वाराणसी/अभिषेक जायसवाल: काशी को मंदिरों का शहर कहा जाता है. वैसे तो इस शहर के कण-कण में भगवान शिव विराजमान है,लेकिन इससे इतर भी इस नगरी में कई देवी देवताओं के मंदिर है. इनमें कमच्छा स्थित बटुक भैरव का मंदिर (Batuk Bhairav Mandir) भी एक है. बटुक भैरव को भगवान शिव का बाल रूप माना जाता है.इन्हें टॉफी बिस्किट वाले भगवान के नाम से भी जानते है.बटुक भैरव को भक्त टॉफी बिस्किट का प्रसाद चढ़ाते हैं.
वाराणसी में है बटुक भैरव का मंदिर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान बटुक भैरव के दर्शन से हर तरह के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं. इसके अलावा कुंडली में राहु केतु के कष्टों से भी मुक्ति मिल जाता है.इतना ही नहीं ऊपरी बाधा सम्बंधित परेशानियां भी इनके दर्शन से दूर होती है.
हर दिन आते हैं भक्त
कमच्छा स्थित बटुक भैरव मंदिर में दर्शन के लिए हर दिन हजारों श्रद्धालु आते है. इसमें वाराणसी सहित आस पास के जिले के भक्त भी शामिल होते है.मंगलवार और रविवार को मंदिर में विशेष भीड़ होती है.बताते चलें कि हर साल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को उनकी जयंती मनाई जाती है.
17वीं शताब्दी का है मंदिर
मंदिर के महंत राकेश पूरी ने बताया कि काशी में स्थित यह मंदिर 17वीं शताब्दी के आस पास का है.बटुक भैरव को शिव और काली का पुत्र माना जाता है.इसलिए इनके दर्शन से हर तरह के भय और बाधा से मुक्ति मिल जाती है और भक्तों की मनोकामनाएं भी जल्द पूरी होती है.
हर दिन होता है पंचमकार पूजा
बटुक भैरव मंदिर में हर दिन पंचमकार विधि से पूजा की जाती है.इस विधि में पूजन के दौरान उन्हें टॉफी,बिस्किट का भोग लगाया जाता है और फिर उसे प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है. इससे संतान की सभी बाधाएं दूर होती है.
Tags: Local18, Lord Shiva, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : June 15, 2024, 18:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed