भारत का पहला हीट-रेजिस्टेंट प्लास्टर गर्मी से राहत जानिए कैसे हुआ तैयार

Fireproof Wall: विज्ञान स्नातक वसंत मुँगराने ने भारत का पहला फायर-प्रूफ और हीट-रेज़िस्टेंट प्लास्टर विकसित किया है, जो इमारतों को आग से बचाते हुए ए.सी. के उपयोग में कमी, हल्के वजन, और लंबे जीवन जैसी खूबियाँ प्रदान करता है.

भारत का पहला हीट-रेजिस्टेंट प्लास्टर गर्मी से राहत जानिए कैसे हुआ तैयार
वडोदरा: शहर में रहने वाले विज्ञान स्नातक वसंत मुँगराने भारत का पहला फायर-प्रूफ और हीट-रेज़िस्टेंट रेडी-मिक्स प्लास्टर तैयार किया है. इसका उपयोग करने से ए.सी. का कम उपयोग होता है, यह वजन में हल्का है, गर्मी अवरोधक है, और दीमक व अन्य कीटों के खिलाफ प्रतिरोधी है. साथ ही, यह बिल्डिंग की आयु में वृद्धि करता है. इसका प्राथमिक उद्देश्य आग लगने पर मानव जीवन और इमारतों को सुरक्षित रखना और आग को फैलने से रोकना है. वसंत मुँगराने इस उत्पाद का पेटेंट भी करवाया है और वे इसे स्टार्टअप इंडिया व MSME में पंजीकृत कर चुके हैं. आग की घटना से प्रेरित होकर शुरू किया अनुसंधान वसंत मुँगराने ने राजकोट से विज्ञान स्नातक किया है. स्नातक के बाद उन्होंने वर्ष 2015 से विभिन्न उद्योगों में काम किया. सूरत की तक्षशिला में हुए अग्निकांड ने उन्हें झकझोर दिया, जहाँ मासूम बच्चों की जान चली गई. इस घटना ने उन्हें आग रोधक प्लास्टर बनाने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने इसके लिए अनुसंधान शुरू किया. तीन साल की मेहनत के बाद बनाया प्लास्टर वसंत मुँगराने ने बताया कि तक्षशिला अग्निकांड एक चेतावनी थी, जिससे उन्हें कुछ ऐसा बनाने का विचार आया जो आग को फैलने से रोक सके और जीवन बचा सके. उन्होंने साढ़े तीन साल की मेहनत के बाद नवंबर 2023 में ‘सत्व फायर प्लास्ट’ की शुरुआत की और इसे स्टार्टअप इंडिया और MSME के साथ पंजीकृत किया. इस फायर प्रूफ प्लास्टर का उपयोग इमारतों, कॉल सेंटर्स और कोल्ड स्टोरेज में किया जा सकता है. 2019 में हुए तक्षशिला हादसे ने उन्हें पारंपरिक प्लास्टर की तुलना में इस नए उत्पाद को विकसित करने के लिए प्रेरित किया. बंधकाम क्षेत्र की चुनौतियों को सुलझाने का प्रयास वसंत मुँगराने ने आगे बताया कि निर्माण उद्योग को दो मुख्य चुनौतियाँ हैं: आग से सुरक्षा की चिंता और कार्बन उत्सर्जन में कमी की आवश्यकता. पारंपरिक निर्माण सामग्री इन समस्याओं को दूर करने में सफल नहीं होती, जबकि ‘सत्व फायरप्लास्ट’ एक क्रांतिकारी समाधान के रूप में उभरा है. यह आग का विरोध करने के साथ ही बेहतर थर्मल इन्सुलेशन और पर्यावरणीय लाभ भी प्रदान करता है. यह उत्पाद आग के फैलने और हीट ट्रांसफर को रोकने के लिए इंजीनियर किया गया है, जिससे इमारतें गर्मियों में ठंडी और सर्दियों में गरम रहती हैं. हल्के वजन और पानी रोधक गुण यह फायरप्लास्ट वजन में हल्का है, जिससे निर्माण प्रक्रिया में आसानी होती है और बिल्डिंग का कुल वजन भी कम होता है. इसके जलरोधक गुण अंदरूनी नमी को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, जिससे स्वस्थ वातावरण बनता है. इस फायरप्रूफ प्लास्टर का विभिन्न स्थानों पर परीक्षण किया गया है और इसे अच्छी समीक्षाएँ भी मिली हैं. एसी और हीटर के उपयोग में कटौती वसंत मुँगराने ने आगे बताया कि इस प्लास्टर का उपयोग दिल्ली की एक कॉर्पोरेट ऑफिस में किया गया, जहाँ एसी का अत्यधिक उपयोग होता था. प्लास्टर लगाने के बाद अंदर का तापमान कम हुआ और एसी का उपयोग 40% तक घट गया. इसके बाद राजौरी में स्थित छह बंकरों में भी इसका उपयोग किया गया, जहाँ हीटर का उपयोग कम हो गया. इस फायरप्रूफ प्लास्टर को 1250 डिग्री तापमान पर 6 घंटे का रेटिंग प्राप्त है, जिससे यह 1250 डिग्री तक प्रभावी रहता है. इसके उपयोग से इमारत के तापमान में बाहरी तापमान की तुलना में 10-12 डिग्री का अंतर पाया गया. पारंपरिक प्लास्टर से हल्का और अधिक सुरक्षित सामान्य प्लास्टर की तुलना में यह फायरप्रूफ प्लास्टर एक-तिहाई वजन में हल्का होता है. जहाँ सामान्य प्लास्टर का वजन प्रति वर्ग फुट दो किलो होता है, वहीं फायरप्रूफ प्लास्टर का वजन सिर्फ 700 ग्राम है. सामान्य प्लास्टर में रेत, बजरी, सीमेंट का उपयोग होता है, जबकि इस फायरप्रूफ प्लास्टर में रेत की जगह नेचुरल लावा स्टोन को पाउडर में बदलकर उपयोग में लाया गया है. कीमत में अंतर लेकिन फायदे अधिक अगर कीमत की बात करें तो इस फायरप्रूफ प्लास्टर का खर्च प्रति वर्ग फुट 50-52 रुपये है, जबकि सामान्य प्लास्टर की कीमत 20-25 रुपये होती है. इस प्लास्टर की कीमत दोगुनी है, लेकिन इसके लाभ भी कई गुना अधिक हैं Tags: Gujarat, Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 14:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed