President Election: उत्तराखंड में मुर्मू को 50 के बजाय 51 वोट कांग्रेस में हड़कंप समझें क्रॉस वोटिंग का गणित

राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को कुल 64 फीसदी वोट के साथ ही एनडीए के बाहर से 17 सांसदों और करीब 125 विधायकों के वोट भी मिले. देश भर से हुई इस क्रॉस वोटिंग के बीच उत्तराखंड में हुई वोटिंग के आंकड़ों और गणित ने कांग्रेस की ज़ुबान पर जहां ताले जड़ दिए हैं, तो बीजेपी को चुटकी लेने का मौका मिल गया है.

President Election: उत्तराखंड में मुर्मू को 50 के बजाय 51 वोट कांग्रेस में हड़कंप समझें क्रॉस वोटिंग का गणित
देहरादून. राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर उत्तराखंड से है, जो यहां विपक्षी खेमे में भगदड़ मचा रही है. 18 जुलाई को देश के राष्ट्रपति चुनाव लिए हुई वोटिंग के दौरान एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में कांग्रेस विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने की खबर के बाद अब प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं से जवाब देते नहीं बन रहा है. इस खबर के बाद राज्य में बीजेपी उस ‘अज्ञात क्रॉस वोटर’ का आभार जता रही है तो अब यह सवाल सबको परेशान कर रहा है कि आखिर वो कौन से विधायक हैं, जिन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में वोट नहीं डाला. कांग्रेस की तरफ से किस तरह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है? यह समझने के लिए पहले राज्य की विधानसभा का गणित आपको समझना पड़ेगा. 70 विधानसभा सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा में बीजेपी के 47 और कांग्रेस के 19 विधायक हैं. इनके अलावा, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल और खानपुर विधायक उमेश कुमार यानी दो निर्दलीयों ने पहले ही एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दे दिया था. साथ ही, बहुजन समाज पार्टी के 2 विधायकों ने भी मुर्मू के पक्ष में वोटिंग की. गणित यह हुआ कि बीजेपी के 47 और अन्य 4 यानी 51 सदस्यों के वोट मुर्मू के समर्थन में थे. राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट देते सीएम पुष्कर धामी और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी. कहानी अब ये है कि 18 जुलाई को वोटिंग के दिन सेहत खराब होने के कारण कैबिनेट मंत्री चंदनराम दास वोटिंग नहीं कर सके. यानी मुर्मू के समर्थन में 51 की जगह 50 वोट होने चाहिए थे. गणित तब गड़बड़ा गया, जब कांग्रेस के भी दो विधायकों राजेंद्र भंडारी और तिलकराज बेहड़ ने भी वोटिंग नहीं की, फिर भी 17 में से 15 वोट ही यशवंत सिन्हा के पक्ष में पड़े और मुर्मू के पक्ष में 51. एक का फेर या दो वोट का? इन आंकड़ों से मतलब साफ है कि कांग्रेस के दो विधायकों की क्रॉस वोटिंग संभव है, लेकिन सवाल यह है कि मुर्मू के पक्ष में एक ही वोट क्यों ज़्यादा पड़ा! असल में एक वोट इनवैलिड पाया गया है और यह स्पष्ट नहीं है कि यह किस विधायक का वोट था. अगर यह इनवैलिड वोट कांग्रेस के विधायक का हो, तब भी एक कांग्रेसी ने तो क्रॉस वोट किया ही है. अब यह गणित साफ होने से कांग्रेस पार्टी के भीतर हड़कंप की हालत हो गई है. क्रॉस वोटिंग को लेकर पहले से थी हलचल! आपको जानकर हैरानी नहीं होनी चाहिए कि यह आशंका पहले से जताई जा रही थी. मतदान से ठीक एक दिन पहले जब कांग्रेस ने अपने विधानमंडल दल की मीटिंग बुलाई थी, तो मीटिंग के लिए बाकायदा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव देहरादून पहुंचे थे, फिर भी 19 में से 6 विधायक नदारद थे. क्रॉस वोटिंग के क़यास लग ही रहे थे. इसके पहले भी कांग्रेस के भीतर गुटबाज़ी और कलह के हाल किसी से छुपे नहीं रहे. अब क्या कह पा रहे हैं नेता? बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘हमने सभी से अपील की थी कि अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर वोट करें. उस अज्ञात सदस्य का आभार, जिसने यह आवाज़ सुनी.’ दूसरी ओर, कांग्रेस की हवाइयां उड़ी हुई हैं. प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है, नेता प्रतिपक्ष बताएंगे. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, ‘अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है. हमारा तो मानना है कि हमारे सभी मेंबरों ने सिन्हा को ही वोट डाला है.’ ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Draupadi murmu, MLA Cross Voting, Presidential election 2022FIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 10:49 IST