खतरे में गंगा डॉल्फिनगर्मी के कारण कम हुआ पानी! मंडरा रहा पलायन का खतरा
खतरे में गंगा डॉल्फिनगर्मी के कारण कम हुआ पानी! मंडरा रहा पलायन का खतरा
वाराणसी से गंगा गोमती के संगम के करीब वैसे तो गंगा में डॉल्फिन को संरक्षित किया जा रहा है. लेकिन वर्तमान में जिस तरह लगातार गंगा का पानी कम हुआ है और जगह-जगह बीच गंगा में रेत के टीले दिखाई दे रहे हैं वैसे में यह आशंका है कि यह डॉल्फिन भी वहां नहीं रुकेंगे.
वाराणसी: वाराणसी में गंगा की लहरों पर अटखेलियां करने वाले गंगा डॉल्फिन पर इन दिनों खतरा मंडरा रहा है .लगातार कम हो रहे जलस्तर के कारण जलीय जीव पानी में डिजॉल्व ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण दम तोड़ रहे हैं . हाल ये है कि जिस तरह लगातार गंगा का जलस्तर कम हो रहा है. वैसे में गंगा वैज्ञानिक ऐसी संभावना जता रहे हैं कि ऐसा ही रहा तो गंगा में डॉल्फिन भी या तो अपना जगह बदल लेगी या दम तोड़ देगी.
पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफेसर बी डी त्रिपाठी ने बताया कि गंगा में जब पानी का स्तर कम होता है तो उसकी गहराई भी कम होती है और जब गहराई कम होती है तो पानी का तापमान बढ़ता है .पानी का तापमान बढ़ने के कारण पानी का डिजॉल्व ऑक्सीजन कम हो जाता है. तो जो जीव कम पानी में भी रह लेते है वो पानी में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा कम होने कारण पानी में उनका जिंदा रहना सम्भव नहीं हो पाता है.इसलिए गर्मियों के मौसम में जलीय जीव पानी में दम तोड़ने लगते है.
डॉल्फिन के लिए अधिक पानी की जरूरत
वाराणसी से गंगा गोमती के संगम के करीब वैसे तो गंगा में डॉल्फिन को संरक्षित किया जा रहा है. लेकिन वर्तमान में जिस तरह लगातार गंगा का पानी कम हुआ है और जगह-जगह बीच गंगा में रेत के टीले दिखाई दे रहे हैं वैसे में यह आशंका है कि यह डॉल्फिन भी वहां नहीं रुकेंगे. क्योंकि गंगा डॉल्फिन 12 से 18 फीट गहरे पानी में रहते है. ऐसे में जब पानी का लेबल कम होता है तो वो जगह बदलने पर मजबूर हो जाते हैं.
दर्जनों घाटों से दूर हुई गंगा
गौरतलब है कि वाराणसी में इन दिनों गंगा के जलस्तर कम हुआ है. कम हो रहे जलस्तर के कारण अब कई घाटों पर गंगा के पानी ने घाटों की सीढ़ियों को भी छोड़ दिया है. अस्सी, तुलसी, चेतसिंह, शिवाला, हनुमान घाट सहित कई घाटों पर ऐसी तस्वीर दिख रही है.
सामने घाट के सामने खड़ा हुआ रेत का टीला
इसके अलावा वाराणसी के सामने घाट इलाके में बीच गंगा में कई जगह रेत के बड़े बड़े टीले भी उभर कर सामने आ गए है. इन टीलों को अब स्थानीय मल्लाहों ने अपना ठिकाना बना लिया है और लोग वहां मछली पकड़ते सुबह शाम नजर आ रहे है.
Tags: Local18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 16:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed