ममता त्रिपाठी
देश के उपराष्ट्रपति के चुनाव की घोषणा भी हो चुकी है. अगले महीने 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. संसद के आने वाले मानसून सत्र से पहले ही देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा और राज्यसभा की अध्यक्षता नए उपराष्ट्रपति करेंगे. इस बार उपराष्ट्रपति का चुनाव सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए जीतना थोड़ा आसान है. क्योंकि नंबर गेम में भाजपा के पास बढ़त है जबकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए उसे विपक्ष के कई अन्य दलों की तरफ भी देखना पड़ रहा है.
उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के ही सांसद वोट करते हैं. मनोनीत सांसद भी इस प्रक्रिया में हिस्सा लेते हैं. जबकि राष्ट्रपति चुनावों में मनोनीत सांसदों को वोट देने का अधिकार नहीं होता है. आपको बता दे कि लोकसभा में 543 और राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है, जिसमें से 12 सांसद राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं. ये सारे सांसद उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोट करते हैं.
भाजपा के पास कुल 395 वोट
हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को 3 सीटों का नुकसान हुआ है, राज्यसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या 92 पर पहुंच गई है. बात करें लोकसभा की तो एनडीए के सांसदों की संख्या के आधार पर भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है. आजमगढ़ और रामपुर की जीत के साथ ही भाजपा की लोकसभा में सांसदों की संख्या 303 हो गई है. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा के पास कुल वोटों की संख्या 395 है जबकि जीत के लिए 388 वोटों की जरूरत हैं. भाजपा के पास सात सांसद ज्यादा हैं.
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के पास बहुमत से कम वोट
अगर बात करें राष्ट्रपति चुनावों की तो सत्तारूढ़ एनडीए के पास बहुमत से 31 हजार मूल्य के वोट कम हैं यानि 1 प्रतिशत के करीब. अकेले भाजपा के पास करीब 43 प्रतिशत वोट है. हालांकि आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बाद से कई विपक्षी दलों ने मुर्मू को चुनाव में समर्थन दिया है. बीजू जनता दल के पास लगभग 3 प्रतिशत, वाईएसआर कांग्रेस के पास 4 प्रतिशत और अकाली दल के पास 0.16 प्रतिशत वोट हैं. जिसके बाद माना जा रहा है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत तो तय है मगर भाजपा की कोशिश इस जीत के अंतर को बड़ा करने की है.
विपक्ष नहीं देगा एनडीए को वॉकओवर
विपक्षी दलों को पता है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए संख्याबल नहीं है उनके पास मगर उनके नेताओं का ये तर्क है कि एनडीए के उम्मीदवार बिना लड़ाई के नहीं जीतेंगे. हम लोग उन्हें वॉकओवर नहीं देंगे.
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही तरफ से नहीं हुई है. भारतीज जनता पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी का नाम घोषित करेगी. साथ ही विपक्ष के नेता भी आंतरिक चर्चा करके इसे मूर्त रूप देंगे. नामांकल दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 जुलाई है.
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FIRST PUBLISHED : July 06, 2022, 00:11 IST