बनारस की इस आम मिठाई ने उड़ा दी थी अंग्रेजों की नींदतिरंगे से भी है खास नाता
बनारस की इस आम मिठाई ने उड़ा दी थी अंग्रेजों की नींदतिरंगे से भी है खास नाता
आज हम आपको एक ऐसी मिठाई के बारे में बता रहे हैं जिसका आजादी की लड़ाई से गहरा नाता है. जी हां, आपको सुनकर भले ही हैरानी हो लेकिन इस मिठाई का सीधा संबंध आजादी के संग्राम से है.
वाराणसी: देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है. आजादी की इस लड़ाई में कई लोगो का अहम योगदान रहा है. देश के आजादी में हर देशवासी ने अपने-अपने ढंग से योगदान दिया है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी मिठाई के बारे में बता रहे हैं जिसका आजादी की लड़ाई से गहरा नाता है. जी हां, आपको सुनकर भले ही हैरानी हो लेकिन इस मिठाई का सीधा संबंध आजादी के संग्राम से है. इस मिठाई के जरिए आजादी से पहले क्रांतिकारी लोगों में देशभक्ति की भावना जगाते थे. वाराणसी के तंग गलियों में स्थित श्री राम भंडार में यह मिठाई तैयार होती थी. जिसका नाम ‘तिरंगी बर्फी’ है.
सिर्फ नाम ही नहीं बल्कि अपने नाम की तरह यह बर्फी हूबहू तिरंगे की तरह की है. खास बात यह भी है कि इस बर्फी के हर रंग में अपना अलग स्वाद है. दुकानदार के अनुसार इसे बनाने में 48 घंटे का समय लगता है.
तिरेंगे से है खास नाता
राम भंडार के संचालक वरुण गुप्ता ने बताया कि 1940 के आस पास देश में आजादी की लड़ाई तेज हो गई थी. उस समय तिरंगा लेकर चलने पर भी अंग्रेजी सरकार ने पाबंदी लगा दी थी. ऐसा करने पर कड़ी सजा का प्रवाधान भी था. तब क्रांतिकारियों के साथ बैठक के बाद उनके परदादा मदन गोपाल ने इस तिरंगी बर्फी को तैयार किया. उसके बाद क्रांतिकारी इसे फ्री में बंटवाने लगे. इसकी लोकप्रियता देख अंग्रेजों की नींद उड़ गई. आज भी तिरंगी बर्फी का प्रचलन आमजन के बीच कम नहीं है.
84 साल से बरकरार है वही स्वाद
वरुण गुप्ता ने बताया कि 84 साल पहले जिस तरह इस बर्फी को बनाया जाता था आज भी ये वैसे ही तैयार होता है. इसलिए इसका स्वाद वहीं 84 साल से बरकरार है. स्वतंत्रता दिवस के अलावा आम दिनों में भी इस बर्फी की खासी डिमांड होती है.
ऐसे किया जाता है तैयार
वरुण गुप्ता ने बताया कि केसरिया, सफेद और हरे रंग की बर्फी को बनाने के लिए खोवा, केसर, पिस्ता का इस्तेमाल किया जाता है. केसर के जरिए बर्फी के सबसे ऊपरी परत को नारंगी रंग दिया जाता है. जबकि पिस्ता और मेवे से सबसे नीचे हरा रंग उकेरा जाता है और बीच में खोवा का इस्तेमाल होता है. उसके बाद तिरंगा बर्फी के ऊपर बादाम और ड्राई फूट भी डाले जाते हैं.
Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 17:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed