बक्सर में गजब सियासी खेल निर्भय वापस तो हमनाम ने बढ़ाई आनंद मिश्रा की टेंशन

Bihar Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर बक्सर संसदीय क्षेत्र में चुनावी पारा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. एक ही नाम के दो दो प्रत्याशियों की चर्चा खूब हो रही है. कोई इसे संयोग कह रहा है तो कोई से सोची-समझी रणनीति बता रहा है. आगे जानते हैं कि आखिर पूरा माजरा क्या है.

बक्सर में गजब सियासी खेल निर्भय वापस तो हमनाम ने बढ़ाई आनंद मिश्रा की टेंशन
बक्सर. असम कैडर से आईपीएस पद से रिजाइन देकर आनंद मिश्रा बक्सर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, बक्सर का स्थानीय युवक भी आनंद मिश्रा के नाम से नामांकन करके चुनावी मैदान में ताल ठोक रहा है. इससे सियासी गलियारों में चर्चा का विषय इसलिए है कि एक आनंद मिश्रा ने दूसरे आनंद मिश्रा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दिलचस्प यह है कि एक आनंद मिश्रा आईपीएस की नौकरी छोड़कर चुनावी मैदान में हैं तो बक्सर के रहने वाले दूसरे कैंडिडेट स्थानीय युवक आनंद मिश्रा ने इंटर तक पढ़ाई की. उसने भी पर्चा भर के इस लड़ाई को रोचक बना दिया है. इंटर पास आनंद मिश्रा के पिता का नाम मदन कुमार मिश्रा है जो कि सिमरी थाना क्षेत्र के बड़का गांव दक्षिण टोला का रहने वाला है. आनंद मिश्रा बताते हैं कि उनकी शिक्षा महज इंटरमीडिएट तक हुई है. इन्होंने अपने राजनीति जीवन की शुरुआत भाजपा से की थी, लेकिन ये भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं, और इस बार बक्सर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से एक निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा दाखिल किया है. बता दें कि बक्सर संसदीय सीट से भाजपा के मिथिलेश तिवारी और राजद के सुधाकर सिंह में मुख्य मुकाबला माना जा रहा है, लेकिन पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा संघर्ष को त्रिकोणीय बना रहे हैं. वहीं ददन पहलवान के बेटे निर्भय यादव की नाम वापसी के बाद बक्सर की लड़ाई में राजद को थोड़ी राहत मिली है. जबकि, भाजपा में अश्विनी चौबे को टिकट नहीं मिलने से नाराजगी का फैक्टर अभी भी जमीन पर काम करता हुआ दिख रहा है. इसमें पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा को भी भाजपा के लिए अधिक खतरा माना जा रहा है. लेकिन, अब जब आनंद मिश्रा नाम से ही दूसरे उम्मीदवार मैदान में आ गए हैं तो चुनावी मुकाबला रोचक हो गया है. वहीं, इंटर पास आनंद मिश्रा बताते हैं कि वह ट्रांसपोर्ट का कारोबार करते हैं और कोरोना काल में लोगों की इन्होंने काफी मदद की थी. उनको भरोसा है कि कोरोना संकट के दौरान उनके द्वारा सामाजिक कार्य को जनता याद रखेगी और आगामी चुनाव में उन्हें विजयी बनाएगी. जबकि, दूसरी ओर पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा को लोगों का सपोर्ट मिलता दिख रहा है. अब देखना यह है कि इस बार जो कि असम कैडर से आईपीएस पद से इस्तीफा देकर के बक्सर से अपनी किस्मत आजमा रहे आनंद मिश्रा के साथ जनता जाती है या इंटर पास आनंद मिश्रा का साथ देती है. Tags: Buxar lok sabha election, Buxar news, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 13:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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