इस अनोखे पेड़ से सुनाई देती है बांसुरी की तान आज भी है दिव्य शक्ति!

Lord Krishna Story:  श्री कृष्ण से जुड़ी कई कहानी आपने सुनी होगी. लेकिन अगर आज भी आपको उनका चमत्कार देखना है तो मथुरा से करीब 45 किलोमीटर दूर एक पेड़ को देखने पहुंचना होगा.

इस अनोखे पेड़ से सुनाई देती है बांसुरी की तान आज भी है दिव्य शक्ति!
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: दादी-नानी की कहानी में अक्सर आपने जादुई पेड़ों के बारे में सुना होगा. ऐसा सिर्फ कहानियों में ही नहीं होता. भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा वृंदावन के अलावा बंसी वट पर भी अपनी लीलाओं को किया. यमुना के किनारे बने बंसी बाढ़ पर श्री कृष्ण ने मुरली बजाकर गायों को एकत्रित किया करते थे. यहीं एक वृक्ष ऐसा है, जिससे आज भी कृष्ण की मुरली की धुन सुनाई देती है. पेड़ पर बैठ कर बांसुरी बजाते थे श्री कृष्ण मथुरा से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित है, बंशीवट. श्रीकृष्ण ने यहां लीलाएं की. आज भी उस लीला का संकेत आपको देखने को मिलता है. श्री कृष्ण यमुना के किनारे गाय चराने के लिए आते थे. श्री कृष्ण की प्राण प्यारी गाय जब चलते-चलते काफी दूर निकल जाती थी, तो श्री कृष्णा इस वट वृक्ष पर बैठकर अपनी बांसुरी को बजाते थे. आवाज सुनते ही चली आती थी गाय बांसुरी की धुन को सुनकर गाय कोसों किलोमीटर दूर से दौड़ी चली आई थीं. आज भी वह वट वृक्ष मौजूद है, जिस पर श्री कृष्ण बैठकर गायों को बांसुरी के जरिए बुलाते थे. श्रीकृष्ण के वट वृक्ष के दर्शन करने के लिए आज भी सैकड़ों श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं. यहां बट वृक्ष के दर्शन करने के बाद वह अपने आप को धन्य करते हैं. आज भी आती है बांसुरी का आवाज बंसी वट पर दर्शन करने आए भगवान दास नाम के श्रद्धालु ने बताया कि यह श्री कृष्ण ने इस वट वृक्ष पर बैठकर बंसी बजाई और गोचारण लीला की. इस वट वृक्ष पर अगर ध्यान लगाकर इस वृक्ष से कान सटाकर अगर आवाज को सुना जा सकता है. माना जाता है कि इस वृक्ष पर कृष्ण बांसुरी बजाते थे, तो इस पेड़ में दिव्य ऊर्जा उत्पन्न हुई. इसी वजह से इससे आज भी बांसुरी की वही मधुर तान सुनाई देती है. कृष्ण के होने का संकेत देती है मुरली की धुन मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालु हरिदास का भी यही कहना है कि पेड़ में जब कान लगाकर सुन गया, तो बंसी बजने की आवाज पेड़ से सुनाई दी. भगवान श्री कृष्ण की कृपा होती है जी भक्त को यह आवाज सुनाई देती है. इस मंदिर की अपनी ही एक अलग मानता है उन्होंने यह भी बताया कि ठाकुर जी ने यहां लीला की थी और यहां से दर्शन करने के बाद कोई भी भक्त खाली नहीं लौटता है. आज भी पेड़ से संगीत सुनाई देता है. उन्होंने यह भी बताया कि यहां ऐसा लगता है, भगवान श्री कृष्ण इस वट वृक्ष में वास करते हैं. Tags: Ajab Gajab, Local18, Mathura newsFIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 10:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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