मंकीपॉक्स से निपटने के लिए कानपुर तैयार हैलट अस्पताल में बनाया गया 100 बेड का वार्ड
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए कानपुर तैयार हैलट अस्पताल में बनाया गया 100 बेड का वार्ड
Monkeypox News: प्रोफेसर संजय काला ने बताया कि मंकीपॉक्स, स्मॉल पॉक्स फैमिली से निकले वायरस में से एक है.पहली बार 1958 में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था.पहले यह वायरस सिर्फ जानवरों में पाया जाता था.लेकिन जंगलों के कटने की वजह से इसका ट्रांसमिशन इंसानों में हो गया.अब दुनिया भर में ?
रिपोर्ट: अखंड प्रताप सिंह
कानपुर. दुनिया के 76 देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं. जिस प्रकार से कोरोना वायरस ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था,उसी प्रकार अब लोग मंकीपॉक्स को लेकर दहशत में हैं. देशभर में मंकीपॉक्स को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. कानपुर में भी स्वास्थ विभाग ने कमर कस ली है. कानपुर के हैलट अस्पताल में कोविड-19 वार्ड में 100 बेड का मंकीपॉक्स वार्ड तैयार किया गया है, जो किसी भी स्थिति से निपटने में मददगार साबित होगा. NEWS 18 LOCAL ने जाना क्या है मंकीपॉक्स, क्या होते हैं इसके सिम्टम्स और यह कितना खतरनाक है?
भारत समेत दुनिया के 76 देशों में फैला
NEWS 18 LOCAL से बातचीत में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संजय काला ने बताया कि मंकीपॉक्स दुनिया के 76 देशों में फैल चुका है. जिसको देखते हुए देश में अलर्ट जारी किया गया है और कानपुर में भी एहतियातन 100 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है.
जानिये क्या है मंकीपॉक्स और इसके सिम्टम्स ?
प्रोफेसर संजय काला ने बताया कि मंकीपॉक्स, स्मॉल पॉक्स फैमिली से निकले वायरस में से एक है. पहली बार 1958 में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. पहले यह वायरस सिर्फ जानवरों में पाया जाता था. लेकिन जंगलों के कटने की वजह से इसका ट्रांसमिशन इंसानों में हो गया. अब दुनिया भर में एक बार फिर से फैल रहा है. 76 देशों को इसने अपनी चपेट में ले लिया है. वहीं दो प्रकार के मंकीपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं. जिसमें से एक सेंट्रल मंकीपॉक्स है तो दूसरा वेस्टर्न मंकीपॉक्स है. वहीं वेस्टर्न मंकीपॉक्स ज्यादा घातक है. इसके सिम्टम्स की बात की जाए तो इसमें खुजली होना ,बुखार आना और गांठे पड़ना आदि लक्षण दिखाई देते हैं.
देश भर में सिर्फ पुणे में है जांच केंद्र
अभी प्रदेश में मंकीपॉक्स की जांच के लिए सुविधा उपलब्ध नहीं है. अब तक इसकी जांच की सुविधा केवल पुणे में उपलब्ध है. इसीलिए सारे सैंपल पुणे भेजे जाते हैं, जहां पर सैंपल की जांच होती है. हालांकि अभी तक कानपुर महानगर में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसको जांच के लिए भेजा जाए.
डर से ज्यादा सावधानी की जरूरत
प्रोफेसर काला ने बताया कि इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सावधानी बरतनी चाहिए. कोरोना वायरस के चलते लोगों के अंदर मंकीपॉक्स को लेकर भी दहशत का माहौल है. लोग घबरा रहे हैं, लेकिन उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. यह इतना घातक वायरस नहीं है. हालांकि इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन इसमें मृत्यु दर ना के बराबर है. इसलिए लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है सिर्फ सावधानियां बरतनी हैं.
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Tags: Kanpur news, Monkeypox, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 12:24 IST