों की हर स्तर पर पूरी तरह से जांच होती है. उन्होंने स्पष्ट किया था कि किसी राजनीतिक मुद्दे का समर्थन करना किसी वकील को न्यायाधीश बनने के लिए अयोग्य नहीं बनाता. इसके समर्थन में उन्होंने न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर जैसे जजों का उदाहरण भी पेश किया था.
Tags: DY Chandrachud, Madras high court, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 20:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed