G7 समिट से खत्म हो जाएगी यूक्रेन-रूस जंग क्या PM की जेलेंस्की संग मीटिंग होगी
G7 समिट से खत्म हो जाएगी यूक्रेन-रूस जंग क्या PM की जेलेंस्की संग मीटिंग होगी
G7 Summit: यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर विनय क्वात्रा ने कहा, "हमने हमेशा यह माना है कि वार्ता और कूटनीति ही इसका समाधान करने का सर्वोत्तम विकल्प है." उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि "आज का युग युद्ध का नहीं है".
नई दिल्ली. भारत ने बुधवार को दोहराया कि यूक्रेन संघर्ष को हल करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प संवाद और कूटनीति है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली जा रहे हैं. इस शिखर सम्मेलन के मुख्य रूप से वैश्विक भू-राजनीतिक उथल-पुथल से निपटने पर ध्यान होगा. पीएम मोदी एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 14 जून को होने वाले शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में भाग लेने के लिए बृहस्पतिवार को इटली जाएंगे. तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी.
इटली के अपुलिया क्षेत्र के बोर्गो एग्नाजिया के आलीशान रिसॉर्ट में 13 से 15 जून तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन में चल रहे युद्ध और गाजा में संघर्ष का मुद्दा छाया रहने की संभावना है. यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर विनय क्वात्रा ने कहा, “हमने हमेशा यह माना है कि संवाद और कूटनीति ही इसका समाधान करने का सर्वोत्तम विकल्प है.” उन्होंने सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री मोदी के बयान को भी याद किया कि “आज का युग युद्ध का नहीं है”.
क्वात्रा ने युद्ध के परिणामों के बारे में बात की, जिसमें भोजन, ईंधन और उर्वरक की उपलब्धता पर पड़ने वाले प्रभाव, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए चुनौतियां और वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यवधान शामिल हैं. उन्होंने कहा, “हम हमेशा न केवल संघर्ष, संवाद और कूटनीति की आवश्यकता के बारे में बात करने में सबसे आगे रहे हैं, बल्कि इस बात पर भी बात करते रहे हैं कि संघर्ष किस तरह विकासशील देशों की प्राथमिकताओं और हितों को प्रभावित कर रहा है.”
उन्होंने कहा, “संघर्ष के कारण वैश्विक दक्षिण के समक्ष आने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए, यूक्रेन को मानवीय सहायता और संघर्ष से प्रभावित वैश्विक दक्षिण को सहायता प्रदान करने के लिए हम हमेशा सबसे आगे रहे हैं.” विदेश सचिव ने कहा कि भारत शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं के साथ अपना दृष्टिकोण साझा करना जारी रखेगा तथा स्थिति से निपटने के लिए संवाद और कूटनीति के महत्व पर जोर देना जारी रखेगा.
क्वात्रा ने कहा कि मोदी 14 जून को अन्य देशों के साथ संपर्क सत्र में भाग लेंगे. यह सत्र कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित होगा. विदेश सचिव ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा करने का अवसर मिलेगा.
विदेश सचिव ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की नियमित भागीदारी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए नई दिल्ली के प्रयासों की बढ़ती मान्यता को दर्शाती है. क्वात्रा ने कहा कि मोदी के इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, “बैठक में दोनों प्रधानमंत्रियों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा करने तथा अगले कदमों के लिए दिशा-निर्देश देने की उम्मीद है.”
पीएम मोदी के कुछ अन्य नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना है. यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक करेंगे, क्वात्रा ने सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि पीएम मोदी का कार्यक्रम अभी तय किया जा रहा है.
Tags: Narendra modi, Russia, Ukraine, Volodymyr ZelenskyFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 22:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed